जगदंबा उपाध्याय की रिपोर्ट
बलिया । जिले से एक दिल दहला देने वाली घटना सामने आई है। यहां एक मां ने अपने 9 महीने के मासूम बच्चे को दो मंजिला मकान की छत से फेंक दिया, जिससे उसकी मौके पर ही मौत हो गई। इस घटना के बाद इलाके में सनसनी फैल गई है।
झगड़े के बाद उठाया खौफनाक कदम
पुलिस के अनुसार, घटना शनिवार सुबह की है। 27 वर्षीय अंजू देवी, जो पिछले दो साल से अपने मायके में रह रही थी, ने अपने नौ महीने के बेटे को छत से फेंक दिया। घटना के समय अंजू का अपनी बड़ी बहन मनीषा के साथ किसी बात को लेकर विवाद हो गया था। गुस्से में अंजू ने कृष्णा नगर इलाके में स्थित अपने दो मंजिला घर की छत से मासूम को नीचे फेंक दिया।
बच्चे को तुरंत जिला अस्पताल ले जाया गया, लेकिन डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया।
पुलिस ने आरोपी मां को हिरासत में लिया
घटना के बाद पुलिस ने अंजू देवी को हिरासत में लेकर पूछताछ शुरू कर दी है। पुलिस अधीक्षक ओमवीर सिंह ने बताया कि बच्चे की दादी शोभा देवी की शिकायत पर अंजू के खिलाफ भारतीय दंड संहिता की धारा 105 (गैर इरादतन हत्या) के तहत मामला दर्ज किया गया है।
प्रेम विवाह के बाद से मायके में रह रही थी अंजू
पुलिस की जांच में पता चला है कि अंजू देवी ने प्रेम विवाह किया था। लेकिन पिछले दो साल से वह अपने मायके में रह रही थी। कुछ समय पहले अंजू की बड़ी बहन मनीषा भी मायके आई थी। दोनों बहनों के बीच अक्सर विवाद होते रहते थे। शनिवार को हुए झगड़े के दौरान अंजू ने यह खौफनाक कदम उठाया।
बीमारी के कारण बेटी की हत्या का मामला भी आया सामने
बलिया की इस घटना ने हाल ही में साहिबाबाद में घटी एक और घटना की याद ताजा कर दी। वहां एक मां ने अपनी छह माह की बीमार बेटी का गला घोंटकर हत्या कर दी थी। पुलिस जांच में खुलासा हुआ कि बच्ची के सिर में गांठ थी और वह अक्सर रोती रहती थी। गुस्से और मानसिक तनाव में आकर मां ने यह कदम उठाया।
साहिबाबाद के शालीमार गार्डन क्षेत्र में हुई इस घटना में पुलिस ने आरोपी मां मुसर्रत को गिरफ्तार कर लिया। उसने अपना जुर्म कबूल करते हुए कहा कि बीमारी के कारण बच्ची को मारना पड़ा।
पुलिस की अपील
इन दोनों घटनाओं ने समाज को झकझोर कर रख दिया है। पुलिस ने लोगों से अपील की है कि यदि किसी को मानसिक तनाव या घरेलू समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है, तो वे तुरंत परिवार, मित्रों या काउंसलरों से बात करें। इस तरह की घटनाओं को रोकने के लिए सामूहिक जागरूकता और समर्थन बेहद जरूरी है।