सर्वेश द्विवेदी की रिपोर्ट
देवरिया जनपद में स्थित राजकीय बाल गृह (बालक) का निरीक्षण जनपद न्यायाधीश एवं जिला विधिक सेवा प्राधिकरण के अध्यक्ष देवेन्द्र सिंह के मार्गदर्शन में किया गया। इस निरीक्षण दल में अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश छाया नैन (अध्यक्ष, अनुश्रवण समिति, आश्रय गृह), अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश एवं जिला विधिक सेवा प्राधिकरण के सचिव मनोज कुमार तिवारी तथा मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट मंजू कुमारी (सदस्य, अनुश्रवण समिति, आश्रय गृह) शामिल रहे।
निरीक्षण के दौरान अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश छाया नैन ने बच्चों के खान-पान और स्वास्थ्य की विशेष देखभाल पर जोर देते हुए संबंधित अधिकारियों को निर्देश दिया कि बच्चों को पौष्टिक भोजन उपलब्ध कराया जाए। इसके साथ ही, ठंड से बचाव के लिए गर्म कपड़ों की उचित व्यवस्था करने का भी आदेश दिया गया। उन्होंने बाल गृह में रखे गए सभी प्रपत्रों को व्यवस्थित करने और उनकी नियमित समीक्षा करने के निर्देश भी दिए।
अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश एवं जिला विधिक सेवा प्राधिकरण के सचिव मनोज कुमार तिवारी ने बाल गृह के प्रभारी अधीक्षक को निर्देशित किया कि बच्चों के नैतिक मूल्यों के विकास के लिए नियमित रूप से विभिन्न रचनात्मक और शैक्षिक गतिविधियों का आयोजन किया जाए। उन्होंने कहा कि बच्चों में नई ऊर्जा और आत्मविश्वास जगाने के लिए निबंध लेखन, योग, संगीत, चित्रकला जैसी प्रतियोगिताओं का आयोजन किया जाना चाहिए, जिससे वे मानसिक और शारीरिक रूप से सशक्त बन सकें।
मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट मंजू कुमारी ने निरीक्षण के दौरान बाल गृह परिसर की स्वच्छता और बच्चों के खेलने की समुचित व्यवस्था सुनिश्चित करने के निर्देश दिए। उन्होंने पठन-पाठन की सुविधाओं को और अधिक सुदृढ़ करने पर बल दिया, ताकि बच्चों को अच्छी शिक्षा मिल सके और वे एक उज्ज्वल भविष्य की ओर अग्रसर हो सकें।
निरीक्षण के दौरान राजकीय बाल गृह, देवरिया के प्रभारी अधीक्षक रामकृपाल सहित अन्य कर्मचारीगण भी उपस्थित रहे। अधिकारियों ने बाल गृह की व्यवस्थाओं का बारीकी से निरीक्षण किया और आवश्यक सुधार हेतु महत्वपूर्ण दिशा-निर्देश दिए।