दुर्गा प्रसाद शुक्ला की रिपोर्ट
कानपुर दक्षिण। ‘सर, इंस्पेक्टर ने कहा समझौता करके जो मिल रहा है ले लो..नहीं तो मर्डर भी हो सकता है।’
सोमवर को पुलिस कमिश्नर कार्यालय पहुंचकर नौकरी लगवाने के नाम पर ठगी का शिकार हुए व्यक्ति ने कमिश्नर विजय सिंह मीणा के सामने बर्रा थाने में तैनात इंस्पेक्टर दीनानाथ मिश्रा के ऊपर तमाम गंभीर आरोप लगा अपनी पीड़ा बयां की। कमिश्नर ने प्रार्थना पत्र लेने के बाद पीड़ित को आरोपी के खिलाफ जांच का आश्वासन दिया।
बर्रा क्षेत्र के संघर्ष नगर इलाके में रहने वाले संदीप सिंह राठौर कोचिंग संचालक हैं। उन्होंने बताया कि रेलवे विभाग में सीनियर बाबू के पद पर तैनात ग्वालियर के रहने वाले बहनोई राजीव सिंह राठौर ने उन्हें शिक्षा विभाग में पत्नी रूपा की नौकरी लगवाने का झांसा दिया। जिसके बाद उन्होंने बहनोई को ऑनलाइन आरटीजीएस और चेक के माध्यम से 34 लाख रुपये दे दिए। बहनोई ने उन्हें चमनगंज स्थित हलीम मुस्लिम कॉलेज में शिक्षक पद का ज्वाइनिंग लेटर भी दे दिया। 1 अप्रैल 2022 को वे पत्नी समेत कॉलेज पहुंचे तो कॉलेज प्रबंधन ने जॉइनिंग लेटर फर्जी होने की बात कही। जिसके बाद उन्होंने बहनोई को फोन कर बताया तो उन्होंने कहा इस कॉलेज में सेटिंग नहीं हो पाई है तुम्हारा दूसरे स्कूल में काम हो जाएगा। कुछ दिनों बाद उन्होंने मोबाइल बंद कर लिया। जिसके बाद उन्हें ठगी का शक हुआ तो 27 मई को उन्होंने बर्रा थाने में आरोपितों के खिलाफ शिकायत पत्र दिया। पुलिस बहनोई को पकड़कर थाने ले आई।
आरोप है कि 2 दिन उन्हें थाने में बैठाने के बाद बहनोई से इंस्पेक्टर ने 2 लाख रुपये लेकर पीड़ित कोचिंग संचालक को बुलाकर समझौते का दबाव बनाया। पीड़ित ने समझौते से मना किया तो इंस्पेक्टर दीनानाथ मिश्र ने कहा कि जो मिल रहा है ले लो नहीं तो मर्डर भी हो सकता है.. इसके बाद आरोपित बहनोई ने उन्हें 17 लाख रुपए का चेक दिया। जिसे उन्होंने बैंक में लगाया तो चेक भी फर्जी निकली। इसके बाद पीड़ित दोबारा बर्रा थाने पहुंचा तो इंस्पेक्टर दीनानाथ मुकदमा लिखे जाने की बात पर उसे आजकल कह टरकाने लगे। थक हार कर कमिश्नर कार्यालय से मुकदमा लिखने का लिखित आश्वासन लाया तो इंस्पेक्टर ने गाली गलौज करते हुए थाने से भगा दिया। जिसके बाद सोमवार को पीड़ित ने दोबारा कमिश्नर कार्यालय में जाकर गुहार लगाई। इंस्पेक्टर विजय सिंह मीणा ने कहा कि पूरे मामले की जांच की जाएगी।
Author: samachar
"कलम हमेशा लिखती हैं इतिहास क्रांति के नारों का, कलमकार की कलम ख़रीदे सत्ता की औकात नहीं.."