दुर्गा प्रसाद शुक्ला की रिपोर्ट
बिकरू कांड एक दुर्दांत घटना थी जिसमें अपराधी विकास दुबे ने बहुतायत की थी। इस घटना के बाद, पुलिस द्वारा जय वाजपेई को गिरफ्तार किया गया था और उस समय उन्होंने काकादेव थाने में मीडिया कर्मियों के साथ असंवेदनशील व्यवहार किया था। यह आपत्तिजनक तारीके से दिखाई देता है कि उनके तेवर अभी भी शान्त नहीं हुए हैं।
इस मामले में, कानूनी प्रक्रिया चल रही है और न्यायिक प्रक्रिया के माध्यम से इस मामले की जांच हो रही है। न्यायिक निकाय इस मामले में न्याय सुनाने और सजा देने की जिम्मेदारी रखेगा। जब तक कि अभियुक्त के खिलाफ साबित न हो जाए, उसे दोषी माना जाना चाहिए।
बिकरू कांड के मामले में, विकास दुबे ने 2 जुलाई 2020 की रात को अपने गुर्गों के साथ मिलकर सीओ और अन्य 8 पुलिस कर्मियों की हत्या कर दी थी। इसके बाद, यूपी पुलिस ने विकास दुबे सहित 6 अन्य अपराधियों को एनकाउंटर में मार गिराया था। इस मामले में 36 औरों को भी गिरफ्तार किया गया है और वे अभी जेल में बंद हैं। जय वाजपेई, जिसने विकास दुबे को खजांची रूप में काम किया था, की संपत्ति पर जिला प्रशासन द्वारा सील लगा दी गई है। बिकरू कांड के एक दिन पहले, जय वाजपेई ने विकास दुबे को नकदी और कारतूस प्रदान किए थे। वर्तमान में, जय वाजपेई कानपुर देहात की माती जेल में बंद हैं।
गुरूवार को धोखाधड़ी के मामले में जय वाजपेई की कानपुर कोर्ट में पेशी थी। जय को कानपुर देहात की माती जेल से पुलिस अभिरक्षा में कानपुर कोर्ट लाया गया था। पुलिस वैन से उतार कर जय को पेशी के लिए लेकर जा रही थी। इसी दौरान कैमरा मैन जय का वीडियो बना रहा था। जय ने कैमरा मैन के कैमरे में हाथ मार दिया। इसके बाद बदसलूकी करने लगा। कैमरे में हाथ मारने का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल है।
जय वाजपेई के अधिवक्ता शिवाकांत दीक्षित का कहना है कि यह जय के विपक्षी की शाजिस है। यह जय के विरोधियों की शरारत है। वीडियो बनाने वाला व्यक्ति हो सकता है कि उनके क्षेत्र का हो, और वीडियो बना रहा रहा था। फिलहाल जय वाजपेई का विवादों से पुराना रिश्ता रहा है।
Author: samachar
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