“आजमगढ़ में कांग्रेस संगठन को मजबूती देने की चुनौती! नए जिला अध्यक्षों कौशल कुमार राय, मुन्ना राय और रियाजुल हसन के सामने गुटबाजी और कमजोर जमीनी संगठन जैसी मुश्किलें। जानिए, उनकी रणनीति और भविष्य की योजनाएं।”
अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी के जनरल सेक्रेटरी केसी वेणुगोपाल ने उत्तर प्रदेश में कांग्रेस के नए जिला अध्यक्षों के नामों की घोषणा कर दी है। इसी कड़ी में आजमगढ़ जिले में कौशल कुमार राय और मुन्ना राय को जिला कांग्रेस कमेटी की जिम्मेदारी सौंपी गई है, जबकि रियाजुल हसन को शहर कांग्रेस कमेटी का अध्यक्ष बनाया गया है। हालांकि, इन नेताओं के लिए संगठन को मजबूत करना किसी कांटों के ताज से कम नहीं होगा।
हर बूथ को मजबूत करने की रणनीति
नवनियुक्त जिला अध्यक्ष कौशल कुमार राय और मुन्ना राय ने अपनी प्राथमिकताओं को स्पष्ट करते हुए कहा कि कांग्रेस संगठन को बूथ स्तर तक मजबूत करना उनका मुख्य लक्ष्य होगा। उन्होंने यह भी बताया कि आगामी 2027 के विधानसभा चुनाव में भारतीय जनता पार्टी को कड़ी चुनौती देने की रणनीति बनाई जाएगी। दोनों नेता इससे पहले जिला कांग्रेस के उपाध्यक्ष पद पर कार्यरत थे और अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी के सदस्य भी रह चुके हैं।
वहीं, शहर कांग्रेस कमेटी के नवनियुक्त अध्यक्ष रियाजुल हसन ने कहा कि वार्ड स्तर पर संगठन का विस्तार और कार्यकर्ताओं की समस्याओं का समाधान उनकी प्राथमिकता होगी। वे छात्र राजनीति से जुड़े रहे हैं और पूर्व में कांग्रेस के सचिव और महासचिव जैसे महत्वपूर्ण पदों पर कार्य कर चुके हैं।
कांग्रेस संगठन के सामने कई बड़ी चुनौतियाँ
उत्तर प्रदेश में अपने राजनीतिक वजूद की तलाश में जुटी कांग्रेस के लिए आजमगढ़ जैसे जिलों में संगठन को मजबूती देना किसी कठिन परीक्षा से कम नहीं है। सबसे बड़ी चुनौती पार्टी के भीतर की गुटबाजी और जमीनी स्तर पर कमजोर संगठन है।
पिछले कुछ वर्षों में कई वरिष्ठ नेता कांग्रेस छोड़कर अन्य दलों में शामिल हो चुके हैं, क्योंकि उन्हें संगठन में कोई विशेष जिम्मेदारी नहीं मिली। 2022 के विधानसभा चुनावों में कांग्रेस प्रत्याशियों की स्थिति बेहद निराशाजनक रही थी। कई विधानसभा सीटों पर कांग्रेस उम्मीदवार 2,500 वोटों का आंकड़ा भी पार नहीं कर सके।
क्या नए जिला अध्यक्ष कांग्रेस को मजबूती दे पाएंगे?
आजमगढ़ जिले में कांग्रेस का संगठन लगभग निष्क्रिय स्थिति में है। ऐसे में, कौशल कुमार राय, मुन्ना राय और रियाजुल हसन के नेतृत्व में इसे नए सिरे से खड़ा करना एक कठिन चुनौती होगी। अब देखने वाली बात यह होगी कि क्या ये नवनियुक्त जिला अध्यक्ष पार्टी की उम्मीदों पर खरे उतरते हैं और कांग्रेस को फिर से मजबूत कर पाते हैं या नहीं।
उत्तर प्रदेश में कांग्रेस के पुनरुद्धार की राह मुश्किल है, लेकिन यदि नए जिला अध्यक्ष ठोस रणनीति और मजबूत संगठन के साथ आगे बढ़ते हैं, तो पार्टी के लिए 2027 के विधानसभा चुनावों में बेहतर प्रदर्शन की संभावनाएं बन सकती हैं। अब यह समय ही बताएगा कि कांग्रेस अपनी खोई हुई जमीन वापस पाने में कितनी सफल होती है।
जगदम्बा उपाध्याय की रिपोर्ट

Author: जगदंबा उपाध्याय, मुख्य व्यवसाय प्रभारी
जिद है दुनिया जीतने की