अंजनी कुमार त्रिपाठी की रिपोर्ट
लखनऊ: उत्तर प्रदेश के पूर्व मंत्री और सपा नेता स्वामी प्रसाद मौर्य (Swami Prasad Maurya) ने एक बार फिर विवादित बयान दिया है। लखनऊ में आयोजित एक कार्यक्रम में उन्होंने कहा- ‘हिंदू नाम का कोई धर्म नहीं है। हिंदू धर्म सिर्फ धोखा है। ब्राह्मण धर्म को हिंदू धर्म कहना एक साजिश है। अगर हिंदू धर्म होता तो आदिवासियों का भी सम्मान होता। सारी विषमता का कारण ब्राह्मणवाद है। यह दलितों और आदिवासियों को मकड़जाल में फंसाने की कोशिश है।’ मौर्य ने कहा-‘ब्राह्मणवाद की जड़ें बहुत गहरी हैं। हिंदू धर्म होता तो इस समाज में पिछड़ों का भी सम्मान होता, लेकिन क्या विडंबना है कि आदिवासी समाज से आने वाले राष्ट्रपति को मंदिर में जाने से रोक दिया जाता है।’
स्वामी प्रसाद मौर्य ने सोमवार को अपने ट्विटर अकाउंट पर एक वीडियो ट्वीट किया है। चार मिनट के इस वीडियो में मौर्य हिंदू धर्म के अस्तित्व पर सवाल उठाते नजर आ रहे हैं। सपा एमएलसी ने कहा -‘द्रोपदी मुर्मू जी को राष्ट्रपति होने के बाद भी रोक दिया जाता है क्योंकि वो आदिवासी समाज से आती हैं। अगर आदिवासी समाज हिंदू होता तो क्या उनके साथ ऐसा बर्ताव हो सकता था। ब्राह्मणी देवता के चतुर चालाक लोग आज भी हमको आदिवासी मानते हैं। इस तरह पूर्व राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद के साथ भी हो चुका है। जिसे आप हिंदू धर्म कहकर उसके दीवाने और पागल होकर अपना सबकुछ लुटा देते हो, हिंदू-मुस्लिम के नाम पर दंगा करा देते हो, खून बहा देते हो, यह तुम्हारी नदानी है।’
ब्राह्मणवाद की जड़े बहुत गहरी है और सारी विषमता का कारण भी ब्राह्मणवाद ही है। हिंदू नाम का कोई धर्म है ही नहीं, हिंदू धर्म केवल धोखा है। सही मायने में जो ब्राह्मण धर्म है, उसी ब्राह्मण धर्म को हिंदू धर्म कहकर के इस देश के दलितों, आदिवासियों, पिछड़ों को अपने धर्म के मकड़जाल में… pic.twitter.com/351EJeSBlY
— Swami Prasad Maurya (@SwamiPMaurya) August 27, 2023
सीएम आवास को गंगा जल से धुलवाने पर उठाए सवाल
समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव स्वामी प्रसाद मौर्य यही नहीं रुके। उन्होंने आगे कहा- ‘जब अखिलेश यादव मुख्यमंत्री पद से हटे, तब इन्हीं सत्ता दल के लोगों ने मुख्यमंत्री आवास को गोमूत्र से धोया। जब इससे मन नहीं भरा तो गंगाजल से धोया गया। क्या अगर ब्राह्मणी देवता का कोई मुख्यमंत्री होता तो किसी की हिम्मत पड़ती उसे गोमूत्र और गंगा जल से धुल देता। उसे इसलिए धुला गया क्योंकि अखिलेश यादव पिछड़े समाज में पैदा हुए हैं।
आदिवासी-दलित और पिछड़े यह कौन है जिसे पहले शू्द्र कहकर जानवरों से बदतर जिंदगी जीने पर मजबूर किया करते थे। सावधान रहना जिसे धर्म मानते हो वो इनका धंधा है। जो इनके लिए धंधा है वो आपके लिए धोखा है।’
Author: samachar
"कलम हमेशा लिखती हैं इतिहास क्रांति के नारों का, कलमकार की कलम ख़रीदे सत्ता की औकात नहीं.."