कमलेश कुमार चौधरी की रिपोर्ट
उत्तर प्रदेश के कन्नौज जिले में एक मजदूर के बैंक खाते में अचानक 310 करोड़ आ गए। पैसे आते ही परिवार खुशी से झूम उठा। परिवार के सभी सदस्यों ने अपने-अपने सपने भी बुन लिए। बड़ी कार, बड़ा सा बंगला, बेटी की शादी और बेटे को बिजनेस खुलवाने की प्लानिंग तक कर ली, लेकिन अगली सुबह सारे सपने काफूर हो गए। खाते में महज 129 रुपये ही बचे। 24 घंटे की बेहिसाब खुशियों के बाद अब मजदूर परिवार अपनी पुरानी जिंदगी में लौट आया है। अब आपको बताते हैं क्या था पूरा मामला।
राजस्थान के भट्ठे पर ईंटें थापता है बिहारी लाल
कन्नौज जिले के छिबरामऊ के गांव कमालपुर के रहने वाले बिहारी लाल राजस्थान में एक ईंट भट्ठे पर ईंटें थापने का काम करते हैं। परिवार में पत्नी सरिता और दो बच्चे (बेटा-बेटी) हैं। उन्होंने बताया कि वह प्रतिदिन 700 रुपये की मजदूरी करते हैं। बारिश के कारण परिवार अपने गांव छिबरामऊ लौट आए। जानकारी के मुताबिक बिहारी लाल रविवार को गांव में बैंक मित्र के पास गए थे। उन्हें कुछ पैसों की जरूरत थी। बैंक मित्र ने जब उनका खाता देखा तो उसकी आंखें फटी की फटी रह गई। उसे लगा कि कुछ भ्रम हुआ है। उसने दोबारा खाता जांचा, इस बार भी वह चौंक गया। तीसरी बार में उसने बिहारी लाल को बताया कि तुम्हारे खाते में 310 करोड़ रुपये हैं।
खुशी से पागल हुए बिहारी लाल ने गांव में हल्ला मचाया
खाते में 310 करोड़ रुपये सुनकर बिहारी लाल खुशी से पागल हो गया। उसने पूरे गांव में हल्ला मचा दिया। अपने घर पहुंचा और परिवार वालों को जानकारी दी। परिवार की खुशियां भी सातवें आसमान पर पहुंच गईं। बिहारी लाल और उसकी पत्नी ने गहने, कार, बंगला, नौकर-चाकर, बेटी की शादी और बेटे के बिजनेस के लिए पूरी प्लानिंग कर ली। बिहारी लाल ने बताया कि पूरे परिवार को रात में नींद तक नहीं आई। सभी खुली आंखों से सपने देखने लगे।
अब खाते में बचे हैं कुल 129 रुपये
सोमवार को बिहारी लाल बैंक से पैसे निकालने के लिए गए तो उनके सपने खाते के पैसों की तरह उड़ गए। उनके खाते में मात्र 129 रुपये ही बचे। मायूस बिहारी लाल वापस अपने घर लौट आया। परिवार को दुख भरी कहानी बताई। रिपोर्ट्स के मुताबिक बैंक वालों ने बिहारी लाल का खाता सीज कर दिया है। वहीं मजदूर के खाते में आए 310 करोड़ रुपये पूरे इलाके में चर्चा का विषय बन गए हैं।
Author: samachar
"कलम हमेशा लिखती हैं इतिहास क्रांति के नारों का, कलमकार की कलम ख़रीदे सत्ता की औकात नहीं.."