कमलेश कुमार चौधरी की रिपोर्ट
लखनऊ – राजधानी लखनऊ ब्लाक सरोजिनी नगर क्षेत्र के अंतर्गत गरीबों को मिलने वाली प्रधानमंत्री आवास योजनाओं में किस तरह से ग्राम प्रधान के इशारे षडयंत्र के तहत सरकारी अधिकारी मिलकर
ग्राम पंचायत की बैठक में सुनियोजित तरीके से प्रधान एवं सचिव अमित सिंह के द्वारा दिनांक 03/10/2022 को एक लिस्ट बनाकर शासन को सौंप दी गई जिसमें ग्राम प्रधान व सचिव अमित सिंह के द्वारा वरिष्ठ अधिकारियों भ्रमित करने का कार्य किया गया। जो गरीब पीड़ित परिवारों पात्र सूची में नाम लिस्ट में आने के बाबजूद भी प्रधान एवं सचिव अमित सिंह के द्वारा कच्चे मकान होने के पश्चात पक्का मकान होने पुष्टि करते हुए रिपोर्ट तैयार की गई। जबकि ऐसे गरीब पीड़ित की संख्या (19) परिवार पात्र सूची में मौजूद हैं जो प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत पात्र सूची में नाम शामिल हैं जो कि अधिकारियों ने पक्का मकान दिखाकर कालौनी से वंचित होना पड़ा।
सूत्रों की मानें तो एक पीड़ित राजकिशोर पुत्र स्व: छोटा निवासी मैनेजर खेड़ा ग्राम पंचायत खटोला विकास खंड सरोजिनी नगर के द्वारा लिखित शिकायत तहसील दिवस में देते हुए कहा कि, साहब मेरे द्वारा आवास हेतु आनलाइन आवेदन किया था जो कि नाम लिस्ट में आने पर भी मेरी आवास का पैसा नहीं दिया गया।’
जब पैसा पीड़ित को नहीं मिला तो अपने ग्राम प्रधान संतोष कुमार लोधी से बातचीत करने पहुंचा तो प्रधान संतोष कुमार ने धमकी देते हुए कहा कि जाओ मेरी शिकायत करो हम देखते हैं तुम्हें कौन कालौनी दिलायेगा।
पीड़ित परिवारों के पास कोई रहने की व्यवस्था नहीं मजदूरी करके अपने परिवार का भरण पोषण करने को मजबूर हैं। पीड़ित के द्वारा पत्रकारों से बातचीत में गंभीर आरोप लगाते हुए पत्रकारों सच्चाई बताते हुए आंखों आंसू आ गए।
पीड़ित राजकिशोर ने यह भी कहा कि गांव में प्रधान के चहेते लोगों को कालौनी दी गई। जब पत्रकारों सच्चाई का पता लगाया गया तो गांव में रहने वाले ऐसे लोग मिले जो वाकई पात्रता की सूची में आते हैं। साथ ही पत्रकार ब्लाक सरोजिनी नगर पहुंचे तो खंड विकास अधिकारी ब्लाक से नदारद मिली। कोई सक्षम अधिकारी की मौजूदगी नहीं थे लेकिन मौके पर ब्लाक प्रमुख सुनील कुमार से पत्रकारों ग्रामीणों की समस्याओं को लेकर जानकारी दी गई। ब्लाक प्रमुख सुनील कुमार ने मामले की गंभीरता को समझते हुए सचिव अमित सिंह से फोन पर स्थित की जानकारी ली।
सचिव अमित सिंह सफाई देते हुए कहा कि हम मौके पर जाकर देख लेंगे साथ ही मीडिया के लोग भी साथ रहेंगे। लेकिन ऐसा अमित सिंह ने नहीं किया। जब दिनांक 09/02/2022 को फोन के माध्यम से पत्रकारों ने अमित सिंह से वार्ता की गई तो ज़बाब देते हुए कहा कि खंड विकास अधिकारी के द्वारा कमेटी बनाई गई है। अब खंड विकास अधिकारी पूजा सिंह जांच करेंगी। जब पत्रकारों ने पूछा सिंह को फोन किया गया तो खंड विकास अधिकारी पूजा सिंह के द्वारा फोन रिसीव नहीं किया गया।
इस दिशा में शासन प्रशासन में बैठे उच्चाधिकारियों के द्वारा जब पत्रकारों से बातचीत नहीं करते। तो आम गरीब पीड़ित परिवारों कौन सुनेगा। योगी सरकार में उच्चाधिकारी किस तरह से ग्राम प्रधान ने मिलकर सरकारी योजनाओं को किस प्रकार से पलिता लगाते दिख रहें हैं यह कहने की बात नहीं है।
आज ग्रामीण क्षेत्रों में लोगों की बदहाल स्थिति है। योजनाओं के नाम प्रोपगंडा चलाया जा रहा है। भ्रष्टाचार की जड़ें इतनी मजबूत है कि योगी आदित्यनाथ सरकार भी नाकाम साबित होती दिखाई दे रही हैं। फिर भी अंधभक्ति में लीन अपनी पीठ थपथपा रहे हैं।
Author: samachar
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