परवेज़ अंसारी की रिपोर्ट
उदयपुर घटना के बाद मदरसों को लेकर केरल के राज्यपाल आरिफ मोहम्मद खान के बयान पर देवबंद के उलेमा मुफ्ती कासमी ने पलटवार किया है। उन्होंने कहा कि ऐसे शख्स को इतने बड़े हौदे पर बैठाया गया है, जिन्हें उलेमा और मदारिस का इतिहास भी नहीं पता है।
उन्होंने कहा “मैं राज्यपाल जी को बताना चाहता हूं कि ये ही वो उलेमा और मदारिस हैं, जिनकी कुर्बानियों से यह मुल्क आजाद हुआ है। ये ही वो दारुल उलूम देवबंद है और यही वो मदरसा है जिसके अंदर गीता और कुरान-ए-करीम एकसाथ रखी हुई हैं, जो हमेशा भाईचारे का संदेश देते आए हैं।”
उन्होंने कहा, “इन्हीं उलेमा की वजह से हिंदुस्तान आजाद हुआ। आज राज्यपाल इन्हीं पर उंगली उठा रहे हैं, ये बहुत शर्म की बात है। उन्हें जब उन लोगों का इतिहास नहीं मालूम तो मैं उन्हें मशविरा दूंगा कि पहले इनके बारे में अच्छे से जान लें उसके बाद ही किसी चीज के बारे में अपनी जुबान को खोलें।”
उन्होंने कहा कि बड़ी अफसोस की बात है कि केरल के राज्यपाल इतने बड़े हौदे पर विराजमान हैं, लेकिन उन्हें उलेमा और मदारिस के इतिहास की जानकारी नहीं है। ऐसे लोगों को राज्यपाल जैसे पद पर बैठाया गया है।
गौरतलब है कि उदयपुर घटना की निंदा करते हुए केरल के राज्यपाल ने मदरसों में दी जा रही शिक्षा पर सवाल खड़े किए थे। उन्होंने कहा था कि वहां बच्चों को सिखाया क्या जा रहा है कि ईश निंदा की सजा गला काटना है। उन्होंने कहा था कि मुस्लिम कानून कुरान से नहीं आया है। मुस्लिम शासकों के दौर में इसे लोगों ने लिखा था, जिसमें सिर कलम करने का कानून है और यह कानून मदरसों में बच्चों को पढ़ाया जा रहा है।
बता दें कि, उदयपुर में पिछले दिनों एक दर्जी की दिनदहाड़े दो लोगों ने धारदार हथियार से हत्या कर दी थी। इस शख्स की हत्या इसलिए की गई क्योंकि उसने नूपुर शर्मा का समर्थन किया था। इस घटना के बाद से लोगों में काफी आक्रोश है।
Author: samachar
"कलम हमेशा लिखती हैं इतिहास क्रांति के नारों का, कलमकार की कलम ख़रीदे सत्ता की औकात नहीं.."