दुर्गा प्रसाद शुक्ला की रिपोर्ट
बाराबंकी: उत्तर प्रदेश (UP news) में बारिश, तेज आंधी और ओला वृष्टि ने किसानों की कमर तोड़ दी है। बाराबंकी में ज्यादातर किसानों की गेंहू, सरसों, मसूर समेत मटर की फसलों पर बुरा असर पड़ा है। बर्बाद हुई फसलों के किसानों ने सरकार से राहत न मिलने पर एनबीटी आनलाइन से अपना दर्द साझा किया है।
जिले में बीते चार दिनों से हुई बारिश का आंकड़ा कृषि विभाग ने बुधवार को 31.67 मिली मीटर दर्ज किया है। अफसरों के अनुसार अनुसार बारिश और आंधी में सबसे ज्यादा असर गेंहू और सरसों पर पड़ा है। नुकसान के आंकलन में टीमें लगी हुई हैं। वहीं किसानों ने अपना दर्द साझा करते हुए बताया कि बारिश और ओलावृष्टि से गेंहू और दलहनी और तिलहनी समेत सभी फसलों को काफ़ी नुकसान पहुंचा है। पर इनमें से किसी ने भी इस बात की पुष्टि नहीं की कि अफसर उनकी फसलों को हुए नुकसान को देखने पहुंचे हैं।
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सरकार से ही मदद की उम्मीद
नवाबगंज तहसील क्षेत्र में मानपुर डेहुआ गांव के निवासी रामपाल बताते हैं कि 9 बीघा खेत बेटे राम शंकर के नाम दर्ज हैं। इनमें 6 बीघा सरसों और 3 बीघा गेंहू की फसल लगाई थी, लेकिन बारिश ने सब बर्बाद कर दिया। खाद, पानी पर खर्च किया लेकिन अब लग रहा है कि लागत भी नहीं निकल पाएगी।’ सरकार या प्रशासन से मिलने वाली मदद के बारे में पूछने पर वह बोले, ‘नुकसान के बाद कोई भी अधिकारी हाल जानने नहीं आया, सरकार से मदद की उम्मीद है।’
सतरिख भारागंज निवासी किसान हरिशंकर गुप्ता का भी हाल कुछ ऐसा ही है। उन्होंने बताया, बारिश और ओलों से मेरे दो बीघा खेत में खड़ी गेंहू की फसल बर्बाद हो गई। अभी कोई अधिकारी पूछने नहीं आया।’
मंजीठा गांव के निवासी किसान पवन कुमार का कहना है, 5 बीघा खेत में सरसों और गेहूं की फसल लगाई थी जो पूरी तरह बर्बाद हो गई। अब इसकी भरपाई नहीं हो पाएगी। यहीं के किसान विश्वनाथ और असलम बताते हैं कि बारिश ओलावृष्टि से गेहूं और सरसों की फसल पूरी तरह बर्बाद हो गई।
किसानों ने साझा किया दर्द, अफसरों ने नही ली सुध
मंजीठा गांव की ही रहने वाली महिला किसान रीता वर्मा का कहना है कि बारिश से गेहूं की फसल बर्बाद हुई। खाद, पानी और बेसार का पैसा भी नहीं मिल पाता। दो साल से फसल आंधी पानी में बर्बाद हो रही है। महिला किसान का कहना है कि फसल बर्बादी की जांच करने कोई अधिकारी कर्मचारी नही आया। बीज बेचने वाले किसान क्रय केंद्रों ने आधार कार्ड लिया था। लेकिन वहां से भी कोई लाभ नहीं मिला। महिला किसान गीता देवी का कहना है कि 10 बीघा खेत में 6 बीघा सरसों और 4 बीघा गेहूं की फसल लगाई थी लेकिन बारिश ने बर्बाद कर दिया।
‘नहीं मिला कृषि बीमा का भी लाभ’
रामसनेहीघाट तहसील के उधौली निवासी किसान मनोज मिश्रा का कहना है कि 15 बीघा गेहूं की फसल थी जो मंगलवार को हुई ओलावृष्टि और तेज आंधी में खेत में गिर गई। अब पूरी फसल बर्बाद हो गई। किसान का कहना है कि पिछली बारिश में बर्बाद हुई धान की फसल का कृषि बीमा कराया था लेकिन उसका लाभ बैंक वालों ने नहीं दिया, इस बार बर्बाद हुई फसल में सरकार से कुछ राहत उम्मीद है।
किसानों के नुकसान का सर्वे करने का दावा
बारिश और तेज आंधी के चलते हो रही फसलों के नुकसान के आंकलन पर जिलाकृषि अधिकारी संजीव कुमार ने बताया कि जिले में गेंहू, सरसों, चना, मटर, मसूर की फसल बोई हुई है। वर्तमान में बारिश के बाद संबंधित तहसील कर्मचारियों को क्षेत्रों में बारिश से फसलों के नुकसान के आकलन का सर्वे कराया जा रहा है, बुधवार तक 31.67 मिली मीटर बारिश दर्ज की गई है। अलग-अलग क्षेत्रों में 15 से 25 प्रतिशत फसलों को नुकसान हुआ है। किसानों से अपील करते हुए कृषि अधिकारी ने बताया कि खेतों में पानी न जमा होने दे जिससे फसलों को कम नुकसान होगा।
फसल नुकसान की भरपाई करेगी सरकार: मंत्री
इस मामले में योगी सरकार में जल शक्ति मंत्री स्वतंत्र देव सिंह ने बेमौसम बारिश से बर्बाद हुए किसान को लेकर कहा कि किसान को परेशान होने की जरूरत नही हैं। किसान की फसल के नुकसान की भरपाई सरकार करेगी। आंकड़े आने के बाद नुकसान का पैसा सीधे किसान के अकाउंट में भेजा जाएगा।
Author: samachar
"कलम हमेशा लिखती हैं इतिहास क्रांति के नारों का, कलमकार की कलम ख़रीदे सत्ता की औकात नहीं.."