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November 2, 2024 4:55 pm

महिला शक्ति ; दिल जरुर कोमल है लेकिन इरादा फौलादी; जानिए इस महिला की शक्ति को

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अनन्या अनूप की रिपोर्ट

लुधियाना। एक ओर किसान कृषि छोड़कर विदेश में नौकरी के लिए भटक रहे हैं वहीं दूसरी तरफ पक्खोवाल रोड की रहने वाली लविश अरोड़ा है ने विदेश में नौकरी छोड़कर खेती की राह चुनी। अब घर बैठे ही जहां खुद लाखों रुपये कमा रही है, वहीं महिलाओं को भी रोजगार दे रही है। लविश अराेड़ा (Lovish Arora) पिछले छह सालों से पालीहाउस खेती कर रही है।

बिजनेसमैन फैमिली से संबंधित लविश ने साल 2010 में यूके से ग्लोबल बिजनेस में मास्टर डिग्री की। डिग्री के बाद यूके में ही एक मल्टीनेशनल कंपनी में नौकरी मिल गई। नौकरी में मन नहीं लगा।

लविश कहती हैं कि उनका शुरू से ही खेतीबाड़ी के प्रति रूझान था। ऐसे में उन्होंने नौकरी छोड़ी और इंडिया आ गई। यहां आई, तो शादी हो गई।

शादी के बाद भी खेतीबाड़ी से जुड़ाव कम नहीं हुआ। एक दिन खेतीबाड़ी के अपने शौक के बारे में ससुर विजय अरोड़ा व पति अवि अरोड़ा से बात की। जिस पर उन्होंने तुंरत हामी भर दी। परिवार के पास इस्सेवाल में एक एकड़ जमीन पहले से ही थी। उसी जमीन पर खेती करने की सोची।

पंजाब कृषि विश्वविद्यालय से पाली हाउस फार्मिंग की ट्रेनिंग ली और साल 2016 में 28 साल की उम्र में पीली व लाल शिमला मिर्च व सीडलैस खीरे की खेती शुरू कर दी।

लविश बताती है कि सारे खर्चे निकाल कर साल में दस से बारह लाख रुपये का प्राॅफिट हो जाता है। अपने फार्म पर छह महिलाओं को भी रोजगार दिया। लविश कहती हैं कि खेती में यंग जनरेशन के लिए बहुत संभावनाएं हैं।

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Author: samachar

"कलम हमेशा लिखती हैं इतिहास क्रांति के नारों का, कलमकार की कलम ख़रीदे सत्ता की औकात नहीं.."