जगदंबा उपाध्याय की रिपोर्ट
आजमगढ़, देवगांव कोतवाली क्षेत्र में सोमवार सुबह एक कोल्ड ड्रिंक व्यापारी ने पुलिस को झूठी सूचना दी कि कुछ बदमाशों ने तमंचे के बल पर उससे 70 लाख रुपये लूट लिए हैं। घटना की सूचना मिलते ही पुलिस अधीक्षक (एसपी) हेमराज मीना और डीआईजी मौके पर पहुंचे और मामले की गहन जांच शुरू कर दी। जब पुलिस ने व्यापारी से सख्ती से पूछताछ की, तो लूट की पूरी कहानी झूठी निकली।
कर्ज और व्यापारिक घाटे का दबाव बना कारण
जांच में खुलासा हुआ कि व्यापारी शिवकुमार, जो कस्बे में “शिव शक्ति इंटरप्राइजेज” नामक कोल्ड ड्रिंक एजेंसी चलाते हैं, एक करोड़ पांच लाख रुपये के कर्ज में डूबे हुए थे। इसके साथ ही, उन्हें जनवरी से फरवरी के बीच कोल्ड ड्रिंक कंपनी को एडवांस माल के लिए एक करोड़ रुपये का भुगतान करना था।
शिवकुमार को डीलरों और एजेंसी के दबाव का सामना करना पड़ रहा था। उनकी आर्थिक स्थिति इतनी खराब हो चुकी थी कि उन्हें यह समझ नहीं आ रहा था कि वह अपने कर्ज और एजेंसी के बकाए का भुगतान कैसे करेंगे।
24 जनवरी से शुरू हुई साजिश
एसपी हेमराज मीना ने बताया कि 24 जनवरी को शिवकुमार ने एजेंसी के अन्य डीलरों के साथ एक बैठक की थी। इस बैठक में डीलरों ने स्पष्ट कर दिया कि अगर शिवकुमार बकाया पैसा जमा नहीं करते, तो उनकी एजेंसी किसी और को सौंप दी जाएगी। इस बात से व्यापारी तनाव में आ गए और उसी दिन से उन्होंने लूट की कहानी गढ़नी शुरू कर दी।
कैमरे बंद कर रची योजना
अपनी योजना को अंजाम देने के लिए शिवकुमार ने अपनी दुकान में लगे सीसीटीवी कैमरों को बंद कर दिया। पुलिस जब घटना की जांच करने पहुंची और कैमरे की जानकारी मांगी, तो व्यापारी ने कहा कि कैमरे खराब हैं। हालांकि, पुलिस ने जांच में पाया कि कैमरे पूरी तरह से सही थे।
पुलिस ने जब व्यापारी से सख्ती से पूछताछ की, तो वह टूट गया और लूट की साजिश की सच्चाई कबूल कर ली। उसने बताया कि कर्ज से बचने और कंपनी को भुगतान न करने के लिए उसने यह झूठी कहानी बनाई थी।
व्यापारी पर होगा कानूनी कार्रवाई का सामना
पुलिस अधीक्षक ने बताया कि झूठी सूचना देने और पुलिस का समय बर्बाद करने के लिए व्यापारी के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी। उन्होंने कहा कि इस प्रकार की घटनाएं न केवल कानून का उल्लंघन हैं, बल्कि वास्तविक पीड़ितों की मदद में बाधा उत्पन्न करती हैं।
सबक: ईमानदारी और संवाद से सुलझाएं समस्याएं
यह घटना इस बात का उदाहरण है कि वित्तीय दबाव में आकर गलत कदम उठाना स्थिति को और बिगाड़ सकता है। पुलिस प्रशासन ने इस मामले को सुलझाकर यह साबित कर दिया कि कोई भी झूठ ज्यादा देर तक छुप नहीं सकता। लोगों को चाहिए कि ऐसी समस्याओं का समाधान ईमानदारी और पारदर्शी संवाद से करें, न कि अवैध और अनैतिक तरीकों का सहारा लें।

Author: जगदंबा उपाध्याय, मुख्य व्यवसाय प्रभारी
जिद है दुनिया जीतने की