ट्रक पर बना दिया 200 लोगों की क्षमता वाला सभी सुविधा उपलब्ध मैरिज हाल; वीडियो ? देखिए
अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस के उपलक्ष्य में “कन्या भ्रूण का मर्म”
31 पाठकों ने अब तक पढा– बल्लभ लखेश्री मैं अबला नहीं हूं मां , सबला बन के दिखलाऊंगी। मैं किसी से कम नहीं हूं मां,
कविता ; माँ तेरा नाम
23 पाठकों ने अब तक पढा–संदीप कुमार जैन माँ तेरा नाम , जब कभी आता है मेरी जुबां पर , एहसास कराता है मुझे तेरे
हिन्दी रो बखाण ; कविता
17 पाठकों ने अब तक पढा– वल्लभ लखेश्री हिंदी मनडो मोवणी, आखर लागे अंग । पढ़ें जिनासूं जाण जो, कैडो आवे रंग । संस्कृत री
कविता : अखबार
47 पाठकों ने अब तक पढा– बल्लभ लखेश्री हर मुंडेर पर हर रोज, अखबार आता है, और वो कहता है । जुल्मों जख्म सितम का,
दास्तां ए दर्द…..
17 पाठकों ने अब तक पढा– वल्लभ लखेश्री मैं दर्द से दर्द लिखता हूं बुलंद वायदों की बस्ती में, सियासत की साजिश लिखता हूंl इन
कविता महक बिखेरती…..??
12 पाठकों ने अब तक पढा⏺️ प्रमोद दीक्षित मलय कविता स्वप्न सँवारती, भाव भरे उर इत्र। जीवन पुस्तक में गढ़े, रुचिर सफलता चित्र।। कविता महक
सुन फागुन के राग…..
20 पाठकों ने अब तक पढाप्रमोद दीक्षित मलय फागुन दस्तक दे रहा, बानी मीठी बोल। प्रेमसुधा भर लीजिए, हृदय झरोखा खोल।। सरिता तट तरुणी खड़ी,
कविता ; जीवन उपवन सा खिले
16 पाठकों ने अब तक पढा प्रमोद दीक्षित मलय जंगल करते हैं सदा, मानव पर उपकार। औषधियां-फल भेंटकर, दें जीवन संसार।। तरुवर माता-पिता सम, तरुवर मानव
तुम जीवन हो ….
14 पाठकों ने अब तक पढाप्रमोद दीक्षित मलय कविता की मधुरिम भाषा हो तुम। प्रेमिल हृदयों की आशा हो तुम। सौंदर्य शास्त्र का आधार सुखद,
भारत माता का वंदन ; कविता
13 पाठकों ने अब तक पढा• प्रमोद दीक्षित मलय भारत माता के वंदन में उपवन महक रहे। कलरव करतीं सरिताएँ, नभ पंछी चहक रहे।। सूरज