बलिया के वैना रत्तूचक गांव में, जहां आजादी की लड़ाई के दौरान क्रांतिकारी हथियार छिपाते थे, अब ONGC ने कच्चे तेल का बड़ा भंडार खोज निकाला है। जानें कैसे यह खोज गांव के विकास की नई इबारत लिखेगी!
बलिया, जिसे स्वतंत्रता संग्राम के दौरान क्रांतिकारियों की भूमि के रूप में जाना जाता था, अब एक बार फिर सुर्खियों में है। इस बार वजह ऐतिहासिक नहीं, बल्कि आर्थिक बदलाव से जुड़ी है। तेल एवं प्राकृतिक गैस निगम लिमिटेड (ONGC) ने बलिया के सागरपाली के पास वैना रत्तूचक गांव में कच्चे तेल का बड़ा भंडार खोज निकाला है। जहां कभी आजादी के मतवाले अपने हथियार छिपाते थे, वहां अब तेल के कुएं खोदे जा रहे हैं।
3001 मीटर गहराई तक होगी खुदाई
ONGC ने स्वतंत्रता सेनानी चित्तू पांडेय के परिवार की लगभग 6.5 एकड़ जमीन पट्टे पर लेकर खुदाई शुरू कर दी है। अत्याधुनिक मशीनों की मदद से 3001 मीटर गहरे कुएं की खुदाई का लक्ष्य रखा गया है। अब तक 700 मीटर की खुदाई पूरी हो चुकी है, जबकि शेष कार्य अगले ढाई महीनों में पूरा कर लिया जाएगा। तेल के भंडार की पुष्टि के बाद पूरे क्षेत्र में विकास की नई संभावनाएं जग गई हैं।
स्थानीय लोग और सरकार उत्साहित
तेल भंडार मिलने की खबर से स्थानीय लोग बेहद खुश हैं। चित्तू पांडेय के प्रपोत्र विनय पांडेय ने बताया कि ONGC ने उनकी जमीन पट्टे पर ली है और इसके बदले उन्हें आर्थिक लाभ भी मिल रहा है। लेकिन सबसे बड़ी खुशी इस बात की है कि उनके क्षेत्र को राष्ट्रीय महत्व का दर्जा मिल रहा है। उन्होंने उम्मीद जताई कि इससे बलिया के विकास की गति तेज होगी।
राज्य के परिवहन मंत्री दयाशंकर सिंह ने कहा,
“अब बलिया को बॉम्बे बनने से कोई नहीं रोक सकता।”
उन्होंने बलिया की धरती को ऊर्जा से भरपूर बताया और कहा कि जल्द ही इस क्षेत्र में कच्चे तेल का उत्पादन शुरू होगा, जिससे औद्योगिक और बुनियादी ढांचे का तेज़ी से विकास होगा।
क्रांतिकारियों की छिपी विरासत से उभरी ऊर्जा
यह वही भूमि है जहां स्वतंत्रता संग्राम के दौरान क्रांतिकारी पुलिस से बचने के लिए हथियार खेतों और बागों में छिपाते थे। आजादी की लड़ाई में यह क्षेत्र महत्वपूर्ण भूमिका निभा चुका है। अब वही भूमि देश की ऊर्जा जरूरतों को पूरा करने में योगदान देगी।
बलिया का भविष्य: विकास की ओर एक नया कदम
बलिया में तेल भंडार की खोज उत्तर प्रदेश और देश की अर्थव्यवस्था के लिए एक बड़ा कदम साबित हो सकती है। अगर यह भंडार वाणिज्यिक रूप से उत्पादक निकला, तो न केवल स्थानीय लोगों को रोजगार मिलेगा, बल्कि बलिया को औद्योगिक और आर्थिक रूप से मजबूत शहरों की सूची में शामिल किया जा सकता है।
स्वतंत्रता संग्राम में अग्रणी भूमिका निभाने वाला बलिया अब आर्थिक क्रांति की ओर कदम बढ़ा चुका है। जिस मिट्टी ने कभी क्रांतिकारियों की ताकत को बढ़ाया था, अब वही मिट्टी देश की ऊर्जा जरूरतों को पूरा करने के लिए कच्चा तेल उगल रही है। इससे न केवल बलिया, बल्कि पूरे उत्तर प्रदेश के विकास को एक नई दिशा मिलेगी।
➡️जगदम्बा उपाध्याय की रिपोर्ट

Author: जगदंबा उपाध्याय, मुख्य व्यवसाय प्रभारी
जिद है दुनिया जीतने की