Explore

Search
Close this search box.

Search

November 22, 2024 2:04 pm

लेटेस्ट न्यूज़

लालू से मिलकर अखिलेश ने छुए पांव, लिए आशीर्वाद और फिर देश में विपक्षी एकता की चर्चा करते रहे

13 पाठकों ने अब तक पढा

दुर्गा प्रसाद शुक्ला की रिपोर्ट 

लखनऊ: समाजवादी पार्टी अध्यक्ष और पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने शनिवार को बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री लालू प्रसाद यादव से मुलाकात की। राबड़ी आवास पर दोनों नेताओं की मुलाकात हुई। लालू यादव के सामने पहुंचते ही अखिलेश यादव ने उनका पैर छूकर आशीर्वाद लिया। लालू प्रसाद यादव से पूछा, आराम तो नहीं कर रहे थे। लालू ने मुस्कुराते हुए उनका स्वागत किया। लालू प्रसाद यादव पिछले दिनों सिंगापुर से किडनी का बीमारी का इलाज कराकर लौटे हैं। सिंगापुर जाने से पहले लालू ने मुलायम से मुलाकात की थी। उस समय मुलायम का गुड़गांव के अस्पताल में इलाज चल रहा था। बाद में मुलायम सिंह यादव का निधन हो गया। शुक्रवार को बिहार की राजधानी पटना में विपक्षी दलों की एकता बैठक में शामिल होने के बाद अखिलेश ने लालू के यहां पहुंच कर उनकी तबीयत का हाल-चाल जाना।

लालू का पहले भी जाना था हाल

अखिलेश यादव ने मार्च माह में दिल्ली में राजद सांसद मीसा भारती के आवास पर भी लालू के सिंगापुर से लौटने के बाद मुलाकात की थी। उस दौरान उनकी पत्नी डिंपल यादव भी साथ में गई थीं। उनकी तबियत का हाल जाना था। इसके बाद 25 अप्रैल को लखनऊ में नीतीश और तेजस्वी से मुलाकात के बाद भी अखिलेश ने दिल्ली में लालू से मुलाकात की थी। बीमारी के बाद भी लालू के विपक्षी एकता की बैठक को लेकर पटना में रहने के कारण अखिलेश यादव उनसे मुलाकात की। अखिलेश शनिवार को राबड़ी आवास पहुंचे। वहां बिहार के डिप्टी सीएम तेजस्वी यादव और नीतीश सरकार में मंत्री तेज प्रताप यादव ने अखिलेश का स्वागत किया।

20 मिनट चली दोनों नेताओं की बैठक

अखिलेश यादव और लालू प्रसाद यादव की बैठक करीब 20 मिनट तक चली। दरअसल, अखिलेश यादव यूपी की राजनीति में इन दिनों माय (मुस्लिम-यादव) समीकरण से इतर पीडीए (पिछड़ा-दलित एलायंस) पर जोर देना शुरू किया है। लालू से अखिलेश की इस मुलाकात के राजनीतिक मायने निकाले जा रहे हैं। बैठक के बाद अखिलेश ने ट्वीट कर इस मुलाकात की तस्वीर शेयर की। इस मुलाकात को कुशल-क्षेप मुलाकात का नाम दिया।

बैठक में हुई राजनीति चर्चा

राष्ट्रीय स्तर पर विपक्षी एकता की जो पहल पटना से हुई है, उसको लेकर भी दोनों नेताओं की मुलाकात में चर्चा हुई। अखिलेश यादव भले बिहार में विपक्षी एकता की वकालत कर आए, लेकिन यूपी में स्थिति उस स्तर की नहीं है। बसपा प्रमुख मायावती का गठबंधन को लेकर रुख साफ नहीं है। छोटे-छोटे राजनीतिक दल अब अपनी महत्वाकांक्षा बड़ी कर रहे हैं। कांग्रेस यूपी में कितना त्याग करेगी, यह भी देखना दिलचस्प होगा।

बदलती राजनीति परिस्थिति में जदयू और राजद यूपी में अखिलेश के साथ खड़े दिख रहे हैं। अखिलेश इस प्रकार के गठबंधन के सहारे एक बड़े वर्ग को साधने का प्रयास कर सकते हैं। साथ ही, बड़े गठबंधन के लिए लालू यादव की मध्यस्थता की पहल भी आने वाले दिनों में देखने को मिल सकती है।

samachar
Author: samachar

"कलम हमेशा लिखती हैं इतिहास क्रांति के नारों का, कलमकार की कलम ख़रीदे सत्ता की औकात नहीं.."

लेटेस्ट न्यूज़