दुर्गा प्रसाद शुक्ला की रिपोर्ट
उत्तर प्रदेश के प्रयागराज में 24 फरवरी को सरेआम बीच सड़क पर वकील उमेश पाल की हत्या कर दी गई थी। इस मामले में पुलिस ने मुख्य आरोपी माफिया अतीक अहमद के बेटे असद अहमद को एनकाउंटर में मार गिराया था। तीन अन्य आरोपियों का एनकाउंटर हो चुका है। लेकिन, इस घटना के दौरान झोले से बम निकाल कर बरसता दिखने वाला गुड्डू मुस्लिम अब तक पुलिस के चंगुल से फरार है। गुड्डू मुस्लिम को लेकर मीडिया से लेकर सोशल मीडिया तक खासा बवाल मचा। बमबाज गुड्डू मुस्लिम की बमबाजी के किस्से कहे-सुने जाने लगे। लेकिन, 24 फरवरी की घटना को अंजाम देने के फरार बमबाज के गिरेबां तक यूपी पुलिस के हाथ नहीं पहुंच पाए हैं।
गुड्डू मुस्लिम के साथ-साथ घटना को अंजाम दिलाने में बड़ी भूमिका निभाने वाली माफिया अतीक अहमद की पत्नी शाइस्ता परवीन भी पुलिस की गिरफ्त से बाहर है। पुलिस लगातार उमेश पाल के कातिलों को ढूंढ निकालने के दावे करती है, लेकिन गिरफ्तारी की कार्रवाई अब तक नहीं हो सकी है। घटना के पांच माह बाद भी पुलिस के हाथ खाली हैं। पुलिस अब भी सवालों पर जांच जारी होने की बात कर रही है। कोई ठोस जानकारी किसी भी स्तर से नहीं मिल पा रही है।
कहां गया गुड्डू मुस्लिम?
उमेश पाल मर्डर के पांच माह बाद भी सवाल वही है, आखिर गुड्डू मुस्लिम कहां गया? इस सवाल का जवाब न तो प्रयागराज पुलिस के पास है। न ही उमेश पाल केस की जांच करने वाली एसआईटी ही इस संबंध में कोई जवाब दे पा रही है। यूपी एसटीएफ की ओर से मामले की जांच के क्रम में देश के कई इलाकों में छापे मारे गए। गुड्डू मुस्लिम के बंगाल, ओडिशा, छत्तीसगढ़, कर्नाटक, गोवा, मुंबई, नागपुर में छिपे होने की बात सामने आई। यूपी के मेरठ, श्रावस्ती से लेकर झांसी तक छापे मारे गए। लेकिन, गुड्डू मुस्लिम को पकड़ने में पुलिस कामयाब नहीं हुई। प्रयागराज पुलिस की ओर से उस पर 5 लाख रुपए का इनाम घोषित किया है।
शाइस्ता और जैनब भी पकड़ से बाहर
शाइस्ता परवीन को भी पकड़ने में पुलिस कामयाब नहीं हो पाई है। शाइस्ता परवीन पर उमेश पाल के शूटरों को पनाह देने और हत्याकांड की प्लानिंग का आरोप लगा है। शाइस्ता को पकड़ने के लिए प्रयागराज पुलिस की ओर से 26 फरवरी से ही कार्रवाई शुरू हो गई। लेकिन, माफिया अतीक की पत्नी प्रयागराज में ऐसे गुम हुई कि पुलिस के खोजे नहीं मिल पा रही है। माफिया सरगना की पत्नी का जाल इतना बड़ा है कि उस तक पहुंच पाना यूपी पुलिस के लिए संभव नहीं हो पा रहा है। यूपी पुलिस इस मामले में आरोपी अतीक के भाई अशरफ की पत्नी जैनब फातिमा तक नहीं पहुंच पाई है।
13 अप्रैल को असद अहमद के एनकाउंर और 15 अप्रैल को अतीक और अशरफ की हत्या के बाद उम्मीद की जा रही थी कि शाइस्ता और जैनब सामने आएंगे। दोनों बाहर नहीं आए। पुलिस इसके बाद से अब तक हवा में ही हाथ-पांव मारती नजर आ रही है। कातिलों तक पहुंचने के लिए पुलिस की तमाम कोशिश विफल रही है। ऐसे में फिर सवाल उठ रहा है कि क्या प्रयागराज पुलिस उमेश पाल के सभी हत्यारों तक पहुंच पाएगी?
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Author: samachar
"कलम हमेशा लिखती हैं इतिहास क्रांति के नारों का, कलमकार की कलम ख़रीदे सत्ता की औकात नहीं.."