चुन्नीलाल प्रधान की रिपोर्ट
गोंडा जिले में राजस्व वादों के समय पर निस्तारण में हो रही देरी को लेकर जिला प्रशासन ने गंभीर कदम उठाए हैं। जिलाधिकारी नेहा शर्मा ने इस देरी को लेकर तहसीलदारों और नायब तहसीलदारों पर सख्त कार्रवाई की है और कुल 18 अधिकारियों को नोटिस जारी किए हैं। इसके अलावा, डीएम ने 45 दिन से अधिक पुराने मामलों को प्राथमिकता से निपटाने का आदेश दिया है।
डीएम ने तहसील अफसरों को निर्देश दिए हैं कि वे सभी लंबित वादों का समयबद्ध निस्तारण करें, अन्यथा उनके खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई की जाएगी। इस निर्देश के बाद, उप जिलाधिकारियों को भी इन मामलों की निगरानी करने और शीघ्र समाधान के लिए कहा गया है।
जिलाधिकारी ने खासतौर पर उप्र भू-राजस्व संहिता की धारा 34 के तहत नामांतरण से संबंधित मामलों में देरी को लेकर कार्रवाई की है। जिन अधिकारियों को नोटिस जारी किए गए हैं, उनमें कई तहसीलदार और नायब तहसीलदार शामिल हैं, जैसे नायब तहसीलदार कटरा बाजार अनु सिंह, नायब तहसीलदार करनैलगंज अल्पिका वर्मा, और तहसीलदार गोण्डा रंजन वर्मा।
इसके अलावा, तीन महीने से अधिक समय से लंबित भूमि बंटवारे से संबंधित मामलों का समाधान भी प्राथमिकता पर किया जाएगा, इसके लिए आठ वरिष्ठ अधिकारियों को पत्र जारी किए गए हैं। इन अधिकारियों से 31 जनवरी तक लंबित मामलों की रिपोर्ट पेश करने के लिए कहा गया है।
डीएम ने ये भी बताया कि राजस्व संहिता की धारा 33 के तहत अविवादित उत्तराधिकार प्रकरणों को भी तत्काल निपटाने के निर्देश दिए गए हैं। इसके अलावा, धारा 67 के तहत ग्राम पंचायत की संपत्ति से संबंधित मामलों पर भी कड़ी कार्रवाई की जा रही है। जिन अधिकारियों को चेतावनी दी गई है, उनमें तहसीलदार और न्यायिक अधिकारियों का नाम शामिल है, जैसे तहसीलदार मनीष कुमार, सत्यपाल सिंह, अनीश सिंह, और अन्य।
इसके अलावा, मुख्यालय के नायब तहसीलदार को नोडल अधिकारी नियुक्त किया गया है, जो इन प्रक्रियाओं की निगरानी करेंगे। डीएम ने ये भी सुनिश्चित किया कि तहसीलदारों और उप जिलाधिकारियों से नियमित फीडबैक रिपोर्ट प्राप्त की जाएगी, ताकि मामलों का समय पर निस्तारण सुनिश्चित किया जा सके।
इस प्रकार, गोंडा जिले में राजस्व वादों के निस्तारण में हो रही देरी पर कड़ी नजर रखी जा रही है, और किसी भी अधिकारी की लापरवाही पर कड़ी कार्रवाई की जाएगी।