बतकही
-
राजनीति में “अंडा” फूटा, विचारों का “ऑमलेट” बन गया
➡️अनिल अनूप अखिलेश यादव द्वारा योगी आदित्यनाथ को “अंडा” कहने पर आधारित यह व्यंग्यात्मक लेख भारतीय राजनीति की भाषा, स्तर…
Read More » -
अदला-बदली के मुखौटे : शांति का नया बाजार
अनिल अनूप इस व्यंग्य में उन लोगों की पोल खोली गई है जो अपने स्वार्थ के लिए रंग बदलते रहते…
Read More » -
फट्टेबाज जी से विनम्र निवेदन है कि….. व्यंग्य जो वास्तविक रूप से दिल को छू जाए…
व्यंग्य : विष्णु नागर अपने पीएम जी ने अभी भी दिल्ली की भाषा में फट्टे मारना नहीं छोड़ा है। दस…
Read More » -
एग्जिट पोल्स : सिर्फ धंधा है या कुछ और इरादे भी…..?
आलेख : बादल सरोज मतदान पूरा होते ही – जैसी कि आशंका थी – सारा मीडिया एग्जिट पोल्स से बजबजाने…
Read More » -
परिवार की तलाश में निकले मोदी….
आलेख : बादल सरोज जैसे-जैसे चुनाव की तारीखें करीब आ रही हैं, मोदी और उनकी पार्टी, जिसका नाम अभी तक…
Read More » -
व्यंग्य ; चलो बुलावा आया है, जरा बाद में बुलाया है…!!
– राजेंद्र शर्मा भाई ये तो अति ही हो रही है। जाने वालों का शोर तो समझ में आता है।…
Read More » -
बतकही ; अयोध्या तो बहाना है, देश की लंका लगाना है !
आलेख : बादल सरोज अयोध्या में और उसे लेकर पूरे देश में – उनका दावा है कि दुनिया भर के…
Read More » -
वो झूठ बोल रहा था बड़े सलीके से, मैं एतबार न करता तो और क्या करता?
अंजनी कुमार त्रिपाठी किसी शायर ने कहा है- जो देखता हूं वही बोलने का आदी हूं मैं अपने शहर का…
Read More »