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19 January 2025 4:36 am

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पति ने मजदूरी कर जुटाई पत्नी की भारी फीस की रकम और लेखापाल बनते ही पत्नी ने दिखा दी बेवफाई

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दुर्गा प्रसाद शुक्ला की रिपोर्ट 

बाराबंकी: उतर प्रदेश के चर्चित एसडीएम ज्योति मौर्या जैसा मामला बाराबंकी जिले से भी सामने आया है। यहां एक पत्नी ने लेखपाल बनने पर अपने पति को छोड़ने के लिए कोर्ट में तलाक की अर्जी दी है। न्यायालय ने तलाक के मुकदमे को आधारहीन मानते हुए खारिज कर दिया है। वहीं खेत बेचकर मेहनत, मजदूरी से पत्नी को लेखपाल बनाने वाला पति पत्नी के साथ जीवन बिताने की गुहार लगा रहा है।

जानकारी के अनुसार, मामला सतरिख थाना क्षेत्र के गलाहामऊ गांव का है। यहां के निवासी अमरीश कुमार की शादी 20 फरवरी 2009 को जैदपुर थाना क्षेत्र के याकूतगंज गांव के रहने वाले रामचरन की बेटी दीपिका भार्गव से हुई थी। पति अमरीश के अनुसार, इंटर पास पत्नी दीपिका शादी के बाद पढ़ाई करना चाहती थी। इसके चलते ससुराल में रह कर दीपिका ने ग्रेजुएशन की पढ़ाई पूरी की थी।

पत्नी की पढ़ाई के लिए बेचा खेत, बनाया लेखपाल

पति अमरीश कुमार ने बताया कि पत्नी दीपिका के पढ़ने में रुचि को देखते हुए उसे एमए और बीएड कराया। दीपिका को प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी के लिए कोचिंग में दाखिला कराया। इसके लिए पत्नी को कोचिंग लाने और ले जाने के साथ ही अन्य पारिवारिक जिम्मेदारियां निभाता रहा। इस बीच 2011 में (अमरीश की मां) की मृत्यु हो गई। आर्थिक कष्टों के साथ मेहनत मजदूरी कर घर खर्च चलाता था। अमरीश ने बताया कि पत्नी की पढ़ाई के लिए पैसे कम पड़ने लगे तो 2014 में 10 बिसवा (सवा बीघा) खेत बेच दिया। साल 2018 में पत्नी दीपिका का चयन लेखपाल के पद पर हो गया।

लेखपाल बनने के तुरंत बाद छोड़ा पति

पति ने बताया कि पत्नी दीपिका भार्गव की बस्ती जिले के हर्रैया तहसील में लेखपाल पद पर नियुक्ति हुई। इसके कुछ महीने बाद आठ वर्षीय बच्ची को लेकर मायके चली गई।उसके बाद मेरे संपर्क करने पर मुझसे मिलने के लिए मना कर दिया और बेटी से मिलने जाने पर घर से भगा दिया जाता था।

पत्नी ने लगाया उत्पीड़न का आरोप

लेखपाल बनी पत्नी दीपिका के अनुसार उस पर अमरीश और उसके घर वाले काफी अत्याचार करते थे। दीपिका को घर का काम के साथ प्राइवेट विद्यालय में पढ़ा कर घर का खर्च भी चलाती थी। लेकिन घरवाले इससे भी संतुष्ट नहीं थे। दीपिका का आरोप है कि उसे लगातार प्रताड़ित किया जाता था। दीपिका ने बताया कि इसी से तंग आकर वह मायके चली गई और वहां से पढ़ लिखकर लेखपाल बन गई। मैं बेटी के साथ रहना चाहती हूं। पति को छोड़ने के लिए फैमली कोर्ट में तलाक के लिए मुकदमा दाखिल किया है।

पत्नी के साथ रहना चाहता पति

पति अमरीश ने बताया कि पारिवारिक जीवन के साथ गृहस्थी बचाने के लिए पत्नी के साथ रहना चाहते हैं। इसके लिए दीपिका से कई बार मिन्नत भी की, बीते चार सालों से पत्नी ने बात नही की है कोर्ट में पेशी के दौरान बात करने का प्रयास किया लेकिन उसने बात करने से मना कर दिया।

कोर्ट ने पत्नी का तलाक मुकदमा किया खारिज

शादी के दस साल बाद 2018 में दीपिका ने पति से तलाक के लिए कोर्ट में अर्जी दी थी, जिस मुकदमें को पारिवारिक न्यायालय कोर्ट के प्रधान न्यायाधीश दुर्ग नारायण सिंह ने मामले की सुनवाई करते हुए पत्नी की तरफ से दाखिल तलाक के मुकदमे को आधारहीन पाते 27 जुलाई 2023 को खारिज कर दिया।

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Author: samachar

"कलम हमेशा लिखती हैं इतिहास क्रांति के नारों का, कलमकार की कलम ख़रीदे सत्ता की औकात नहीं.."

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