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November 2, 2024 9:08 pm

सांप्रदायिकता की मिसाल ; हिंदू समाज की ओर से विशेष बग्धी पर काजी साहब जाते हैं ईदगाह नमाज पढ़ाने

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पुनीत नौटियाल की रिपोर्ट 

इंदौर। ईद की नमाज ईदगाह में होती है। शहर काजी को ईदगाह ले जाने के लिए बग्घी हिंदु समुदाय की ओर से भेजी जाती है। शहर काजी नमाज के बाद इसी बग्घी से घर जाते हैं। रिजर्व फोर्स के संयोजक सत्यनारायण सलवाड़िया ने बताया कि शहर काजी का फूल मालाओं से स्वागत कर उन्हें बग्घी में बैठाया जाएगा। उनको सुबह 9 बजे सदर बाजार ईदगाह लाया जाएगा।

बग्घी का स्वरूप बदला, सद्भाव कायम

पहले के समय में घोड़ों से जुती हुई बग्घी में शहर काजी को ले जाया जाता था। धीरे-धीरे समय बदला और बग्घी का स्वरुप भी बदल गया। अगर कुछ नहीं बदला तो वो है आपसी सद्भाव। अब भले ही जीप को मोडिफाई कर उस पर नकली घोड़े और छत्र लगा कर उसे बग्घी का रुप दे दिया गया है। लेकिन परंपरा बदस्तूर जारी है।

कोरोना में टूटी परंपरा

सलवाड़िया ने बताया कि काजी को बग्घी से ले जाने की परंपरा सालों पुरानी है। लेकिन कोरोना काल में यह परंपरा दो साल रुक गई थी। हम कोरोना के कारण दो साल यह परंपरा नहीं कर सके। हम भले ही दो साल शहर काजी को बग्घी में लेकर नहीं गए हो, लेकिन हमने उनके घर जाकर फूल मालाओं से उनका स्वागत जरूर किया। सलवाड़िया ने बताया कि इस परंपरा को पूरा करने के लिए हर साल 20 से ज्यादा हिंदु समाज के लोग इसमें शामिल होते हैं।

बाजार में रौनक तेज

इंदौर में ईद के त्यौहार को लेकर बाजारों में रौनक नजर आ रही है। लोग ईद की खरीदारी कर रहे हैं। शहर के बाजारों में काफी भीड़ है। ईद की तैयारियों के लिए लोग खरीदारी कर रहे हैं। मिठाइयों, किराने की दुकानों, कपड़ों की दुकानों पर भीड़ नजर आ रही है। व्यापारियों का कहना है कि महिलाएं काफी संख्या में खरीदारी के लिए आ रही है। खास तौर से बंबई बाजार, राजबाड़ा मार्केट, कपड़ा मार्केट, बोहरा बाजार और आड़ा बाजार आदि में काफी भीड़ दिखाई दे रही है।

ईद की नमाज सुबह 9.30 बजे

शहर में सदर बाजार ईदगाह पर ईद की नमाज अदा की जाएगी। शहर काजी डॉक्टर मोहम्मद इशरत अली ने बताया कि ईद उल अजहा का त्यौहार रविवार को मनाया जाएगा। मुख्य ईदगाह में सुबह 9.30 बजे ईद की नमाज होगी। इसके अलावा मस्जिदों में भी नमाज अदा करवाई जाएगी। इधर, ईदगाह में ईद की नमाज की तैयारियां पूरी कर ली गई।

samachar
Author: samachar

"कलम हमेशा लिखती हैं इतिहास क्रांति के नारों का, कलमकार की कलम ख़रीदे सत्ता की औकात नहीं.."