चुन्नीलाल प्रधान की रिपोर्ट
यूपी के महाराजगंज जिले की 84 किमी की सीमा नेपाल बॉर्डर से लगती है. इस इंडो-नेपाल बॉर्डर पर एसएसबी की तैनाती है. यहीं से भारत से नेपाल और नेपाल से भारत खाने-पीने के सामान, मवेशियों और दूसरे सामान की तस्करी भी की जाती है.
कई बार कस्टम विभाग की मिलीभगत भी सामने आई है. ऐसे में तस्करों के हौसले बुलंद रहते हैं. ऐसे ही एक मामले में एसएसबी ने 111 राजस्थानी नस्ल के बकरों से भरे दो पिकअप वाहन बरामद किए थे. फिर लोकल पुलिस के हवाले कर दिया था. थाना प्रभारी ने बकरों को गांववालों के सुपुर्द कर दिया और मामले में केस दर्ज नहीं किया. एस ने लापरवाही बरतने के चलते थाना प्रभारी को सस्पेंड कर दिया है.
दरअसल, शुक्रवार रात को एसएसबी ने राजस्थान से नेपाल तस्करी के लिए दो पिकअप वाहनों में भरे 111 बकरों को बरामद किया था. पुलिस ने पिकअप ड्राइवर सहित सभी 111 बकरे ठूठीबारी थाना पुलिस के सुपुर्द कर दिए थे. थानेदार उमेश कुमार ने इस मामले में केस दर्ज करने की जगह पिकअप वाहनों का चालान किया और सभी 111 बकरे जरूरतमंद पशुपालकों के हवाले कर दिया था. थानेदार ने ऐसा इसलिए किया था कि बकरों को खाने-पीने की कमी नहीं हो. जो कि आमतौर पुलिस द्वारा किया जाता है.
थानेदार को किया गया निलंबित
वहीं, इस मामले की जानकारी जब महाराजगंज एसपी को मिली तो उन्होंने एक्शन लेते हुए ठूठीबारी थानेदार उमेश कुमार को निलंबित कर दिया. एसपी के मुताबिक, थानेदार ने इस मामले में लापरवाही दिखाई है. उन्होंने ना तो केस दर्ज किया और ना ही उच्च अधिकारियों को इस मामले की जानकारी दी. इसके कारण उनके खिलाफ एक्शन लिया गया है.
पूरा कस्टम विभाग किया गया था सस्पेंड
वहीं, बता दें कि इंडो-नेपाल बॉर्डर के लगातार तस्करी के मामले सामने आते हैं. मगर, कस्टम विभाग पर आरोप लगता है कि वह इस मामलों में ढंग से कार्रवाई नहीं करता है. कुछ महीनों पहले देश में टमाटर के दाम आसमान पर थे. इस दौरान टमाटर की भारी खेप बॉर्डर से पकड़ी गई थी. इस मामले में पूरे कस्टम विभाग को ही सस्पेंड किया गया था. सामने आया था कि कस्टम के अधिकारियों ने रिश्वत लेकर मामले में सेटलमेंट कर लिया था.
Author: samachar
"कलम हमेशा लिखती हैं इतिहास क्रांति के नारों का, कलमकार की कलम ख़रीदे सत्ता की औकात नहीं.."