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November 23, 2024 2:12 pm

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बाबा के कमरे में बस लडकियों की एंट्री… सफेद सूट और टाई वाले इस बाबा का सच…लीला रचाते कहाँ गुम हो गए 

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दुर्गा प्रसाद शुक्ला की रिपोर्ट

उत्तर प्रदेश के हाथरस में सत्संग के दौरान मची भगदड़ में 121 लोगों की मौत हो गई। यह हादसा उस समय हुआ जब नारायण साकार उर्फ भोले बाबा का सत्संग चल रहा था। भोले बाबा का उत्तर प्रदेश के लोगों में विशेष आदर और आस्था है। यूपी के अलावा, दिल्ली, राजस्थान और मध्य प्रदेश में भी उनके भक्त हैं। कुछ लोगों का मानना है कि भोले बाबा के आश्रम में कई गहरे राज छिपे हुए हैं। उन्हें हमेशा सफेद सूट में देखा जाता है, और यह भी सुना गया है कि उनके कमरे में केवल लड़कियों को ही प्रवेश की अनुमति होती थी।

पुलिस कांस्टेबल से स्वघोषित बाबा तक का सफर

नारायण साकार, जिन्हें भोले बाबा के नाम से जाना जाता है, ने एक आम व्यक्ति से स्वघोषित बाबा बनने तक का सफर बहुत कम समय में पूरा किया। उनका असली नाम सूरज पाल है। वे मूल रूप से उत्तर प्रदेश के कासगंज जनपद के तहसील पटियाली के गांव बहादुर नगर के रहने वाले हैं। 

बाबा के पिता एक किसान थे और उन्होंने अपनी प्रारंभिक पढ़ाई गांव में ही पूरी की। भोले बाबा के दो भाई और हैं। सबसे बड़े भाई का निधन हो चुका है, दूसरे भाई का नाम सूरज पाल है और तीसरे भाई बीएसपी में नेता हैं और गांव बहादुर नगर के प्रधान भी रह चुके हैं।

बाबा बनने की कहानी

भोले बाबा बनने से पहले सूरज पाल पुलिस की एलआईयू शाखा में हेड कांस्टेबल थे। 1999 में उन्होंने नौकरी छोड़ दी और बाबा बन गए। बाबा बनने के बाद सफेद सूट उनकी पहचान बन गई। 

उनकी पत्नी का नाम प्रेम बती है। उन पर आरोप है कि उन्होंने कई ‘एजेंट’ रखे हुए थे, जो जनता को भ्रमित करने के लिए पैसे लेते थे और कहते थे कि बाबा की उंगली पर चक्र दिखाई देता है।

आश्रम और विवाद

नारायण साकार पर यह भी आरोप हैं कि उन्होंने गांव की जमीनों पर अवैध कब्जा करके आश्रम बनाया है। कहा जाता है कि उनके आश्रम में केवल खूबसूरत लड़कियों को ही प्रवेश की अनुमति है, और उनके कमरे में सिर्फ खास लोग ही जा सकते हैं। बाहरी लोगों को उनके कमरे में प्रवेश की इजाजत नहीं होती है।

लग्जरी जीवनशैली

भोले बाबा के पास कई महंगी लग्जरी गाड़ियां हैं, लेकिन इनमें से एक भी गाड़ी उनके नाम पर नहीं है। सभी गाड़ियां अन्य लोगों, खासकर भक्तों के नाम पर हैं। बाबा ने अपने नाम पर कुछ भी नहीं किया है। 

बताया जा रहा है कि वे एक बार जेल भी जा चुके हैं। बावजूद इसके, पिछले कुछ समय से उनकी मान्यता बढ़ती जा रही थी। पिछले साल यूपी के पूर्व मुख्यमंत्री और सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव भी उनके दरबार में पहुंचे थे, और उनकी तस्वीरें सोशल मीडिया पर वायरल हो रही थीं।

इस घटना और भोले बाबा से जुड़े विभिन्न पहलुओं ने जनता और मीडिया का ध्यान खींचा है, और उनके आश्रम और गतिविधियों की गहराई से जांच की मांग उठ रही है।

samachar
Author: samachar

"कलम हमेशा लिखती हैं इतिहास क्रांति के नारों का, कलमकार की कलम ख़रीदे सत्ता की औकात नहीं.."

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