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6 March 2025 9:55 pm

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घूसखोर दरोगा आए गिरफ्त में, इतनी बड़ी रकम के साथ एंटी करप्शन टीम ने किया काबू, मामला चौंकाने वाला है

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ठाकुर बख्श सिंह की रिपोर्ट

लखनऊ एंटी करप्शन टीम ने हसनगंज कोतवाली में तैनात दरोगा बेचन यादव को रिश्वत लेते हुए रंगे हाथ गिरफ्तार कर लिया। यह गिरफ्तारी मोहान तिराहे पर की गई, जहां दरोगा अपनी कार में डेढ़ लाख रुपये की रिश्वत ले रहा था। टीम ने दरोगा की कार से नकदी भी बरामद की। गिरफ्तारी के बाद दरोगा के खिलाफ सोहरामऊ थाने में केस दर्ज कर उसे जेल भेज दिया गया है।

मामला क्या था?

हसनगंज कोतवाली क्षेत्र के एक गांव निवासी महिला ने 18 दिसंबर को थाने में तहरीर देकर गांव के ही बबलू गौतम, महिपाल, प्रेमचंद, सनी, आशीष और दो अज्ञात लोगों के खिलाफ छेड़छाड़ और जान से मारने की धमकी देने के आरोप में एफआईआर दर्ज कराई थी। इस मामले की जांच दरोगा बेचन यादव कर रहे थे। जांच के दौरान ग्राम प्रधान मटरिया अभिषेक गौतम, प्रेमचंद और आशीष पर छेड़छाड़ की धाराएं भी जोड़ी गईं। बाद में इस मामले की चार्जशीट 23 जनवरी 2025 को सीओ कार्यालय भेज दी गई थी।

ग्राम प्रधान ने लगाया रिश्वत मांगने का आरोप

ग्राम प्रधान मटरिया अभिषेक गौतम का आरोप है कि दरोगा बेचन यादव ने विवेचना के दौरान उसका नाम हटाने के एवज में डेढ़ लाख रुपये की मांग की थी। इसके बाद ग्राम प्रधान ने लखनऊ एंटी करप्शन टीम में शिकायत दर्ज कराई। शिकायत के आधार पर एंटी करप्शन टीम ने दरोगा को पकड़ने के लिए जाल बिछाया और मोहान तिराहे पर उसे रंगे हाथ पकड़ लिया।

चार्जशीट पहले ही दाखिल हो चुकी थी

सीओ संतोष सिंह ने बताया कि इस मामले में तीन दिन पहले ही आठ लोगों के खिलाफ चार्जशीट दाखिल की जा चुकी थी। चार्जशीट में पांच लोगों पर मारपीट और तीन लोगों पर छेड़छाड़ के आरोप शामिल हैं।

दरोगा का सेवा इतिहास

दरोगा बेचन यादव मूल रूप से गोरखपुर जिले के बेलीपार थानाक्षेत्र के कालाबाग गांव का निवासी है। वह 1989 बैच का सिपाही था और 22 नवंबर 2022 को बीघापुर से हसनगंज थाने में तैनात किया गया था। 2023 में पदोन्नति मिलने के बाद वह दरोगा बना और तभी से हसनगंज कोतवाली में कार्यरत था।

एंटी करप्शन टीम की कार्रवाई के बाद क्या हुआ?

गिरफ्तारी के बाद एसपी ने मामले को गंभीरता से लेते हुए दरोगा बेचन यादव को लाइन हाजिर कर दिया। इसके अलावा उसके खिलाफ कानूनी कार्रवाई सुनिश्चित करने के लिए केस दर्ज कर जेल भेजा गया है।

यह घटना पुलिस विभाग में व्याप्त भ्रष्टाचार पर गंभीर सवाल खड़े करती है। एंटी करप्शन टीम की इस कार्रवाई को न्याय और पारदर्शिता सुनिश्चित करने की दिशा में अहम कदम माना जा रहा है।

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