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23 February 2025 4:23 pm

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कपूत की करतूत ; बूढ़ी मां का गला बेटा तब तक दबाए रखा जबतक वो तड़प तड़प कर बेदम न हो गई

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दुर्गा प्रसाद शुक्ला की रिपोर्ट

महोबा,  नौ माह तक कोख में रखने और जन्म देते समय बीस हड्डियों के एक साथ टूटने जितना दर्द सहन करने वाली मां जन्मे बच्चे के पालन में अपना सर्वस्व न्योछावर कर देती है। तभी कहा जाता है.. पुत्र कपूत हो सकता है पर माता कभी कुमाता नहीं हो सकती है। ऐसे ही एक कपूत ने अपने हाथों ही ममता न्योछावर करने वाली बूढ़ी मां को दर्दनाक मौत दे दी।

महोबा के एक गांव की ये घटना निश्चित ही दिल दहलाने वाली है, जहां एक मां तड़पती और छटपटाती रही लेकिन बेटे को रहम नहीं आया। उसने तबतक अपनी मां का गला दबाकर रखा जबतक वह बेदम नहीं हो गईं। पिता ने रोकने की कोशिश तो उन्हें भी धक्का मारकर गिरा दिया। पुलिस ने फरार आरोपित पुत्र की तलाश शुरू की है।

श्रीनगर थाना क्षेत्र के बौरा गांव चंद्रबली, पत्नी रामप्यारी और बेटे चंद्रशेखर के साथ रह रहा है। उसकी बहू कई माह पहले बेटे की हरकतों से तंग आकर मायके चली गई थी। इसके बाद से चंद्रशेखर की हरकते और बढ़ गईं। शराब का लती चंद्रशेखर आए दिन घर में मारपीट करता था।

चंद्रबली ने पुलिस को बताया कि बुधवार को चंद्रशेखर मां रामप्यारी से शराब पीने के लिए रुपये मांग रहा था। रामप्यारी ने रुपये देने से इन्कार कर दिया, जिससे चंद्रशेखर नाराज होकर मारपीट करने लगा। चंद्रशेखर मां रामप्यारी का गला जोर से पकड़कर दबाने लगा तो वह तड़पने लगी।

पत्नी को छटपता देखकर चंद्रबली विरोध करने के लिए आगे बढ़े। उन्होंने बेटे को पकड़ने का प्रयास किया तो उसने दूसरे हाथ से धक्का देकर पिता को जमीन पर गिरा दिया। इस बीच रामप्यारी बेदम हो गई तो उसे छोड़कर चंद्रशेखर ने पिता को पीटना शुरू कर दिया।

इस बीच चीख पुकार सुनकर पड़ोसी आ गए तो मौका पाकर चंद्रशेखर घर से बाहर निकलकर फरार हो गया। चंद्रबली ने पुलिस को फोन पर सूचना दी और गंभीर हालत में पत्नी रामप्यारी को लेकर पहले श्रीनगर स्थित प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र पहुंचे। यहां हालत में सुधार न होने पर उन्हें महोबा जिला अस्पताल लेकर गए।

महोबा अस्पताल से रामप्यारी को झांसी रेफर कर दिया गया लेकिन रास्ते में उनकी मौत हो गई। श्रीनगर थाना प्रभारी दिनेश तिवारी ने बताया कि मां की हत्या करने के बाद फरार आरोपित पुत्र की तलाश की जा रही है।

चंद्रबली ने बताया कि चार दिन पहले भी पुत्र ने घर पर मारपीट की थी। उसकी शराब की लत से तंग आकर पत्नी भी मायके चली गई थी।

samachar
Author: samachar

"कलम हमेशा लिखती हैं इतिहास क्रांति के नारों का, कलमकार की कलम ख़रीदे सत्ता की औकात नहीं.."

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