अरमान अली की रिपोर्ट
श्रीनगर। अमरनाथ गुफा के पास शुक्रवार शाम को बादल फटने से आए सैलाब में 15 श्रद्धालुओं की मौत हो गई, जबकि कई लोग लापता बताए जा रहे हैं। प्राप्त जानकारी के अनुसार जिस समय बादल फटा, उस समय गुफा के पास 10 से 15 हजार श्रद्धालु मौजूद थे। सैलाब की चपेट में श्रद्धालुओं के टेंट आए हैं। बादल फटने की घटना पवित्र गुफा के एक से दो किलोमीटर के दायरे में हुई। पहाड़ों से तेज बहाव के साथ आए पानी से श्रद्धालुओं के लिए लगाए गए करीब 25 टेंट और दो से तीन लंगर बह गए। बारिश से पूरे इलाके में तेजी से पानी भर गया और कई लोग इसकी चपेट में आ गए। कई श्रद्धालु लापता हैं और उनके तेज बहाव में बहने की आशंका है।
घटना के तुरंत बाद सेना, आईटीबीपी, एनडीआरएफ, एसडीआरएफ के साथ जम्मू-कश्मीर पुलिस की टीम ने रेस्क्यू शुरू कर दिया। घायलों को एयरलिफ्ट करके अस्पताल ले जाया गया है। एनडीआरएफ के डीजी अतुल करवाल ने मरने वालों की संख्या बढ़ने की आशंका जताई है। उन्होंने बताया कि तीन लोगों को जीवित बचाया गया है। करवाल ने बताया कि अमरनाथ गुफा के नजदीक एनडीआरएफ की एक टीम हमेशा तैनात रहती है। जैसे ही बादल फटा, टीम ने राहत और बचाव का काम शुरू कर दिया। फिलहाल घटनास्थल पर बारिश रुक गई है और राहत एवं बचाव कार्य तेजी से किया जा रहा है।
भारत में 30 जून से शुरू हुई श्री अमरनाथ यात्रा में पंजाब के शहर लुधियाना से बड़ी संख्या में भगत पहुंचे हुए है। शुक्रवार जब गुफा पर बादल फटने की खबर सामने आई तो घरों में बैठे लोगों की अपने परिवार के सदस्यों को लेकर चिंता बढ़ गई।
जिन लोगों के परिवारिक सदस्य श्री अमरनाथ यात्रा में भोले बाबा के दर्शन करने गए है उनके घरों का आलम कुछ इस तरह है कि पूरा परिवार टी.वी के सामने नजरें जमाए बैठा है। परिवार के मन में बस एक ही इच्छा है कि किसी तरह वह अपने सदस्य को एक बार देख ले कि वह किस हालात में है।
लुधियाना के जनक पुरी से दीवान चंद जिंदल और बिंदिया जिंदल ने बताया कि उनका बेटा नकुल मोहल्ले से गई एक यात्रा बस में बाबा भोले के दर्शन करने को गया है। फोन पर सही से संपर्क नहीं हो पा रहा। उन्हें अपने बच्चे की फिक्र हो रही है।
वहीं गणेश नगर की युवती सोनिया 4 जुलाई को श्री अमरनाथ जी की यात्रा पर गई हुई है। सोनिया के पिता पृथ्वीराज ने कहा कि जब गुफा पर बादल फटने की खबर सुनी है तभी से पूरे परिवार का मन डोल गया है।
श्राईन बोर्ड के आदेश के बाद पंचतरणी पर फ्री टेंट यात्रियों को मिलने शुरू हुए। वहीं कई लंगर वालों ने भी बिस्तरें आदि की व्यवस्था करके यात्रियों को अपने पास ठहराया और लंगर पानी की व्यवस्था की।
कई बह गए, कई हुए जमींदोज
लुधियाना से यात्री दीपक नैय्यर बताते है कि उनके कुछ साथी गुफा पर मौजूद थे। उनके मुताबिक बादल फटने का बहाव इतना तेज था कि यात्री अपने आप को संभाल नहीं पाए। पानी के बहाव ने यात्रियों को अपने चपेट में ले लिया।
कई यात्री तो पानी में बह गए । वहीं कई यात्री जमींदोज हो गए। जो यात्री जमीदोंज हुए उन्हें जमीन से निकालने के लिए फौज ने बचाव अभियान चलाया है। जमीन में दबी कई महिलाओं के शवों को जमीन से निकाला जा रहा है।
बड़ी-बड़ी कहियों की मदद से जमीन को खोद कर शवों को बाहर निकालने का काम चल रहा है। दीपक बताते है कि करीब 10 से 15 हजार यात्री पंचतरणी में इस समय मौजूद है। बालटाल का रास्ता बंद हो चुका है।
सूत्र बताते है कि अभी कम से कम दो दिन गुफा का रास्ता खुलने की कोई उम्मीद नहीं है। दीपक ने बताया कि बहुत से ऐसे यात्री है जो बादल फटने के कारण अपना सब कुछ खो बैठे है। लोगों के पैसे तक खो गए है।
वहीं लोगों के कपड़े गीले हो चुके है। ठंड बढ़ने और कपड़े गीलें होने की वजह से लोग बीमार पड़ रहे है। उन्होंने देश के प्रधानमंत्री से अपील की है कि बुजुर्गों को एयरलिफ्ट के जरीये यहां से निकाला जाए।
तभी समय रहते लोगों की जान बचाई जा सकती है। बाबा बर्फानी की गुफा के पास बादल फटने के कारण 15 अमरनाथ यात्रियों की मौत हो गई, जबकि 40 से ज्यादा लोग लापता बताए जा रहे हैं। वहीं गुफा के पास लगे 40 से ज्यादा टैंट बह गए।
घायलों को एयरलिफ्ट कर इलाज के लिए भेजा जा रहा है तो वहीं एनडीआरएफ, एसडीआरएफ की टीमें लोगों की तलाश और राहत बचाव कार्य में जुटी है।
Author: samachar
"कलम हमेशा लिखती हैं इतिहास क्रांति के नारों का, कलमकार की कलम ख़रीदे सत्ता की औकात नहीं.."