दुर्गा प्रसाद शुक्ला की रिपोर्ट
गोंडा। नेपाल के पहाड़ी इलाकों में लगातार हो रही बारिश के कारण बैराजों से पानी छोड़े जाने के बाद घाघरा और सरयू नदी पूरे उफान पर है। केंद्रीय जल आयोग की रिपोर्ट के मुताबिक सोमवार की सुबह घाघरा नदी खतरे के निशान 18 सेंटीमीटर ऊपर बह रही है। जिससे पांच विकासखंड के 30 गांव बाढ़ के पानी से पूरी तरह से घिर हुये हैं। नवाबगंज क्षेत्र के कई गांव में बाढ़ का पानी प्रवेश कर चुका है।
यूपी के गोंडा जिले में घाघरा और सरयू नदी में बैराजों से पानी छोड़े जाने के बाद जलस्तर में लगातार बढ़ोतरी हो रही है। कर्नलगंज और तरबगंज तहसील के 30 गांव पानी से पूरी तरह घिर चुके है। प्रशासन ने इन गांवों के लोगों ने तटबंध शरण ले लिए है। सोमवार को सुबह केंद्रीय जल आयोग की आई रिपोर्ट के मुताबिक एल्गिन ब्रिज पर घाघरा का जलस्तर 106.256 पर पहुंच गया है। इस तरह गिरजा बैराज से 150636 शारदा बैराज से 68147 सरयू बैराज से 1483 क्यूसेक से पानी छोड़ा गया। वर्तमान समय में घाघरा और सरयू नदी खतरे के निशान से 18 सेंटीमीटर ऊपर बह रही हैं। जलस्तर उतार चढ़ाव के बीच हजारों बीघे फसल जहां नष्ट हो गई है। वहीं करीब 5 सौ बीघे कृषि योग्य जमीन नदी के कटान की भेंट चढ़ गई। बाढ़ का खतरा बढ़ने से प्रशासन करनैलगंज, नवाबगंज और तरबगंज तहसील में सक्रिय हो गया है। अधिकारी लगातार निगरानी कर लोगों को सुरक्षित स्थान पर जाने की अपील कर रहे हैं। फिर भी अभी ग्रामीणों को गांव में पानी घुसने का इंतजार है।तरबगंज में ऐली-परसौली के तटबंध के किनारे और उमरीबेगमगंज के पास लोग शरण ले रहे हैं।
नवाबगंज में पटपरगंज के साथ ही कटरा-अयोध्या मार्ग के किनारे गांवों के लोग आ रहे हैं। सरयू के बढ़े जलस्तर से नदी व तटबंध के बीच के गांव नउवन पुरवा, परसावल, नैपुरा, माझा रायपुर पानी से चौतरफा घिर गए हैं।
नवाबगंज क्षेत्र के दत्तनगर के बैसिया, पाड़ी, टाड़ी जिव रक्खन पुरवा आदि मजरों में नदी का पानी भर गया है। साथ ही साखीपुर, गोकुला, चौखड़िया, तुलसीपुर माझा, जैतपुर, माझाराठ में पूरी तरह पानी भर गया है। नवाबगंज क्षेत्र के दत्तनगर निवासी आदर्श कुमार तिवारी ने बताया कि सभी रास्तों पर पानी भर गया है। यहां अभी नाव की कोई व्यवस्था नहीं की गई है। जो भी अधिकारी कर्मचारी आते हैं। फोटो खींचा कर चले जाते हैं। हम लोगों को अभी तक कोई व्यवस्था नहीं मिली है।
बाढ़ के पानी से घिरे गांव में बढा संक्रामक रोगों का खतरा
बाढ़ के पानी से गिरे गांव में संक्रामक रोगों का खतरा बढ़ गया है। नदी के तटवर्ती 24 पंचायतों के गांव ऐसे हैं। जो कई तरह की समस्याओं से जूझ रहे हैं। बाढ़ का संकट तो है। गांव के किनारे तक पानी पहुंच गया है। इससे संक्रामक रोग भी फैल रहे हैं। नवाबगंज, तरबगंज, करनैलगंज, परसपुर, बेलसर के स्वास्थ्य केंद्रों पर लगातार माझा के बीमार लोग पहुंच रहे हैं।
प्रशासन ने भी स्वास्थ्य टीमों को सक्रिय कर दिया है। जिससे लोगों का परीक्षण कर दवाएं दी जा रही हैं। स्वास्थ्य केंद्रों पर चिक्तिसकों को भी निर्देश दिया गया है। कि दवाओं की कमी न रहने पाए।
Author: samachar
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