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November 2, 2024 6:04 am

राष्ट्रीय लोक अदालत में कुल 23177 मामले निस्तारित किये गये, 1859640 रुपये अर्थदण्ड के रूप में वसूल किया गया

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नौशाद अली की रिपोर्ट

गोंडा। राष्ट्रीय विधिक सेवा प्राधिकरण एवं उत्तर प्रदेश राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण , लखनऊ के निर्देशानुसार 12 मार्च 2022 को राष्ट्रीय लोक अदालत का आयोजन जनपद न्यायालय गोण्डा में माननीय जनपद न्यायाधीश डॉ ० दीपक स्वरूप सक्सेना की अध्यक्षता में तथा राष्ट्रीय लोक अदालत के नोडल अधिकारी डा० दीनानाथ सप्तम अपर जिला जज की उपस्थिति में किया गया जिसमें कुल 23177 वाद निस्तारित किये गये राष्ट्रीय लोक अदालत में न्यायिक अधिकारियों द्वारा कुल -3780 वाद निस्तारित हुए एवं कुल रू . 1859640 / – ( अट्ठारह लाख उनसठ हजार छ सौ चालीस ) अर्थदण्ड के रूप में वसूल किया गया।

जिला विधिक सेवा प्राधिकरण, गोण्डा के सचिव श्री कृष्ण प्रताप सिंह द्व द्वारा जानकारी देते हुए बताया गया कि इस राष्ट्रीय लोक अदालत में माननीय जनपद एवं सत्र न्यायाधीश श्री डॉ ० दीपक स्वरूप सक्सेना द्वारा 23 वाद एवं अर्थदण्ड रू .1000 / – द्वितीय अपर जनपद एवं सत्र न्यायाधीश श्रीमती मीता कुमारी द्वारा 05 वाद एवं अर्थदण्ड रू .2500 / – तृतीय अपर जनपद एवं सत्र न्यायाधीश श्रीमती अनामिका चौहान द्वारा 01 वाद , विशेष न्यायाधीश ई ० सी ० एक्ट श्री मो ० नियाज अहमद द्वारा 70 वाद एवं अर्थदण्ड रू .75000 / – पंचम अपर जनपद एवं सत्र न्यायाधीश राजबहादुर रामदेव यादव द्वारा 01 वाद सप्तम अपर जनपद एवं सत्र न्यायाधीश डॉ ० दीनानाथ द्वारा 06 बाद एवं अर्थदण्ड रू .3000 / – मोटर दुर्घटना दावा अधिकरण के पीठासीन अधिकारी श्रीमती डा ० अनुपमा गोपाल निगम द्वारा -60 वाद एवं प्रतिकर राशि रू .21099105 / प्रथम अपर प्रधान न्यायाधीश परिवार न्यायालय कु ० आफसा द्वारा 13 वाद , द्वितीय अपर प्रधान न्यायाधीश परिवार न्यायालय सुश्री शैली राय द्वारा -19 वाद , मुख्य न्यायिक दण्डाधिकारी श्रीमती चिर कुमारित्या द्वारा 1565 वाद एवं अर्थदण्ड रू . 1083700 / – अपर मुख्य न्यायिक दण्डाधिकारी रेलवे श्री विवेक कुमार सिंह द्वारा 306 वाद एवं अर्थदण्ड रू . 115990 / – प्रथम अपर मुख्य न्यायिक दण्डाधिकारी सुश्री सुषमा द्वारा 885 वाद एवं अर्थदण्ड रू . 532150 / – सिविल जज ( सी.डि. ) श्री अनुपम शौर्य द्वारा 22 वाद निस्तारित करते हुए पत्र जारी किया गया , सिविल जज ( जू ० डि ० ) सुश्री काव्या सिंह द्वारा 16 वाद एवं रू . 2893910 / – का उत्तराधिकार प्रमाण पत्र जारी किया गया , न्यायिक मजिस्ट्रेट – द्वितीय श्रीमती शालीन मिश्रा द्वारा -148 वाद एवं अर्थदण्ड रू . 373720 / – पचम अपर सिविल जज ( जू ० डि ० ) श्री अभिषेक कुमार सिंह द्वारा 78 वाद एवं अर्थदण्ड रू .20500 / – द्वितीय अपर सिविल जज ( जू ० डि ० ) सुश्री सौम्या मिश्रा द्वारा 17 वाद एवं अर्थदण्ड रू .19900 / – चतुर्थ अपर सिविल जज ( जूडि ० ) श्री सत्य प्रकाश नरायन तिवारी द्वारा 07 वाद , सप्तम अपर सिविल जज ( जू ० डि ० ) सुश्री आचल चन्देल द्वारा 09 वाद एवं अर्थदण्ड रू .1900 / – अपर सिविल जज ( जू ० डि ० ) कक्ष सं०-11 सुश्री निधि वर्मा द्वारा 14 वाद एवं अर्थदण्ड रू .5900 / – अपर सिविल जज ( जू ० डि ० ) कक्ष सं०-12 श्री रविन्द्र कुमार रावत द्वारा -19 वाद एवं अर्थदण्ड रू .8400 / – अपर सिविल जज ( जू ० डि ० ) कक्ष सं०-13 श्री रविकान्त द्वारा 25 बाद एवं अर्थदण्ड रू .7050 / – सिविल जज ( जू ० डि ० ) / एफटीसी प्रथम सुश्री सोनम गौतम द्वारा 06 वाद एवं अर्थदण्ड रू .2900 / – सिविल जज ( जू ० डि ० ) / एफटीसी द्वितीय सुश्री वीनस कुमार द्वारा 09 वाद एवं अर्थदण्ड रू . 4000 / – सिविल जज ( जू ० डि ० ) / एफटीसी नवीन सुश्री अंकिता बौद्ध द्वारा -62 वाद एवं अर्थदण्ड रू .1100 / – स्पेशल न्यायिक मजिस्ट्रेट श्री राजेश्वरी प्रसाद दूबे द्वारा 165 वाद एवं अर्थदण्ड रू .5450 / – तथा ग्राम न्यायालयाधिकारी मनकापुर गोण्डा श्री हर्ष आनन्द द्वारा 216 वाद एवं अर्थदण्ड रू . 2160 / – निस्तारित कर जमा कराये गये । रू .7863247 / – का उत्तराधिकार इस प्रकार समस्त न्यायिक अधिकारियों द्वारा कुल -3780 वादों का निस्तारण करते हुए कुल रू . 1859640 / ( अट्ठारह लाख उनसठ हजार छ सौ चालीस ) रूपये जुर्माना के रूप में वसूल की गयी।

इसके अतिरिक्त स्थायी लोक अदालत , गोण्डा के अध्यक्ष श्री महन्थ लाल द्वारा कुल -08 वाद , जनपद गोण्डा के समस्त विभागों के द्वारा प्री – लिटीगेशन के माध्यम से कुल -17107 वादों का निस्तारण करते हुए कुल रू .62302421 / – ( छ करोड तेइस लाख दो हजार चार सौ इक्कीस ) की समझौता राशि तय की गयी।


इस अवसर पर जनपद न्यायालय गोण्डा में समस्त न्यायिक अधिकारी , बैंक अधिकारी तथा अन्य अधिवक्तागण , न्यायालय के कर्मचारीगण व भारी संख्या में वादकारी आदि उपस्थित रहे।

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Author: samachar

"कलम हमेशा लिखती हैं इतिहास क्रांति के नारों का, कलमकार की कलम ख़रीदे सत्ता की औकात नहीं.."