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November 1, 2024 10:53 pm

लेख
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सड़क पर सिसकियाँ और असल में ऐसी लग्जरी लाइफ, इन भिखारियों की हकीकत आपको चौंका देगी

2 Viewsदुर्गा प्रसाद शुक्ला की रिपोर्ट लखनऊ में भिखारियों की स्थिति पर हाल ही में किए गए सर्वेक्षण ने एक चौंकाने वाली तस्वीर पेश की

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ये बैलगाड़ी…..पहियों से चूं-चूं चर्र-चर्र व बैलों के गले में बजने वाले घुंघरूओं से संगीत… आज सुनाई देती है?

5 Views-अनिल अनूप लोकजीवन में देसी परिवहन के साधनों में ‘बैलगाड़ी’ हमारी परम्परा एवं किसानी संस्कृति का ऐसा मजबूत आधार रही है, जिसके बिना किसान

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नाक की नथुनिया…..तवायफों की पहचान कैसे बन गई सोलह ऋंगार का सामान? बडा़ दिलचस्प वाकया है

2 Viewsदुर्गेश्वर राय की खास रिपोर्ट हाल ही में संजय लीला भंसाली (Sanjay Leela Bhansali) की वेब सीरीज ‘हीरामंडी’ (Hiramandi) ने खूब सुर्खियां बटोरीं। यह

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“बड़े फाटक” वाले मुख्तार ; कभी काबू में थी यूपी की राजनीति और आज…न ट्रक बचा न फैक्ट्रियां, और खुद रुखसत-ए-जहाँ… 

2 Viewsदुर्गा प्रसाद शुक्ला की रिपोर्ट ‘मुख्तार को जेल में रहते 19 साल हो गए। बस जान लीजिए कि हर तीज-त्योहार पर उनकी कमी खलती

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अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस के उपलक्ष्य में “कन्या भ्रूण का मर्म”

5 Views– बल्लभ लखेश्री मैं अबला नहीं हूं मां , सबला बन के दिखलाऊंगी। मैं किसी से कम नहीं हूं मां, हर अवसर पर दिखलाऊंगी

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कविता ; माँ तेरा नाम   

3 Views–संदीप कुमार जैन  माँ तेरा नाम , जब कभी आता है मेरी जुबां पर , एहसास कराता है मुझे तेरे बेटे होने का ,

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हिन्दी रो बखाण ; कविता

3 Views– वल्लभ लखेश्री हिंदी मनडो मोवणी, आखर लागे अंग । पढ़ें जिनासूं जाण जो, कैडो आवे रंग । संस्कृत री लाडली, भारत भू री

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कविता : अखबार

3 Views– बल्लभ लखेश्री हर मुंडेर पर हर रोज, अखबार आता है, और वो कहता है । जुल्मों जख्म सितम का, पैगाम लाता हूं ।

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हमारी विरासत ; आस्था और सांप्रदायिक सौहार्द का केंद्र बनता जा रहा गुग्गा जाहर पीर मंदिर 

1 Viewsसुरेन्द्र मिन्हास की खास रपट बिलासपुर जनपद में पूजे जाने वाले लोक-देवताओं में गुग्गा जाहरपीर का अपना विशेष महत्व है। जहरीले सांपों से जान-माल

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दास्तां ए दर्द…..

3 Views– वल्लभ लखेश्री  मैं दर्द से दर्द लिखता हूं बुलंद वायदों की बस्ती में, सियासत की साजिश लिखता हूंl इन कुर्सी के किस्सों पर,

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