Explore

Search
Close this search box.

Search

15 March 2025 11:09 pm

जहां रोज शाम को जाकर दीए जलाती थी वहीं “खुशी” की सड़ांध मारती लाश मिली…

60 पाठकों ने अब तक पढा

दुर्गा प्रसाद शुक्ला के साथ नौशाद अली की रिपोर्ट

गोंडा। जहां पुत्री प्रति दिन शाम को दीपक जलाने जाती थी उसका शव घर से करीब 50 मीटर की दूरी पर संत आसाराम बापू आश्रम परिसर में खड़ी कार से बरामद हुआ। सवाल ये है कि कार का दरवाजा लाक था और उसकी चाबी सेवादार के पास थी। ऐसे में शव कार के अंदर कैसे पहुंचा। प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार शव को इस तरह से कार में लिटाया गया था। जिससे किसी की नजर न पड़े। घरवालों व सेवादार को भी घटना की भनक तक नहीं लगी। जबकि, बलरामपुर के रहने वाले दो लोग आश्रम में ठहरे और उन्हें कार में किशोरी का शव दिख गया, जो सवालों के घेरे में है। घटना के बाद पुलिस ने जांच को लेकर आश्रम के मुख्य गेट पर ताला लगवाकर लोगों के आवागमन पर रोक लगा दी है। दुर्गंध से खुला राज।

पीड़िता ने रो-रोकर मीडिया वालों के समक्ष यह बयान दिया कि मेरी लड़की को विरोधियों ने हत्या करके लाश को कार में डाल दिया है। पीड़िता का कहना था कि 6 माह बीतने को हैं, विरोधियों द्वारा मेरे चचिया सास से मेरे मकान को कुछ लोगों ने लिखवा लिया है।

नगर कोतवाली के मालवीय नगर गुड्डूमल चौराहा स्थित किराना की दुकान करने वाले नरसिंह की कार आश्रम परिसर में खड़ी थी। नरसिंह का कहना है कि घर पर जगह ने होने के कारण होली के पूर्व कार आश्रम में खड़ी की थी, जो खराब थी। कार का दरवाजा लाक कर चाबी आश्रम के सेवादार को दे दिया था। कार स्टार्ट न होने के कारण पुलिस को काफी मशक्कत करनी पड़ी। क्रेन के जरिए कार को कोतवाली लाया गया। आश्रम में लगा सीसी कैमरा खराब बताया जा रहा है। इससे वहां क्या हुआ, कोई सुराग नहीं लग पा रहा है।

बलरामपुर के रहने वाला व्यक्ति अपने एक साथी के साथ आसाराम बापू आश्रम में गुरुवार की रात ठहरा था। दोनों आश्रम से जुड़े हुए हैं। रात में भोजन करने के बाद जब वह परिसर में घूम रहे थे तो उन्हें बदबू महसूस हुई। बाहर से देखा तो कार के अंदर शव पड़ा दिखाई दिया। कार के अगले दरवाजे का लाक खुला था। लाक था दरवाजा।

नगर कोतवाली के विमौर गांव निवासी मनोज कुमार पांडेय उर्फ दद्दन बीते दो साल से लापता हैं। मनोज के बड़े बेटे आशीष पांडेय ने बताया कि उनकी मां ने इस बारे में गुमशुदगी कराई थी। अभी तक उनका पता नहीं चल सका है। मनोज के तीन बेटे व एक बेटी थी। बड़ा बेटा आशीष एमए, दूसरा बेटा मनीष बीएससी व तीसरा बेटा आयुष पांडेय इंटरमीडिएट में पढ़ रहा है। छोटी बेटी खुशी उर्फ स्वाती पांडेय कक्षा पांच की छात्रा थी। बीते पांच अप्रैल को किसी बात को लेकर खुशी को मां ने डांटा था। इसके बाद वह घर से कहीं चली गई। आशीष ने बताया कि पूरी रात बहन की तलाश की गई लेकिन, उसका कहीं पता नहीं चला।

samachar
Author: samachar

"कलम हमेशा लिखती हैं इतिहास क्रांति के नारों का, कलमकार की कलम ख़रीदे सत्ता की औकात नहीं.."