संतोष कुमार सोनी के साथ सुशील कुमार मिश्रा की रिपोर्ट
उत्तर प्रदेश के बांदा जिले में पुलिस की कार्यशैली इन दिनों चर्चा का विषय बनी हुई है। ताजा मामला चिल्ला थाना क्षेत्र के पपरेंदा गांव से सामने आया है, जहां तैनात एक दारोगा पर फ्री में दूध न मिलने पर दबंगई दिखाने का आरोप लगा है। दारोगा ने कथित रूप से एक युवक से सुबह-शाम मुफ्त में एक लीटर दूध देने की मांग की, और जब युवक ने इससे इनकार किया, तो उसे न केवल थप्पड़ जड़ दिए बल्कि धमकियां भी दीं।
क्या है पूरा मामला?
पीड़ित युवक शैलेंद्र सिंह ने इस संबंध में पुलिस अधीक्षक, बांदा को एक लिखित शिकायत दी है। शिकायत में उन्होंने आरोप लगाया है कि पपरेंदा चौकी में तैनात उप-निरीक्षक अर्पित पांडेय ने उनसे रोजाना सुबह-शाम मुफ्त में दूध देने की मांग की थी। जब उन्होंने इसे मानने से इनकार किया, तो दारोगा गुस्से में आ गए और चौकी में बुलाकर गालियां देने के साथ धक्का-मुक्की करने लगे।
थप्पड़ मारकर छीनी मोटरसाइकिल की चाबी
शैलेंद्र का कहना है कि 1 फरवरी 2025 की शाम करीब 7 बजे जब वह बस स्टैंड के पास था, तभी दारोगा अर्पित पांडेय वहां पहुंचे और उसे रोककर चार-पांच थप्पड़ जड़ दिए। इतना ही नहीं, दारोगा ने उसकी मोटरसाइकिल की चाबी छीन ली और उसे धमकाया कि अगर उसने रोजाना मुफ्त में दूध नहीं दिया, तो उसे किसी फर्जी मुकदमे में फंसा देंगे।
डर के साये में जी रहा है पीड़ित परिवार
पीड़ित युवक का घर चौकी के पास ही है, जिससे वह खुद को बेहद डरा-सहमा और असुरक्षित महसूस कर रहा है। उसने पुलिस अधीक्षक से न्याय की गुहार लगाई है और आरोपी दारोगा के खिलाफ कड़ी कानूनी कार्रवाई की मांग की है।
पुलिस की कार्रवाई पर नजर
यह मामला अब स्थानीय प्रशासन और पुलिस विभाग के लिए बड़ी चुनौती बन गया है। एक ओर जहां पुलिस आम जनता की सुरक्षा का दावा करती है, वहीं दूसरी ओर खाकी वर्दी पहने अधिकारी खुद कानून को तोड़ते नजर आ रहे हैं। अब देखना होगा कि पुलिस विभाग दारोगा अर्पित पांडेय के खिलाफ क्या कार्रवाई करता है या फिर यह मामला भी अन्य मामलों की तरह ठंडे बस्ते में डाल दिया जाएगा।
Author: मुख्य व्यवसाय प्रभारी
जिद है दुनिया जीतने की