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13 February 2025 1:23 pm

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बेटा हारा तो संसद में हल्ला करने लगे अवधेश, अखिलेश के बगल में बैठकर योगी को खूब सुनाया

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अंजनी कुमार त्रिपाठी की रिपोर्ट

मिल्कीपुर/लखनऊ/नई दिल्ली: अयोध्या जिले की मिल्कीपुर विधानसभा सीट पर हाल ही में हुए उपचुनाव में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने भारी मतों से जीत दर्ज की। भाजपा उम्मीदवार चंद्रभानु पासवान ने समाजवादी पार्टी (सपा) के प्रत्याशी अजीत प्रसाद को करारी शिकस्त दी। चुनावी नतीजों के अनुसार, भाजपा ने 60,000 से अधिक वोटों के बड़े अंतर से जीत हासिल की।

अजीत प्रसाद, अयोध्या (फैजाबाद) से सांसद अवधेश प्रसाद के बेटे हैं। बेटे की हार से आहत सपा सांसद अवधेश प्रसाद ने लोकसभा में यूपी की योगी आदित्यनाथ सरकार पर जमकर हमला बोला। इस दौरान सपा प्रमुख अखिलेश यादव भी संसद में उनके बगल में बैठे नजर आए।

संसद में गूंजा सपा सांसद अवधेश प्रसाद का आक्रोश

लोकसभा में बोलते हुए सपा सांसद अवधेश प्रसाद ने आरोप लगाया कि फैजाबाद (अयोध्या) में उनकी जीत भाजपा को हजम नहीं हो रही। उन्होंने कहा कि भाजपा सरकार ने लोकतंत्र के सिद्धांतों की अनदेखी कर, प्रशासनिक तंत्र का दुरुपयोग करते हुए उनके बेटे की हार सुनिश्चित की।

अवधेश प्रसाद ने इस दौरान अयोध्या में हाल ही में हुई एक दलित युवती की नृशंस हत्या और बलात्कार का मुद्दा भी संसद में उठाया। उन्होंने कहा कि जब इस घटना को लेकर उन्होंने मुखरता से आवाज उठाई तो योगी आदित्यनाथ ने उनके आंसुओं को ‘घड़ियाली आंसू’ करार दिया।

दलित युवती के बलात्कार और हत्या पर बोले सांसद, सोशल मीडिया पर रोने का वीडियो वायरल

सपा सांसद अवधेश प्रसाद ने अयोध्या में दलित लड़की के साथ हुए जघन्य अपराध को लेकर सरकार की निष्क्रियता पर सवाल उठाए। उन्होंने कहा कि जब उन्होंने इस घटना को लेकर सार्वजनिक रूप से दुख प्रकट किया और न्याय की मांग की, तो योगी आदित्यनाथ ने उनके दर्द का मजाक उड़ाया और इसे ‘घड़ियाली आंसू’ बता दिया।

गौरतलब है कि इस घटना के बाद सांसद अवधेश प्रसाद दो बार मीडिया के सामने रो पड़े थे। उनका यह भावुक वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हुआ था, जिसे लेकर भाजपा और सपा समर्थकों के बीच तीखी बहस भी देखने को मिली थी।

मिल्कीपुर उपचुनाव का सियासी असर

मिल्कीपुर सीट पर हुए इस उपचुनाव को लेकर उत्तर प्रदेश की राजनीति में हलचल तेज हो गई है। भाजपा की बड़ी जीत से सत्तारूढ़ पार्टी के कार्यकर्ता उत्साहित हैं, वहीं सपा समर्थकों में निराशा और गुस्सा दोनों देखने को मिल रहे हैं।

राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि यह चुनाव परिणाम 2024 के लोकसभा चुनावों के लिए भी संकेत देता है। भाजपा ने दलित और पिछड़ा वर्ग के मतदाताओं को लुभाने की रणनीति अपनाई थी, जिसमें उसे सफलता मिली। वहीं, सपा के लिए यह हार चुनावी रणनीति पर पुनर्विचार करने का संकेत हो सकती है।

आने वाले समय में इस उपचुनाव के परिणाम का उत्तर प्रदेश की राजनीति पर क्या असर होगा, यह देखने योग्य रहेगा।

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Author: Newsroom

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