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बदायूं

‘मधु का पांचवां बच्चा’ कैसे जाएगा स्कूल…पढ़िए एक दिलचस्प और हैरतअंगेज मामला

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दुर्गा प्रसाद शुक्ला की रिपोर्ट

योगी सरकार ने 4 अप्रैल से पूरे प्रदेश में स्कूल चलो अभियान की शुरुआत की। खुद मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने साक्षरता के निचले पायदान पर मौजूद श्रावस्ती जिले से इस अभियान की शुरुआत की। इस बीच बदायूं में एक ऐसा मामला सामने आया है, जिसने अभियान पर ही सवाल दिए। बदायूं की रहने वाली एक 6 साल की बच्ची के आधार कार्ड पर उसके नाम की जगह पर ‘मधु का पांचवां बच्चा’ लिख दिया गया।

बच्ची के माता-पिता शिक्षित नहीं हैं, ऐसे में उन्हें इस लापरवाही की जानकारी नहीं थी। मामले का खुलासा तब हुआ, जब वह शनिवार को बच्ची का प्राइमरी स्कूल में एडमिशन कराने गए। स्कूल में एडमिशन के लिए टीचर ने आधार कार्ड मांगा।

आधार कार्ड पर बच्ची के नाम की जगह मधु का पांचवां बच्चा लिखा हुआ था। टीचर ने नाम गलत हाेने की वजह से एडमिशन नहीं दिया। हालांकि, ये गलती भटिंडा डाक विभाग की है, लेकिन बदायूं के डाक विभाग का कहना है कि वो इसको संशोधित करके नया आधार कार्ड जारी करेंगे।

पिता ने भठिंडा में रहते हुए बनवाया था आधार कार्ड

मूलरूप से तहसील बिल्सी इलाके के गांव रायपुर मजरा निवासी दिनेश पेशे से मजदूर हैं। मजदूरी के लिए वो परिवार के साथ दूसरे राज्यों में जाते रहते हैं। तीन साल पहले वो पंजाब के भठिंडा गए थे। वहां उन्होंने डाकघर में बेटी गुड़िया के आधार कार्ड का आवेदन किया था। दिनेश को कुछ दिन बाद वहां के डाकघर से आधार मिल गया। चूंकि वह पढ़े-लिखे नहीं हैं। ऐसे में आधार को उन्होंने बिना पढ़े अपने पास रख लिया। जबकि उसमें बड़ी लापरवाही थी।

स्कूल में नहीं मिला एडमिशन

दिनेश की बेटी गुड़िया अब छह साल की हो गई है। शनिवार को उनकी पत्नी मधु बच्ची का दाखिला कराने के लिए गांव के प्राथमिक विद्यालय पहुंचीं। यहां टीचर ने मधु से बच्ची की आधार मांगा तो उन्होंने निकालकर दे दिया। टीचर ने जैसे ही आधार देखा तो वह हैरान हो गई। बाद में शिक्षक ने एडमिशन से इंकार करते हुए आधार संशोधन कराने का सुझाव दिया।

स्टाफ ने ही इस आधार की फोटो ली। उसे सोशल मीडिया पर वायरल कर दिया। श्रावस्ती डीएम दीपा रंजन का कहना था कि मामला उनके संज्ञान में नहीं आया है। बच्ची की मां मधु का कहना है कि वह अपनी बिटिया को पढ़ाना चाहती हैं। रही बात आधार की खामी की तो उसे अफसर ठीक कराएं।

उधर, डाक अधीक्षक मनोज गुप्ता ने बताया कि ऐसी चूक स्थानीय स्तर पर नहीं हुई है। हालांकि, अगर परिजन आधार संशोधन के लिए आते हैं तो उनका आधार संशोधित करा दिया जाएगा।

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samachardarpan24
Author: samachardarpan24

जिद है दुनिया जीतने की

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