google.com, pub-2721071185451024, DIRECT, f08c47fec0942fa0
अपराध

अपने इगो तुष्टिकरण के लिए ममता और दुलार की पर्याय माँ कैसे बन गयी ममता की कातिल? दुनिया हिल गई पूरी हकीकत जान कर

IMG-20250425-WA1484(1)
IMG-20250425-WA0826
IMG-20250502-WA0000
Light Blue Modern Hospital Brochure_20250505_010416_0000
IMG_COM_202505222101103700

टिक्कू आपचे की रिपोर्ट

बंद कमरे में गोवा की यह वारदात रिश्‍तों को शर्मसार कर देने वाली है। एक मासूम की हत्‍या। हत्‍यारा भी कोई और नहीं। 9 महीने उसे कोख में रखकर जन्‍म देने वाली उसकी अपनी मां। 

इस हत्‍यारी मां का प्रोफाइल भी हल्‍का-फुल्‍का नहीं। एक कंपनी की सीईओ और हार्वर्ड रिसर्च फेलो जिसका नाम AI एथिक्‍स में 100 बेहतरीन महिलाओं में रह चुका है। ममता पर वार करने वाली इस हैवान का नाम है सूचना सेठ। 

अपने 4 साल के बच्‍चे का कत्‍ल करने के बाद शायद यह कभी पुलिस के हाथ नहीं लगती। लेकिन, होटल स्‍टाफ की होशियारी और गोवा पुलिस की तत्‍परता ने सूचना सेठ का पूरा खेल बिगाड़ दिया। मासूम बेटे के खून ने ही इस हत्‍या का सुराग दिया। यह खून ही बोला- ‘मां कातिल है’!

शास्त्रों में कहा गया है ‘कुपुत्रो जायेत क्विचिदपि कुमाता न भवति’ यानी पुत्र तो कुपुत्र हो सकता है लेकिन कभी मां कुमाता नहीं हो सकती। लेकिन 39 साल की सूचना सेठ ने तो अपने 4 साल के अबोध बेटे को ही बेरहमी से मार डाला। वजह सिर्फ यह कि वह नहीं चाहती थी कि उसका पति उसके बच्चे से मिले। 

पति-पत्नी के बीच तलाक का केस चल रहा था और दोनों के बीच बेटे की कस्टडी के लिए कानूनी लड़ाई चल रही थी। रोंगटे खड़े कर देने वाले इस कांड में हर मां, हर बाप, हर कामकाजी शख्स के लिए सबक छिपे हैं।

सूचना सेठ बेंगलुरु स्थित स्टार्टअप ‘माइंडफुल एआई लैब’ की सीईओ है। 2010 में उसकी वेंकट रमन से शादी हुई। 2019 में दोनों को एक बेटा हुआ। लेकिन इसके बाद दोनों के रिश्तों में कड़वाहट आने लगी। 2020 में दोनों अलग हो गए और उनके तलाक की प्रक्रिया आखिरी चरण में थी। तलाक के मामलों में सबसे पेचीदा होता है बच्चों के कस्टडी का मामला। 

कोर्ट ने वेंकट रमन को हर रविवार को अपने बेटे से मिलने की इजाजत दे दी थी। सूचना सेठ नहीं चाहती थी कि वह हर रविवार अपने बेटे को पति के पास ले जाए। उसने इसे अपने ईगो से जोड़ लिया और उसे तुष्ट करने के चक्कर में वह मां से कसाई बन गई।

सूचना सेठ ने पुलिस को बताया कि वह गोवा सिर्फ इसलिए आई ताकि उसे रविवार को अपने बेटे को उसके पिता के पास न ले जाना पड़े। पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट में बच्चे की मौत की वजह दम घुटना है। पुलिस आशंका जता रही है कि सेठ ने तकिये से अपने 4 साल के बच्चे का दम घोंट दी। वह यह कह रही है कि उसकी मंशा बेटे को जान से मारने की नहीं थी लेकिन अचानक वह मर गया। लेकिन अगर ऐसा ही था तब वह किसी शातिर क्रिमिनल की तरह बच्चे के शव को बैग में डालकर कार से बड़े ही बेफिक्र अंदाज में जाते हुए क्यों पकड़ी गई? 

पूछताछ में उसने ये भी बताया कि बेटे की हत्या के बाद वह अपनी भी जान देना चाहती थी। सोमवार को वह गोवा के कैंडोलिम में अपने होटल से बाहर निकली। बेंगलुरु जाने के लिए होटल स्टाफ से वह टैक्सी लाने को कही। उसे बताया गया कि टैक्सी से सस्ती तो फ्लाइट पड़ेगी, लेकिन वह टैक्सी पर अड़ी रही। टैक्सी आई और वह बेंगलुरु के लिए निकल गई। तबतक होटल स्टाफ या वहां मौजूद किसी भी शख्स को कुछ भी असामान्य नहीं लगा। लेकिन जब एक होटल स्टाफ कमरे में सफाई करने गया तो खून के धब्बे देखकर चौंक गया।

आप को यह भी पसंद आ सकता है  अखंड रामायण पाठ का भावपूर्ण समापन ; भक्तों के लिए वृहद भंडारे का आयोजन

आनन-फानन में होटल स्टाफ ने सूचना सेठ के चेक आउट के समय का सीसीटीवी फुटेज खंगाला। तब सबका ध्यान गया कि महिला तो अकेले बाहर निकली, उसका बेटा साथ नहीं दिख रहा था। तत्काल पुलिस को सूचना दी गई। गोवा पुलिस ने टैक्सी ड्राइवर से बात की और आखिरकार कर्नाटक के चित्रदुर्ग में सूचना सेठ को गिरफ्तार कर लिया गया।

ममता की कातिल मां की ये रोंगटे खड़े कर देने वाली कहानी में हर मां-बाप और हर प्रफेशनल के लिए सबक छिपे हुए हैं। भारत में हाल के वर्षों में तलाक के मामले तेजी से बढ़े हैं। इसकी सबसे बड़ी वजह तो ये है कि अब महिलाएं आर्थिक तौर पर भी स्वतंत्र होने लगी हैं। आर्थिक और सामाजिक तौर पर पति पर निर्भर महिला पर अगर किसी तरह के अत्याचार होते थे तब भी उसे सह लेती थी और तलाक से बचती थी। लेकिन महिलाओं के स्वावलंबी बनने से भी तलाक के मामले बढ़ रहे हैं, लेकिन इसमें कोई बुराई नहीं है। तलाक की अन्य वजहों में बेवफाई, भरोसे की कमी, शक, पार्टनर के साथ अंतरंग पलों के लिए समय का न निकल पाना आदि शामिल हैं। चिंता तब होती है जब पति और पत्नी छोटी-मोटी बातों पर उलझ जाते हैं। सूचना सेठ केस ने कई गंभीर सवाल खड़े किए हैं।

वर्क-लाइफ बैलेंस बिगड़ने से व्यक्ति अपने परिवार को उतना समय नहीं दे पाता जितना देना चाहिए। पति-पत्नी अगर दोनों कामकाजी हैं तो चुनौती और भी ज्यादा है। करियर बनाने और करियर में शिखर छूने की भूख से परिवार पीछे छूट रहा। रिश्ते पीछे छूट रहे। सूचना सेठ के पास क्या नहीं था? उसके लिंक्डइन प्रोफाइल पर नजर डालिए। हार्वर्ड यूनिवर्सिटी से पढ़ी-लिखी। एआई स्टार्टअप की सीईओ। 2021 में एआई एथिक्स लिस्ट में शामिल 100 प्रतिभाशाली महिलाओं में से एक। लेकिन करियर बनाने की अंधी दौड़ में परिवार ही पीछे छूट गया। पति-पत्नी के पास सबकुछ था लेकिन अगर कुछ नहीं था तो वह था एक दूसरे के लिए वक्त। धीरे-धीरे उनमें दूरियां बढ़ने लगीं जो अलगाव का सबब बन गईं। करियर, दौलत, शोहरत की भूख में परिवार पीछे छूट रहा है। पहले तो जॉइंट फैमिली हुआ करती थी। फैमिली शॉक ऑब्जर्वर का काम करती है। बड़ा से बड़ा तनाव परिवार के भावनात्मक सपोर्ट से छूमंतर हो जाया करता था। परिवार में अगर कोई मानसिक तौर पर परेशान भी है तो वह टूटता नहीं था क्योंकि उसे परिवार से हर तरह का समर्थन हासिल होता था। अब न्यूक्लियर फैमिली का जमाना है। लेकिन करियर बनाने, चमकाने की अंधी दौड़ में अब उस न्यूक्लियर फैमिली तक के लिए वक्त नहीं मिल रहा। ये चिंता की बात है।

शानदार काम किया गोवा पुलिस ने। इन्‍होंने बड़ी होशियारी से महिला के लिए जाल बिछाया। उसे फरार होने से पहले ही दबोच लिया। सूचना सेठ कैसे पुलिस के हाथ में आई, पूरा मामला बेहद दिलचस्‍प है। हालांकि, इस हत्‍या की बहुत सी परतों का खुलना अभी बाकी है। इसमें से एक यह भी सवाल बना हुआ है कि सूचना सेठ को ऐसा क्यों लगा कि उसे अपने बच्चे की हत्‍या करनी होगी। अब तक जो पता चला है वह हैरान करने वाला है। बच्चे की हत्या गोवा के होटल के कमरे में हुई। उसके शव को एक बैग में भर दिया गया था। वह बैग उस कैब में मिला जिसे उसकी मां ने बेंगलुरु ले जाने के लिए किराये पर बुक कराया था।

आप को यह भी पसंद आ सकता है  बेटियां कब तक ऐसे टुकड़े टुकड़े होती रहेंगी ; टैक्सी ड्राइवर से प्यार और फिर बेरहमी से कत्ल…

39 साल की सूचना सेठ ने 6 जनवरी को अपने बेटे के साथ उत्तरी गोवा के कैंडोलिम में एक सर्विस अपार्टमेंट में चेक-इन किया। दो दिन बाद वह अकेली एक बड़े बैग के साथ बाहर निकली। उसे बेंगलुरु जाना था। होटल स्टाफ ने सुझाव दिया कि टैक्‍सी के बजाय बेंगलुरु के लिए गोवा से फ्लाइट सस्‍ती रहेगी। टैक्‍सी ज्यादा महंगी पड़ेगी। वक्‍त भी ज्‍यादा लगेगा। सड़क से 600 किमी की दूरी तय करने में 12 घंटे से ज्‍यादा लगने थे। जबकि फ्लाइट से 90 मिनट से भी कम का समय लगता। हालांकि, सूचना सेठ ने जोर दिया कि उसे टैक्‍सी से ही जाना है। इसके बाद उसने होटल से चेक-आउट किया। अपना लगेज टैक्‍सी में रखा। इस टैक्‍सी को होटल स्टाफ ने अरेंज करके दिया था। सूचना सेठ के रूम से चेक-आउट कर जाने के बाद होटल स्टाफ रूम की सफाई के लिए गया तो वहां पर लाल रंग के धब्‍बे देखे। स्‍टाफ को यह खून लगा। तुरंत होटल के लोगों ने पुलिस को सूचना दी। बिना किसी देरी के पुलिस की एक टीम होटल जा पहुंची।

पुलिस ने दिखाया जबर्दस्‍त ऐक्‍शन!

पुलिस को भी पहली नजर में ये खून के धब्‍बे ही लगे। इसके बाद पुलिस तुरंत हरकत में आ गई। उसने फौरन ड्राइवर के जरिये महिला से संपर्क किया। यह ड्राइवर ही महिला को बेंगलुरु लेकर जा रहा था। जब महिला से बच्‍चे के बारे में पूछा गया तो बताया कि उसने किसी दोस्‍त के घर पर रहने के लिए उसे छोड़ा है। पुलिस का शक धीरे-धीरे पक्‍का हो रहा था। इस पर उसने दोस्‍त के घर का पता बताने के लिए कहा। महिला ने हिचकिचाते हुए दोस्‍त के घर का पता बताया। पुलिस ने इस एड्रेस का पता लगाया तो यह फेक निकला। पुलिस को अब यकीन हो चला था कि दाल में काला है। पुलिस ने ड्राइवर से बात की। सूचना सेठ को उनके बीच होने वाली बातचीत की भनक न लगे इसके लिए पुलिस ने ड्राइवर से कोंकणी में बात की। गोवा पुलिस ने ड्राइवर से कैब को चित्रदुर्ग में नजदीकी पुलिस स्‍टेशन की तरफ गाड़ी का रुख करने को कहा। चित्रदुर्ग बेंगलुरु से करीब 200 किमी दूर है। ड्राइवर ने ठीक वैसा ही किया जैसा कहा गया था।

चित्रदुर्ग में पुलिस ने सूचना सेठ को हिरासत में ले लिया। वह जिस बैग के साथ सफर कर रही थी बेटे का शव उसी में मिला।

118 पाठकों ने अब तक पढा
samachardarpan24
Author: samachardarpan24

जिद है दुनिया जीतने की

[embedyt] https://www.youtube.com/embed?listType=playlist&list=UU7V4PbrEu9I94AdP4JOd2ug&layout=gallery[/embedyt]
Tags

samachardarpan24

जिद है दुनिया जीतने की
Back to top button
Close
Close