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November 23, 2024 2:44 am

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साल्वर गैंग ; मात्र दो दिन में ही जेल से छूटता है और नौ दिन बाद ही फिर किसी और के लिए परीक्षा देने पंहुच जाता है

15 पाठकों ने अब तक पढा

दुर्गा प्रसाद शुक्ला की रिपोर्ट 

कानपुर। कर्मचारी चयन आयोग की ओर से आयोजित मल्टी टास्किंग सर्विस परीक्षा के दौरान मंगलवार को अनजिप टेक्नोलाजी में कक्ष निरीक्षक की सतर्कता से गाजीपुर निवासी साल्वर (दूसरे की जगह बैठकर प्रश्न पत्र हल करने वाला) पकड़ा गया। यह साल्वर 15 जुलाई को दूसरे के स्थान पर परीक्षा देते पकड़ा गया था। 17 जुलाई को जेल से छूटकर बाहर आया और 26 जुलाई को ही दोबारा परीक्षा देने केंद्र पर पहुंच गया। साल्वर पकड़े जाने की इस घटना ने परीक्षा से जुड़े जिम्मेदारों की चिंता बढ़ा दी है। उधर, पुलिस ने पकड़े गए साल्वर को छोड़ दिया। मामले में जांच के आदेश दिए गए हैं।  

कर्मचारी चयन आयोग की मल्टी टास्किंग सर्विस की लिखित परीक्षा का आयोजन इन दिनों शहर के विभिन्न आनलाइन परीक्षा केंद्रों में हो रहा है। स्पेशल टास्क फोर्स (एसटीएफ) की फील्ड इकाई कानपुर ने पिछले दिनों कल्याणपुर थानाक्षेत्र में अनजिप टेक्नोलाजी, केशवपुरम सेक्टर-एल में केंद्र संचालकों की मदद से बिहार के साल्वर गिरोह के सरगना समेत छह आरोपितों को पकड़ा था। मंगलवार को केंद्र की महिला कक्ष निरीक्षक की सतर्कता से एक और साल्वर पकड़ा गया। हुआ यह कि इस कक्ष निरीक्षक की ड्यूटी 15 जुलाई को एमडी इन्फोटेक परीक्षा केंद्र श्यामनगर में थी। 

यहां पर परीक्षा के दौरान सत्यम प्रजापति नाम का एक युवक ब्लू टूथ डिवाइस का प्रयोग करते हुए पकड़ा गया था। आरोपित के खिलाफ मुकदमा दर्ज करा जेल भेजा गया था। कक्ष निरीक्षक को याद था कि इसका नाम सत्यम प्रजापति है। मगर, जब उसने केंद्र में उसके दस्तावेज देखे तो सामने आया कि वह लवकुश प्रजापति के नाम से परीक्षा दे रहा है। इसके बाद उन्होंने केंद्र संचालक को जानकारी दी और  पुलिस बुलाई गई। 

पूछताछ में पता चला कि पकड़े गए युवक का असली नाम अभिषेक राय है, जो गाजीपुर के असावर का निवासी है। अभिषेक से मिली जानकारियों से पूरे सिस्टम पर सवाल खड़े हो रहे हैं। उसने बताया, 15 जुलाई को गिरफ्तारी के बाद वह 17 जुलाई को ही जमानत पर छूट गया। 

इससे आशंका है कि गलत नाम से जेल गया तो जमानत के लिए भी उसने फर्जी दस्तावेज व जमानतदार लगाए होंगे। जिस तरह बार-बार अभिषेक साल्वर बनकर मैदान में उतर रहा है और इतनी जल्दी जमानत मिल रही है, उससे साफ है कि गिरोह की जड़ें बेहद गहरी हैं।

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Author: samachar

"कलम हमेशा लिखती हैं इतिहास क्रांति के नारों का, कलमकार की कलम ख़रीदे सत्ता की औकात नहीं.."

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