कमलेश कुमार चौधरी की रिपोर्ट
लखनऊ। सुबह के यही कोई 5.30 बज रहे होंगे। वृंदावन कालोनी के सीएनजी के सामने वाली सड़क पर करीब 55-56 साल की महिला पैरों में जूते और रनिंग लेगिंग पहने 5 किलोमीटर प्रति घंटा की रफ्तार से दौड़ती जा रही थी। वह इतनी तल्लीनता से वर्कआउट कर रहीं थीं कि बीच में उन्हें टोकना ठीक नहीं था। करीब डेढ़ घंटा लगातार दौड़ने के बाद जब वह रुकीं तो उनसे पूछा कि ‘ क्या किसी प्रतियोगिता की तैयारी कर रहीं है?’ उन्होंने सांसों को संभालते हुए कहा कि ‘ जी…अगले महीने लंदन में मैराथन है। उसके लिए मैं चुनी गई हूं। मुझे उसमें हिस्सा लेना है।’ यह हैं आशियाना की रहने वाली आशा सिंह।
छप्पन साल की उम्र में उनमें ऐसा जोश भरा है कि युवा भी शरमा जाएं। आशा सिंह देश की अल्ट्रा और सर्किट रनर हैं। उनके नाम कई रिकॉर्ड हैं। आशा सिंह लंदन मैराथन में दो अक्तूबर को होने वाली मैराथन में 55 साल के ऊपर आयु वर्ग में हिस्सा लेंगी। इसी की तैयारी में जुटी हैं। प्रतिदिन 30 से 35 किलोमीटर वर्कआउट करती हैं। पिछली 28 अगस्त को वह हैदराबाद में मैराथन दौड़कर लौटी हैं। ऐसे में बेहतरीन रिकवरी को ध्यान में रखते हुए अभ्यास कर रहीं हैं। वह और उनके पति 21 सितम्बर को लंदन के लिए रवाना होंगे।
बढ़िया प्रदर्शन के लिए ये खुराक लेती हैं
आशा सिंह ने बताया कि उनकी दिनचर्या दौड़ से ही शुरू होती है। प्रतिदिन 30 से 35 किलोमीटर दौड़ती हैं। खुराक का खास ध्यान रखती हैं। हरी सब्जियां, सलाद, दही, दाल, पनीर या अन्य कोई प्रोटीन खाती हैं। इसके अलावा फलों का रस, दलिया, कुछ सप्लीमेंट भी लेती हैं। अभ्यास के बाद रिकवरी के लिए आराम और अच्छी नींद भी लेती हैं। बाहर का भोजन वा नहीं खाती हैं। उनका फोकस सिर्फ रनिंग पर ही रहता है।
आशा सिंह के रिकॉर्ड एवं उपलब्धियां
जनवरी 2021 : लखनऊ में हुई सर्किट रन में 12 घंटे में 114 किलोमीटर लगातार दौड़ने का रिकार्ड
जुलाई 2022 : बेंगलुरू में 24 घंटे में 181 किलोमीटर दौड़ने का रिकार्ड
पति ही हैं कोच आशा सिंह के पति कर्नल बजरंग सिंह ही आशा को ट्रेनिंग देते हैं। सुबह 4 बजे ही उठकर वह आशा को लेकर वृंदावन की सड़कों पर दौड़ने निकल पड़ते हैं। दोनों साथ में अभ्यास करते हैं। कर्नल बजरंग भी बेहतरीन मैराथन धावक हैं। वह भी अंतरराष्ट्रीय स्तर की मैराथन दौड़ में हिस्सा ले चुके हैं। उन्होंने बताया कि आशा का वर्कआउट वही तैयार करते हैं। आशा सिंह के तीन बच्चे हैं। दो बेटे विदेश में नौकरी करते हैं। एक बेटी नोएडा में डेंटिस्ट है।
Author: samachar
"कलम हमेशा लिखती हैं इतिहास क्रांति के नारों का, कलमकार की कलम ख़रीदे सत्ता की औकात नहीं.."