दुर्गा प्रसाद शुक्ला की रिपोर्ट
कानपुर। पुलिस में तैनात दो कॉन्स्टेबल अपहरण और वसूली का गैंग चला रहे थे। इनके गैंग में महिला समेत कई शातिर गुर्गे शामिल थे। महिलाएं अपने जाल में लोगों को फंसाकर होटल में ले जाती थी। इस दौरान सिपाही दबिश मारकर युवक को उठाते और मोटी रकम वसूलते थे। इसी तरह अन्य गुर्गे शहर में गलत कामों में शामिल लोगों का कच्चा चिट्ठा लाकर कॉन्स्टेबल को देते थे। इसके बाद कॉन्स्टेबल देर रात STF बनकर छापेमारी करते, फिर अपने ठिकाने में लाकर पीटते और मोटी करम वसूलते थे। पुलिस ने एक कॉन्स्टेबल और उसके गुर्गे को दबोच लिया। जबकि दूसरा कॉन्स्टेबल और गुर्गा फरार है।
कॉन्स्टेबल का गैंग अपराधियों से करता था वसूली
फीलखाना थाने में तैनात कॉन्स्टेबल मुकेश कुमार श्रीवास्तव और कोतवाली थाने में तैनात कॉन्स्टेबल अमित कुमार यादव गैंग के सरगना हैं। दोनों ने गैंग में महिलाओं समेत कई गुर्गे पाल रखे थे। महिलाएं अपने जाल में लोगों को फंसाती और होटल या अपने कमरे में ले जाती थी। इसके बाद दोनों कॉन्स्टेबल छापेमारी करके युवकों को दबोच लेते थे। जेल भेजने के डर से लाखों की वसूली करते थे।
ठीक इसी तरह अन्य गुर्गे शहर के अपराधियों का कच्चा चिट्ठा लाकर देते थे। दोनों कॉन्स्टेबल अपने गुर्गों के साथ STF बनकर दबिश देते और अपराधियों को उठाकर हवालात की जगह अपने ठिकाने पर ले जाकर बेरहमी से पीटते थे। इसके बाद मोटी रकम वसूल कर छोड़ देते थे।
भांग बेचने के आरोप में उठाया, 50 हजार मांगे… फिर खुली पोल
गोविंद नगर पुलिस ने दोनों कॉन्स्टेबल के अपहरण और वसूली गैंग का खुलासा कर दिया। गोविंद नगर जेपी कॉलोन निवासी रघुवीर चंद्र कपूर को उनकी परचून दुकानदार में भांग बेचने का आरोप लगाकर उठा लिया और 50 हजार रुपए छोड़ने के बदले परिवार से दोनों कॉन्स्टेबल मांग रहे थे। परिजनों ने गोविंद नगर पुलिस से शिकायत कर दी। गोविंद नगर पुलिस ने दोनों कॉन्स्टेबल और उनके दो गुर्गों के खिलाफ अपहरण और अन्य धाराओं में FIR दर्ज करके एक कॉन्स्टेबल मुकेश और साकेत नगर निवासी गुर्गे शालू को अरेस्ट कर लिया। जबकि फरार कॉन्स्टेबल अमित और उसके साथी की तलाश में दबिश दी जा रही है।
पुलिस की छापेमारी देखकर भाग निकला दूसरा कॉन्स्टेबल
पुलिस की छापेमारी देखकर कोतवाली थाने में तैनात मूल रूप से इटावा निवासी हेड कॉन्स्टेबल अमित कुमार यादव अपने गुर्गे मोनू बॉक्सर के साथ भाग निकला। पुलिस की टीम कॉन्स्टेबल और उसके गुर्गे की तलाश में कानपुर समेत अन्य ठिकानों पर दबिश दे रही हैं। DCP साउथ प्रमोद कुमार ने बताया कि फरार चल रहे कॉन्स्टेबल और उसके साथी को जल्द ही अरेस्ट करके जेल भेजा जाएगा।
…तो इसलिए दोनों सिपाही हुए बर्खास्त
यह कोई पहला मामला नहीं है। इससे पहले भी शातिर और गैंग का सरगना कॉन्स्टेबल मुकेश श्रीवास्वत ने ठीक इसी तरह किदवई नगर थाना क्षेत्र के जूही सफेद कॉलोनी निवासी व्यापारी मोहम्मद इसराफिल अंसारी को 5 दिसंबर 2020 को अपहरण कर लिया था। इस व्यापारी को महिला के जाल में फंसाने के बाद अगवा किया और छोड़ने के नाम पर लाखों रुपए कॉन्स्टेबल मांग रहा था। पुलिस ने कॉन्स्टेबल मुकेश को अरेस्ट करने के साथ ही व्यापारी को उसके चंगुल से मुक्त कराया था। इसके बाद भी कॉन्स्टेबल जेल से छूटने के बाद फिर से बहाल हो गया था। इसके चलते पुलिस कमिश्नर बीपी जोगदंड ने दोनों कांस्टेबल को बर्खास्त कर दिया।
कॉन्स्टेबल गैंग की दबंग लेडी 10 दिन पहले हुई थी अरेस्ट
किदवई नगर में व्यापारी के अपहरण कांड में कॉन्स्टेबल मुकेश श्रीवास्तव तो जेल भेज दिया गया था, लेकिन उसकी साथी बर्रा-2 नई बस्ती निवासी महिला माही यादव उर्फ रिंकू यादव फरार चल रही थी। कोर्ट ने माही के खिलाफ NBW भी जारी कर दिया था। किदवई नगर पुलिस दो साल बाद 12 दिसंबर 2022 को माही को अरेस्ट कर सकी। माही कॉन्स्टेबल के गैंग की सबसे शातिर लेडी थी। वह शहर के बड़े कारोबारियों को अपने जाल में फंसाती, फिर ये कॉन्स्टेबल छापेमारी करके मोटी वसूली करते थे।
गैंग का सरगना कॉन्स्टेबल मुकेश
कॉन्स्टेबल मुकेश कुमार, वर्तमान पोस्टिंग थाना फीलखाना कानपुर नगर में है। जबकि उसका मूल निवास शिवकुटी थाना शिवकुटी जनपद प्रयागराज है। कॉन्स्टेबल पूर्व में थाना गोविंद नगर वर्ष 2017-19, थाना बिधनू वर्ष 2019, थाना चकेरी वर्ष 2020 (सस्पेंड), पुलिस लाइन, थाना फीलखाना 12 दिसंबर 2022 से मौजूदा समय में तैनात चल रहा था।
खास बात यह है कि अपहरण में जेल जाने के बाद जमानत पर छूट गया और बहाल होने के बाद फिर से नौकरी कर रहा था। अब इसके सभी पुराने मुकदमों की भी पुलिस ने एक बार फिर से जांच शुरू कर दी है।
Author: samachar
"कलम हमेशा लिखती हैं इतिहास क्रांति के नारों का, कलमकार की कलम ख़रीदे सत्ता की औकात नहीं.."