दुर्गा प्रसाद शुक्ला की रिपोर्ट
बलरामपुर। केंद्र और राज्य सरकार द्वारा महिला स्वावलंबन हेतु राष्ट्रीय आजीविका मिशन द्वारा जनपद के प्रत्येक गांव पंचायतों में महिला स्वयं सहायता समूह के गठन की प्रक्रिया को लेकर अल्प बचत करने इन्हें प्रशिक्षित कर स्वावलंबी बनाने की प्रक्रिया 2 वर्ष पहले शुरू कर दिया। काफी समूह का गठन भी हुआ। प्रशिक्षण के नाम पर केवल खेल हुआ। महिलाओं द्वारा अल्प बचत भी किया जा रहा है। वही समूह को सक्रिय करने के लिए विभाग द्वारा समूह सखी अल्प बचत करने के लिए बीसी सखी मनरेगा में देखरेख के लिए महिला मेट स्वास्थ्य सखी ग्राम संगठन तथा महिलाओं को आंगनबाड़ी केंद्रों तक राशन पहुंचाने की भी जिम्मेदारी सौंपी।
एक सर्वेक्षण के अनुसार जनपद बलरामपुर में ज्यादातर आंगनबाड़ी कार्यकर्त्री अपने निजी खर्चे से आंगनबाड़ी केंद्रों का राशन उठान करके वितरण कर रही है। नियुक्त महिला स्वयं सहायता समूह के खाते में भाड़ा किराया उन्हें देखकर विभागीय स्तर से सुविधा शुल्क लिया जा रहा है जिसका सीधा असर आंगनबाड़ी केंद्रों पर देखने को मिल रहा है।
विभागीय स्तर पर नियुक्त महिला मेट ग्राम पंचायतों में शासनादेश की गलत नीतियों के कारण उपेक्षा का दंश झेल रही है। समूह सखी बरसों से अपने दायित्वों का निर्वाह कर रही हैं। उन्हें पैसा नहीं मिल रहा है। काफी स्वयं सहायता समूह का सीआईएफ स्टार्टअप रिवाल्विंग फंड आदि खाते में नहीं भेजा गया।
एक दिलचस्प मामला है हर विकासखंड में महिला स्वयं सहायता समूह से जुड़े दबंग परिवारों का एक गैंग ऑफिस में सांठगांठ कर समूह के माध्यम से पांच कार्य कर रहा है । गरीब महिलाओं द्वारा गठित समूह निराश होकर केवल ब्लॉक का चक्कर लगा रहा है। ऐसा कब तक चलेगा ?
स्कीम वर्कर समन्वय समिति संबंध सेंटर आफ इंडियन ट्रेड यूनियंस देवीपाटन मंडल गोंडा के मंडल संयोजक दिलीप शुक्ला ने बताया कि इस विषय को लेकर जनपद के राष्ट्रीय आजीविका मिशन से जुड़े अधिकारी कर्मचारियों को कई बार पत्र दिया चुका लेकिन एक संगठित गिरोह के हस्तक्षेप से जनपद की गरीब स्वयं सहायता समूह से जुड़ी महिलाएं योजनाओं के लाभ तो दूर उन्हें अब बैंकों से भी भगाया जाने लगा है। स्वावलंबन से जुड़ी महिलाएं जिन्होंने कुछ सामान अपने मेहनत और अपने जानकारी के हिसाब से तैयार कर रखा है उसके विपणन की भी व्यवस्था विभाग में नहीं। हर तरफ से शोषित पीड़ित महिला स्वयं सहायता समूह से जुड़ी महिलाओं ने अब ब्लॉक बार संगठित होने का मन बनाया है।
जल्दी स्कीम वर्कर समन्वय समिति शाखा देवीपाटन मंडल गोंडा के पदाधिकारी जनपद वार महिला स्वयं सहायता समूह से जुड़ी बहनों की समस्याओं को लेकर धरना देकर शासन प्रशासन तक इनकी आवाज उठाएंगे। इस बाबत देवीपाटन मंडल के सभी जनपदों में ट्रेड यूनियन से संबंध स्कीम वर्कर समन्वय समिति से जुड़े पदाधिकारियों को जिम्मेदारी सौंपी जा रही है।
जनपद बलरामपुर में महिला स्वयं सहायता समूह से जुड़ी समस्याओं को लेकर संयोजक की जिम्मेदारी प्रदीप तिवारी व नौशाद अली को सौंपी जा रही है।
Author: samachar
"कलम हमेशा लिखती हैं इतिहास क्रांति के नारों का, कलमकार की कलम ख़रीदे सत्ता की औकात नहीं.."