ठाकुर बख्श सिंह और हरीश चन्द्र गुप्ता की रिपोर्ट
उन्नाव, छत्तीसगढ़: रायपुर के प्रतिष्ठित होटल पिकैडिली में इंटलेक्चुअल सोसायटी ऑफ मीडिया प्रमोटर्स (आईएसएमपी) द्वारा तीन दिवसीय नेशनल कांफ्रेंस का भव्य आयोजन किया गया। इस सम्मेलन में देशभर से मीडिया प्रोफेशनल्स, शिक्षाविद, समाजसेवी और विश्वविद्यालय के स्कॉलर्स ने भाग लिया और अपने शोध पत्र प्रस्तुत किए। कांफ्रेंस का मुख्य विषय “न्यू डायमेंसंस ऑफ मीडिया एंड सोसायटी” रखा गया था।
सम्मानित हुए देशभर के समाजसेवी और मीडिया प्रोफेशनल्स
कार्यक्रम में पद्मश्री डॉ. भारती बंधु, प्रख्यात फिल्मकार डॉ. शाहिद अली, आईएसएमपी चेयरमैन चंद्रशेखर, छत्तीसगढ़ मित्र के संपादक सुधीर शर्मा सहित अन्य गणमान्य अतिथियों ने देशभर से चयनित 25 मीडिया प्रोफेशनल्स और समाजसेवियों को राष्ट्रीय सम्मान से अलंकृत किया।
उन्नाव के समाजसेवी डॉ. प्रदीप वर्मा और संजीव संखवार को “समाज रत्न सम्मान” से नवाजा गया। डॉ. प्रदीप वर्मा ने नशामुक्ति के प्रति अपने योगदान और जागरूकता अभियानों को प्रमुखता से प्रस्तुत किया, वहीं संजीव संखवार ने नशे के दुष्परिणाम और इससे बचाव के उपायों पर अपनी बात रखी।
मीडिया और समाज पर विशेष विचार-विमर्श
इस दौरान कार्टून वॉच के संपादक त्रयंबक शर्मा ने मीडिया की भाषा और उसकी जिम्मेदारी पर विचार व्यक्त किए। शाहनवाज कादरी ने सामाजिक परिवर्तन और पत्रकारिता के बदलते स्वरूप पर चर्चा की। पद्मश्री डॉ. भारती बंधु ने पत्रकारों को सत्यनिष्ठा और निर्भीकता के मार्ग पर चलने की प्रेरणा दी। वरिष्ठ पत्रकार आसिफ इकबाल ने तकनीकी उन्नति के कारण मीडिया की तीव्र गति से विकसित हो रही भूमिका को रेखांकित किया।
“शबरी के राम” डॉक्यूमेंट्री का हुआ पहला प्रदर्शन
कांफ्रेंस के समापन सत्र में फिल्म निर्देशक डॉ. शाहिद अली द्वारा निर्मित डॉक्यूमेंट्री “शबरी के राम” का पहला प्रदर्शन किया गया। फिल्म ने भगवान राम के जीवन और प्रमुख धार्मिक स्थलों का सुंदर एवं जीवंत चित्रण प्रस्तुत किया। डॉक्यूमेंट्री के प्रदर्शन के दौरान हॉल तालियों की गड़गड़ाहट से गूंज उठा।
सम्मानित हुए उन्नाव के शिक्षक
इस आयोजन में उन्नाव के पांच शिक्षकों को विशेष रूप से सम्मानित किया गया। प्रदीप वर्मा और संजीव संखवार को नशामुक्ति आंदोलन में उनके योगदान के लिए सम्मानित किया गया, जबकि एसआरजी अखिलेश शुक्ल, शिक्षिका रत्ना और प्रीति को उनके शिक्षण कार्य में विशेष योगदान हेतु सम्मान प्राप्त हुआ।
नशामुक्ति अभियान से जुड़े कुछ प्रमुख पहलू
1. नशामुक्ति अभियान की आवश्यकता
नशे की लत से युवा वर्ग सबसे अधिक प्रभावित होता है।
पारिवारिक और सामाजिक ताने-बाने को नुकसान पहुँचता है।
अपराध दर में वृद्धि और स्वास्थ्य समस्याएँ बढ़ती हैं।
2. नशामुक्ति अभियान की रणनीतियाँ
शिक्षा और जागरूकता: स्कूलों, कॉलेजों और समुदायों में सेमिनार और वर्कशॉप आयोजित करना।
कानूनी प्रवर्तन: नशे की वस्तुओं की बिक्री और तस्करी रोकने के लिए सख्त कानून लागू करना।
पुनर्वास केंद्र: नशा छोड़ने की इच्छा रखने वालों के लिए विशेष पुनर्वास केंद्र स्थापित करना।
मनोवैज्ञानिक सहायता: परामर्श सेवाओं और हेल्पलाइन नंबर उपलब्ध कराना।
3. उन्नाव और अन्य स्थानों में चल रहे प्रयास
प्रदीप वर्मा और संजीव संखवार जैसे समाजसेवियों का योगदान, जिन्होंने नशामुक्ति के लिए जागरूकता अभियान चलाए।
सरकारी और गैर-सरकारी संगठनों की भागीदारी।
सोशल मीडिया और डॉक्यूमेंट्री फिल्मों के माध्यम से जागरूकता फैलाना।
4. भविष्य की योजनाएँ और चुनौतियाँ
नशामुक्ति अभियान को और प्रभावी बनाने के लिए डिजिटल प्लेटफॉर्म और मीडिया का अधिक उपयोग।
नशा छुड़ाने की सरकारी योजनाओं को ज़मीनी स्तर तक पहुँचाना।
समाज में व्याप्त मिथकों को तोड़ना और नशा मुक्त जीवन शैली को प्रोत्साहित करना।
अगले वर्ष वर्धा में होगा आयोजन
एसआरजी अखिलेश शुक्ल ने अपने अध्यक्षीय सत्र में उन्नाव के गौरवशाली इतिहास पर चर्चा की और यह घोषणा की कि आईएसएमपी 2026 का आयोजन वर्धा में किया जाएगा।
तीन दिवसीय इस आयोजन में मीडिया और तकनीकी के उपयोग, छत्तीसगढ़ के क्षेत्रीय स्थलों के भ्रमण और नालंदा परिसर की सैर प्रमुख आकर्षण रहे।
उपस्थित गणमान्य अतिथि
आईएसएमपी 2025 वार्षिक अधिवेशन एवं सम्मान समारोह में मुख्य रूप से आईएसएमपी चेयरमैन चंद्रशेखर, आईएसएमपी महाराष्ट्र के चेयरमैन कौशल मिश्र, वरिष्ठ पत्रकार रवि भोई, सामाजिक कार्यकर्ता डॉ. अजय कुमार शर्मा, निमिषा, प्रिया पांडे, महात्मा गांधी अंतर्राष्ट्रीय हिंदी विश्वविद्यालय के जनसंपर्क अधिकारी बी एस मिरगे, चेतन भट्ट आदि उपस्थित रहे।
इस महत्वपूर्ण आयोजन ने मीडिया, समाज और नशामुक्ति के प्रति जागरूकता को बढ़ाने में अहम भूमिका निभाई।
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