Explore

Search
Close this search box.

Search

19 January 2025 12:46 am

लेटेस्ट न्यूज़

कहां हैं श्यामल चरण तुम्हारे

34 पाठकों ने अब तक पढा

पूनम पांडेय

कहां हैं श्यामल चरण तुम्हारे,
उनको भाल धरूं मैं
मुख दर्शन के हूं अयोग्य मैं,
इतनी विनय करूं मैं।
कोई ऐसा अवगुण नाही ,
जो न समाया मुझमें,
भव बंधन में रमा हूं ऐसे,
रम पाया न तुझमें,
क्षमा याचना की आशा ले,
तुझको नमन करूं मैं,
ज्योतिर्मय हो पथ अंधियारा
भाव का दीप धरूं मैं।
बडभागी वो होंगे कितने,
निकट जो होंगे तेरे,
मैं बपुरा मूर्ख अज्ञानी,
विषय वासना घेरे,
कितना गहरा जल है इसका,
कैसे थाह करूं मैं,
डूब ही जाऊंगा मैं भगवन,
कैसे पार करूं मैं।
पार लगाया नही जो तुमने,
क्या क्या लोग कहेंगे,
दयासिंधु,करुणा के सागर,
मेरे अश्रु बहेंगे,
अपने नाम की लाज रखो प्रभु,
तुमसे यही कहूं मैं,
वैतरणी से मैं तर जाऊं,
तारण नाम धरूं मैं।

(काव्य दीप के प्रथम वर्षगांठ पर आयोजित कविता प्रतियोगिता में यह प्रथम स्थान प्राप्त कविता है)

पूनम पांडेय, प्रधानाध्यापिका, प्रा0 वि0 कनपतियापुर, कन्नौज
निवासी- कानपुर
samachar
Author: samachar

"कलम हमेशा लिखती हैं इतिहास क्रांति के नारों का, कलमकार की कलम ख़रीदे सत्ता की औकात नहीं.."

लेटेस्ट न्यूज़