दुर्गा प्रसाद शुक्ला और सर्वेश द्विवेदी की रिपोर्ट
अक्सर ऐसी खबर आती है कि किसी ने स्टार्टअप, राजनीति, ऑर्गनिक खेती या तमाम और वजहों से लाखों की नौकरी छोड़ दी है। लेकिन क्या कभी किसी को डांस के लिए करोड़ों की नौकरी छोड़ते सुना है? वो भी एक लड़की, जो देश के किसी छोटे से गांव से आती हो। जिसके लिए पैसा कमाना बेहद जरूरी था।
आज ये मैं हूं में दक्षिण भारत की एक ऐसी ही दिलेर लड़की अनुषा शेट्टी की कहानी, जिसने अपने पैशन के लिए रिस्क लिया और करोड़ों की नौकरी छोड़ डांस के जरिए सोशल मीडिया इंफ्लुएंसर बनना चुना। ना सिर्फ उस लड़की ने बल्कि उसके पार्टनर ने भी यही राह चुनी।
पढ़ाई में अच्छी थी इसलिए गांव से शहर पहुंच गई
मैं कर्नाटक के उडुपी जिले के छोटे से गांव कुंदापुर से ताल्लुक रखती हूं। मिडिल क्लास फैमिली से आती हूं। मेरी मां सरकारी नौकरी में हैं और पापा बिजनेस लाइन में थे। जिसकी वजह से वो ज्यादातर समय बेंगलुरु में रहते थे। मैं गांव में अपनी मां और नानी के साथ रहती थी। बचपन में मैं भी आम बच्चों की तरह ही रही। पढ़ने में अच्छी थी। लेकिन मैं एक्स्ट्रा करिकुलर एक्टिविटी और स्पोर्ट्स में काफी अच्छी थी। मेरे मां-पापा मुझे इसके लिए इनकरेज करते थे। बाहरवीं तक मैंने अपने गांव कुंदापुर से पढ़ाई ही की है।
बारहवीं के बाद मैंने इंजीनियरिंग की पढ़ाई के लिए कर्नाटक का सीईटी एंट्रेंस एग्जाम दिया। अच्छी रैंक होने की वजह से मुझे टॉप-2 के कॉलेज में एडमिशन मिल गया और मैं बेंगलुरु आ गई। छोटे से गांव से निकलकर पहली बार शहर आ रही थी। पापा थोड़े डर हुए थे। वो चाहते थे कि मैं घर के आस-पास ही कहीं पढ़ लूं। लेकिन मां ने समझाया फिर वो भी मान गए।
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घर की फाइनेंशियल कंडीशन मां की जॉब पर निर्भर थी
रैंक अच्छी लाने की वजह से मुझे इंजीनियरिंग में कॉलेज एडमिशन या फीस के लिए नहीं सोचना पड़ा। लेकिन हॉस्टल के अलावे और भी कई खर्च होते थे। पढ़ाई के लिए चार साल बेंगलुरु में रही। पापा का बिजनेस सेटल नहीं था इसलिए हम सब फाइनेंशियल चीजों के लिए मां की जॉब पर डिपेंडेड थे। इस वजह से मैं पढ़ाई के अलावा कुछ सोच नहीं पाती थी।
डांस की कोई ट्रेनिंग नहीं ली, जो है नेचुरल है
मैंने डांस की कोई ट्रेनिंग नहीं ली है। जो भी और जितना भी सीखा वो टीवी से सीखा है। या यूं कह लीजिए कि मेरे अंदर नेचुरल रहा है। घर में डांस को लेकर कोई रोक-टोक नहीं थी। पढ़ाई के बाद मैं अगर साइड में कुछ कर रही हूं तो पैरेंट्स इसके लिए ओके थे। लेकिन ऐसा नहीं था कि पढ़ाई छोड़ मैं ये करूं तो सपोर्ट मिल जाए। एक तो फाइनेंशियल प्रॉब्लम थी दूसरा डांस थोड़ा टैबू तो है ही। साथ ही डांस क्लास के लिए आपको पैसे के साथ टाइम भी देना होता था। मेरे पास दोनों ही नहीं था।
पार्टनर के डांसिंग स्किल ने मेरा पैशन बाहर निकाला
कॉलेज खत्म होने के बाद कैंपस सिलेक्शन में अच्छी जॉब मिल गई। जॉब जॉइन करने के बाद डांस या किसी भी चीज के लिए समय नहीं रह गया था। एक ही मकसद था पैसा कमाना। लेकिन सौरभ यानी कि मेरे पति से मिलने के बाद चीजें बदल गई।
साल 2015 में मैं सौरभ से एक डेटिंग एप के जरिए मिली। उस वक्त वो भी आईटी प्रोफेशनल थे। उन्हें सिर्फ डांस का शौक नहीं था बल्कि वो डांस करते थे और स्कूल में सिखाते भी। सौरभ के साथ रहकर मेरा मन भी डांस के लिए मचलने लगा। साथ ही हमदोनों के बीच एक कॉमन इंटरेस्ट डांस था। हम साथ में घूमते-फिरते, डांस करते, ट्रिप पर जाते और उस पूरी जर्नी को रिकॉर्ड करते। वो हमारे लिए वो मेमरी कलेक्ट करने जैसा था।
कोविड के दौरान हमने शुरू किया ‘जोड़ी अनुरभ’
लगभग पांच साल तक एक-दूसरे को डेट करने के बाद हमने 2019 में शादी का प्लान बनाया। शादी तय होने से पहले हम घर में एक-दूसरे के बारे में बहुत बात नहीं करते थे। ये तो बिल्कुल ही नहीं बताया था कि हम साथ में डांस करते हैं। लेकिन शादी तय होने के बाद ये सब बताना आसान था।
साल 2020 की शुरुआत में हमने ‘जोड़ी अनुरभ’ के नाम से यूट्यूब चैनल बनाया और बाकी प्लेटफॉर्म पर पेज भी। हम अपनी ट्रिप और डांस का वीडियो पोस्ट करने लगे। मैंने लगातार ढाई साल तक ऑफिस के बाद या वीकेंड में सौरभ के साथ डांस वीडियो क्रिएट करती रही।
डांस करने के लिए मैंने आईटी जॉब छोड़ दी
मैंने आठ साल तक बतौर सॉफ्ट इंजीनियर काम किया। वहीं मेरे पार्टनर सौरभ 11 साल से काम कर रहे थे। लेकिन इसी साल जून में हमने लाइफ में डांस और बाकी ऑप्शन एक्सप्लोर करने के लिए अपनी-अपनी जॉब छोड़ दी। हालांकि मैं अपने इस फैसले को लेकर काफी डरी हुई थी। वहीं हमारे घर वाले भी हमदोनों के डिसीजन से खुश नहीं थे। घर वालों को लग रहा था हमदोनों गलती कर रहे हैं। कई दफा मेरे मां के कलीग ने मेरे डांस वीडियो को लेकर उनसे सवाल-जवाब भी किया, जिसकी वजह से मेरी मां थोड़ी शर्मिंदा हो जाती थीं। उन्हें लगता था कि क्या जरूरत है ऐसे वीडियो बनाने की।
लेकिन मेरे अंदर ये रिस्क लेने का कॉन्फिडेंस तब आया, जब लोग हमारा वीडियो पसंद करने लगे। मैंने या सौरभ ने अचानक से ये फैसला नहीं लिया। हमने इसके लिए पहले से प्लानिंग की थी और सेविंग भी। कंटेंट क्रिएशन में मैं अच्छी हूं और मुझे ये काम करके खुशी भी मिलती है। मैंने 9 टू 5 की नौकरी के बजाए अपनी खुशी चुनी। आज मेरा डांस और कंटेंट क्रिएशन लोगों को पसंद आ रहा है। कल तक मेरी सैलेरी लाखों में थी आज मेरे पास लाखों फैन्स और मिलियन व्यूज हैं।
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Author: samachar
"कलम हमेशा लिखती हैं इतिहास क्रांति के नारों का, कलमकार की कलम ख़रीदे सत्ता की औकात नहीं.."