डाक्टर निधि माहेश्वरी
डॉक्टर सी वी रमन कि यह खोज यह बताती है कि जब प्रकाश किसी पारदर्शी माध्यम से गुजरता है तो उसकी प्रकृति और स्वभाव में अर्थात आयाम और तरंग धैर्य में कुछ परिवर्तन हो जाता है । यह माध्यम ठोस, द्रव और गैस कुछ भी हो सकता है।
यह घटना तब घटी है, जब माध्यम के अणु प्रकाश ऊर्जा के कणों को छितरा या फैला देते हैं। यह बिल्कुल ऐसे होता है जैसे कैरम बोर्ड पर स्ट्राइकर गोटियों को छितरा देता है। यह प्रभाव रमन प्रकीर्णन(Raman Scattering) भी कहलाता है।
रमन प्रभाव का उपयोग पदार्थों की आंतरिक संरचना समझने, पदार्थों के संश्लेषण, भूविज्ञान, भौतिक विज्ञान, फॉरेंसिक विज्ञान, परमाणु विज्ञान और औषधि विज्ञान जैसे क्षेत्रों में किया जाता है। जब भारत से अंतरिक्ष मिशन चंद्रयान ने चांद पर पानी होने की घोषणा की तो इसके पीछे रमन स्पेक्ट्रोस्कोपी का ही हाथ था।
नाम- डॉ.चंद्रशेखर वेंकटरमन या सीवी रमन
जन्म- 7 नवंबर 1888
जन्म स्थान- तिरुचिरापल्ली, तमिल नाडु
पिता- आर. चंद्रशेखर अय्यर
माता- पार्वती अम्मल
अंतिम सांस- 1970 में प्रयोगशाला में काम के दौरान दिल का दौरा।
उपाधि??
? 1924 में करियर की शुरुआत में रॉयल सोसाइटी के फेलो बने और 1929 में नाइटहुड की उपाधि।
? 1930 में भौतिकी में नोबेल पुरस्कार
? 1941 में फ्रैंकलीन मेडल से सम्मानित
? 1947 में भारत सरकार द्वारा राष्ट्रीय व्याख्याता का पद
? 1954 में भारत रत्न से सम्मानित
? 1975 में लेनिन शांति पुरस्कार
? 1998 में अमेरिकन केमिकल सोसायटी और इंडियन एसोसिएशन फॉर द कल्टीवेशन ऑफ़ साइंस ने रमन की खोज को अंतरराष्ट्रीय ऐतिहासिक रासायनिक लैंड मार्क के रूप में मान्यता दी।
Author: samachar
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