Explore

Search
Close this search box.

Search

23 February 2025 10:03 pm

लेटेस्ट न्यूज़

सतीश पूनिया की जगह राजस्थान में बीजेपी के नए प्रदेशाध्यक्ष बने ‘सीपी जोशी’

103 पाठकों ने अब तक पढा

आनंद शर्मा की रिपोर्ट 

जयपुर: राजस्थान में भारतीय जनता पार्टी के नए प्रदेशाध्यक्ष सीपी जोशी सोमवार 27 मार्च को पदभार ग्रहण करेंगे। दोपहर 12 बजकर 15 मिनट पर शुभ मुहूर्त के दौरान विधि विधान और मंत्रोचारण के बाद सीपी जोशी प्रदेशाध्यक्ष की कुर्सी पर बैठेंगे। सोमवार सुबह 7 बजे वे दिल्ली से जयपुर के लिए रवाना होंगे। सड़क मार्ग से जयपुर आने के दौरान जैसे ही वे राजस्थान की सीमा में प्रवेश करेंगे, तो शाहजहांपुर बॉर्डर पर उनका स्वागत किया जाएगा। बाद में नीमराणा, बहरोड़, कोटपूतली, विराट नगर, पावटा, शाहपुरा, चंदवाजी, आमेर और जयपुर शहर में कई जगह पर जोशी का स्वागत किया जाएगा। जयपुर शहर में प्रवेश करते ही खोले के हनुमानमंदिर में दर्शन करेंगे। इसके बाद ट्रांसपोर्ट नगर चौराहा, धर्मसिंह सर्किल, तरिमूर्ति सर्किल और सवाई जयसिंह स्टेच्यू सर्किल पर भव्य स्वागत किया जाएगा। दोपहर 12 बजे वे बीजेपी मुख्यालय पहुंचेंगे।

सीपी जोशी अब तक के सबसे युवा प्रदेशाध्यक्ष

शुक्रवार 24 मार्च को बीजेपी के प्रदेश मुख्यालय में प्रदेश सह प्रभारी विजया राहटकर और संगठन महामंत्री चंद्रशेखर ने पदाधिकारियों और कार्यकर्ताओं की बैठक ली। बैठक में स्वागत की तैयारियों पर चर्चा की गई। चंद्रशेखर ने कहा कि सीपी जोशी की नियुक्ति के पूरे प्रदेश में खुशी और उल्लास का माहौल है। जोशी अब तक के सबसे युवा प्रदेशाध्यक्ष हैं। उनके नेतृत्व में पार्टी के युवा कार्यकर्ताओं में काफी जोश है। वर्तमान में प्रदेश कांग्रेस सरकार के खिलाफ जिलों में जनआक्रोश महाघेराव किया जा रहा है। राजस्थान में बढ़ते भ्रष्टाचार, युवाओं से वादाखिलाफी और वीरांगनाओं के साथ हुए अभद्र व्याहार को लेकर सभी जिला मुख्यालयों पर घेराव किया जाएगा। बैठक के दौरान पार्टी के सभी प्रकोष्ठों के पदाधिकारियों को बुलाया गया था।

एकता दिखाने की कोशिश होगी

वर्तमान में बीजेपी में तीन चार गुट बने हुए हैं। सीपी जोशी को सभी गुटों को एक साथ लाने की बड़ी जिम्मेदारी होगी। दिसंबर 2019 में जब सतीश पूनिया ने पदभार ग्रहण किया था, तब पार्टी के कई नेता शामिल हुए थे लेकिन पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे शामिल नहीं हुई थी। राजे का लिखा हुआ पत्र आया था, जिसमें पूनिया के लिए बधाई संदेश लिखा हुआ था। राजे पूनिया की नियुक्ति से नाराज थीं। वे पिछले तीन साल पार्टी की ओर से किए गए विरोध प्रदर्शनों में शामिल नहीं हुई। सिर्फ एक बार राज्य सरकार के खिलाफ दिए गए धरने में कुछ समय के लिए आईं लेकिन संबोधन नहीं दिया।

अब सोमवार को देखना है कि राजे या अन्य कौन-कौन नेता पदभार ग्रहण समारोह में शामिल होते हैं।

samachar
Author: samachar

"कलम हमेशा लिखती हैं इतिहास क्रांति के नारों का, कलमकार की कलम ख़रीदे सत्ता की औकात नहीं.."

लेटेस्ट न्यूज़