कमलेश कुमार चौधरी की रिपोर्ट
झांसी। यह एक अनोखी और प्रेरणादायक घटना है। दुल्हन ने अपनी पढ़ाई को महत्व देते हुए शादी से पहले ही परीक्षा देने का निर्णय लिया है। इससे प्रकट होता है कि वह शिक्षा को महत्वपूर्ण मानती है और अपने उद्देश्यों को पूरा करने के लिए समर्पित है। इस आदर्श दृष्टिकोण को देखते हुए, वह शादी के माहौल में भी अपने शिक्षार्थी बने रहने के लिए जो विचार किया है, वह सराहनीय है। इस घटना से हमें यह संदेश मिलता है कि शिक्षा एक महत्वपूर्ण साधन है जो हमें सशक्त बनाती है और हमें अपने सपनों की प्राप्ति में सहायता प्रदान करती है।
दुल्हन कृष्णा राजपूत ने शादी के दिन अपनी पढ़ाई को महत्व देते हुए पेपर देने का निर्णय लिया। इसके लिए उन्होंने दुल्हे और उनके परिवार से पूछा और फिर अपने विद्यालय के परीक्षा केंद्र पर जाकर परीक्षा दी। यह उदाहरण दिखाता है कि वह अपनी शिक्षा को प्राथमिकता देती है और अपने उद्देश्यों को पूरा करने के लिए उच्चतम समर्पण दिखाती है। इस तरह की पहल को लोग प्रशंसा कर रहे हैं, जिससे दुल्हन की तारीफ की जा रही है। यह घटना शिक्षा में महिलाओं के प्रगति और स्वतंत्रता को बढ़ावा देने का एक उदाहरण प्रस्तुत करती है।
दुल्हन कृष्णा राजपूत के परिवार के सदस्यों ने शुरूआत में उसके निर्णय के लिए हकलाहट किया, लेकिन बाद में सभी उसके साथ राजी हो गए। शादी के दिन, दूल्हा यशपाल सिंह उसका इंतजार कर रहा था और कृष्णा परीक्षा देने के बाद वापस घर लौटी। उन्होंने सात फेरों की पूजा की और शादी की बाकी रस्में पूरी की। कृष्णा के कॉलेज के प्रधानाचार्य श्यामजी मिश्रा ने बताया कि उन्होंने उसे परीक्षा के दिन शादी की बात बताई और उसके परिवार को समझाया था। वे समस्याओं के बावजूद परिवार के सदस्यों को पेपर देने के लिए तैयार किए गए। खुशी की बात है कि छात्रा ने परीक्षा ठीक समय पर दी है।
Author: samachar
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