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November 1, 2024 7:09 pm

गज़ब…विपक्षी नेताओं की बैठक में केजरीवाल को किसी ने भाव ही नहीं दिया…

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प्रशांत झा की रिपोर्ट 

पटना। बिहार की राजनीति कब किस करवट बैठ जाए, इसके बारे में कोई कुछ नहीं कह सकता। अब कल तक की ही बात देख लीजिए। सभी विपक्षी नेताओं का स्वागत नीतीश कुमार और महागठबंधन की पूरी टीम ने किया। राहुल गांधी, मल्लिकार्जुन खरगे, ममता बनर्जी, हेमंत सोरेन, एम के स्टालिन, डी राजा से लेकर दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल तक का स्वागत किया गया। लेकिन अब देखिए एक दिन बाद का हाल। दरअसल बैठक के बाद प्रेस कॉन्फ्रेंस से अरविंद केजरीवाल ने दूरी बना ली। ये बात आरजेडी नेता शिवानंद तिवारी को अखर गई। ऐसी अखरी कि उन्होंने अरविंद केजरीवाल को खूब सुनाया।

हम जो मैसेज देना चाहते थे, वो चला गया- शिवानंद तिवारी

एक टीवी चैनल से बातचीत के दौरान शुरुआत विपक्षी एकता की बैठक के नतीजे को लेकर हुई। इस पर RJD उपाध्यक्ष शिवानंद तिवारी ने कहा कि ‘ हम मैसेज जो देना चाहते थे वो गया। अब सभी लोग राजी हैं कि बीजेपी के साथ लोकसभा चुनाव में वन टू वन फाइट हो। सब लोगों ने मिल कर कहा, उसमें एक अलग आवाज आई अरविंद केजरीवाल की। लेकिन सबलोगों ने कहा कि मिल कर वन टू वन फाइट होनी चाहिए। इस बैठक से बीजेपी के एक कार्यकर्ता से लेकर अमित शाह तक परेशान हैं। कल के मैसेज से बीजेपी में बौखलाहट है।’

अरविंद केजरीवाल को किसी ने नोटिस नहीं लिया- शिवानंद

इसके बाद जब उनसे अरविंद केजरीवाल को लेकर सवाल पूछे गए तो शिवानंद तिवारी ने उनका नाम ले उन्हें जमकर सुनाया। शिवानंद तिवारी ने कहा कि ‘अरविंद केजरीवाल क्यों नाराज हो गए, इसके बारे में वो बताएं। इसका कोई मैसेज नहीं गया, किसी ने उनका नोटिस नहीं लिया। किसी ने ध्यान नहीं दिया उन पर (अरविंद केजरीवाल)। कोई ऐसी वकत नहीं हैं कि ध्यान दे। आप जो हैं अपने शर्तों पर चाहिए कि पूरी की पूरी विपक्ष… पार्टी है। आप (अरविंद केजरीवाल) उसमें शामिल होइए।’

पीएम मोदी और केजरीवाल में कोई फर्क नहीं- शिवानंद तिवारी

शिवानंद तिवारी यहीं नहीं रुके। इसके बाद उन्होंने अरविंद केजरीवाल की तुलना पीएम नरेंद्र मोदी से कर दी। शिवानंद तिवारी ने आगे कहा कि ‘सब लोगों का ये है कि साहब ये कि डेमोक्रेटिट राइट्स खत्म कर रही है बीजेपी। आप (अरविंद केजरीवाल) जिस ऑर्डिनेंस की बात कर रहे हैं, वो भी आपके डेमोक्रेटिक राइट्स को छीनने के लिए ही लाया गया है। बैठक का एजेंडा ही वही है। तो आप चाहिएगा कि बैठक की शुरुआत में पहले जो हमारा मामला है, उस पर स्पष्टीकरण हो जाए, उसके बाद गाड़ी आगे बढ़े। फिर आप में (अरविंद केजरीवाल) और नरेंद्र मोदी में फर्क क्या रहा। आप भी उसी तरह से तानाशाही चला रहे हैं कि नहीं साहब हमारा डिक्टेशन पहले लीजिए, फिर आगे बढ़िए। वही अंदाज था उनका इसीलिए सबने इग्नोर किया।’

samachar
Author: samachar

"कलम हमेशा लिखती हैं इतिहास क्रांति के नारों का, कलमकार की कलम ख़रीदे सत्ता की औकात नहीं.."