दुर्गा प्रसाद शुक्ला की रिपोर्ट
अतर्रा(बाँदा)। शिक्षक एवं साहित्यकार प्रमोद दीक्षित मलय के आवास पर आयोजित श्रीमद्भागवत पुराण कथा अंतर्गत कथा व्यास पं.श्री श्रीकृष्ण शास्त्री जी ने कथा परीक्षित प्रमोद दीक्षित मलय एवं श्रीमती वंदना दीक्षित सहित उपस्थित श्रद्धालु श्रोताओं को भक्त सुदामा के चरित्र का गायन करते हुए कहा कि भक्त सुदामा भगवान नारायण श्री विष्णु के परम उपासक भक्त हैं। अनासक्ति भाव से देवार्चन भक्ति करने वाले सुदामा भक्ति की पराकाष्ठा हैं।
श्रीमद्भागवत कथा ज्ञान यज्ञ के सातवें दिन कथा व्यास पं.श्री श्रीकृष्ण मिश्र शास्त्री जी ने सुदामा चरित का गायन करते हुए भक्ति के स्वरूप पर चर्चा की।
कहा कि भक्त सुदामा पूर्व जन्म में ऋषि भृगु थे जो क्षीर सागर में शयन करते हुए भगवान नारायण के वक्षस्थल पर पाद प्रहार किया था। भगवान विष्णु क्रोधित न होते हुए भृगु की वंदना की पर जगज्जननी लक्ष्मी जी के शाप से इस जन्म में निर्धनता मिली थी पर नारायण विष्णु के प्रति भक्ति शाश्वत बनी रही। उसी भक्ति का परिणाम था कि सुदामा को कृष्ण ने अंत:पुर में सर्वोच्च आसन देकर सम्मान दिया। यह प्रसंग सुनकर श्रोता गद्गद हो गये।
श्रोताओं ने चावल , धोती, दौरी, आदि चढ़ाये। डॉ. रामशरण पाठक, लल्लूराम शुक्ल, बी.एन. पांडेय, दिनेश गौतम, रामनरेश शास्त्री जी, शिवस्वरूप यादव, शिवकिशोर बाजपेई, चंद्रेश पांडेय , नंदकिशोर त्रिपाठी, प्यारेलाल दीक्षित, बालकृष्ण बाजपेई, अरविंद द्विवेदी, अम्बिका प्रसाद द्विवेदी, चंद्रशेखर सेन, रामेश्वर प्रसाद द्विवेदी सहित शताधिक श्रोता उपस्थित रहे।
विनोद दीक्षित, प्रदीप दीक्षित, जितेंद्र द्विवेदी आदि ने प्रसाद वितरण संभाला। प्रसाद प्राप्त कर श्रद्धालु हर्षित हुए।
Author: samachar
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