संजय सिंह राणा की रिपोर्ट
चित्रकूट: विकास योजनाओं में पारदर्शिता और ईमानदारी का दावा करने वाली सरकारों के बावजूद, जमीनी हकीकत कुछ और ही कहानी बयां करती है। चित्रकूट जिले के रामनगर ब्लॉक स्थित ग्राम पंचायत अतरसुई में महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी अधिनियम (मनरेगा) के तहत कराए गए विकास कार्यों में बड़े पैमाने पर घोटाले का खुलासा हुआ है।
यह फर्जीवाड़ा पोखरी तालाब अमृत सरोवर के घाट और रैंप निर्माण कार्य में किया गया, जहां पुराने कार्य को नया दिखाकर लाखों रुपये का भुगतान कर दिया गया।
पुराने कार्य को नया बताकर लाखों की हेराफेरी
प्राप्त जानकारी के अनुसार, वित्तीय वर्ष 2015-16 में पोखरी तालाब के घाट और रैंप निर्माण के लिए लगभग 2 लाख 35 हजार रुपये का भुगतान किया गया था। हालांकि, वित्तीय वर्ष 2023-24 में फिर से इसी तालाब के घाट और रैंप निर्माण के नाम पर लाखों रुपये का भुगतान कर दिया गया, जबकि मौके पर कोई नया कार्य नहीं किया गया। यह संदेह जताया जा रहा है कि इस पूरे घोटाले में ग्राम प्रधान, पंचायत सचिव, तकनीकी सहायक और ठेकेदार की मिलीभगत है।
फर्जी फर्म के जरिए गबन
इस भ्रष्टाचार में कार्तिकेय ट्रेडर्स नामक फर्म का नाम सामने आया है, जिसके प्रोपराइटर विवेक कुमार मिश्रा हैं। इस फर्म का संचालन उनके बड़े भाई अतुल कुमार मिश्रा द्वारा किया जाता है। खास बात यह है कि इस फर्म पर पहले भी ग्राम पंचायत में मनरेगा योजना के तहत हुए कार्यों में फर्जीवाड़े के आरोप लग चुके हैं, लेकिन कोई सख्त कार्रवाई न होने के कारण भ्रष्टाचारियों का हौसला बढ़ता गया और उन्होंने दोबारा सरकारी धन का गबन कर लिया।
जांच की प्रक्रिया में भी घोटाले की बू
घोटाले की जानकारी उपायुक्त श्रम रोजगार को भी है। उन्होंने रामनगर खंड विकास अधिकारी से 2015-16 और 2023-24 के विकास कार्यों की पत्रावलियां मांगी थीं, लेकिन ग्राम प्रधान, सचिव और तकनीकी सहायक द्वारा पत्रावलियां उपलब्ध नहीं कराई गईं। इससे यह सवाल उठता है कि क्या खुद उपायुक्त श्रम रोजगार भी इस भ्रष्टाचार को दबाने में शामिल हैं?
जिला प्रशासन की चुप्पी पर सवाल
अब बड़ा सवाल यह उठता है कि जिला प्रशासन कब इस फर्जीवाड़े पर शिकंजा कसेगा? बिना कार्य कराए सरकारी धन का गबन करने वाले ग्राम प्रधान, सचिव, तकनीकी सहायक और ठेकेदार के खिलाफ कब एफआईआर दर्ज होगी? कब इनसे गबन की गई राशि की वसूली होगी?
यह साफ हो चुका है कि ग्राम पंचायत अतरसुई में विकास कार्यों के नाम पर भ्रष्टाचार का खेल लंबे समय से चल रहा है। यदि समय रहते इस पर सख्त कार्रवाई नहीं की गई, तो यह मनरेगा जैसी जनहितकारी योजना की साख पर बड़ा सवाल खड़ा करेगा। प्रशासन को जल्द से जल्द इस मामले की निष्पक्ष जांच कर दोषियों के खिलाफ कठोर कदम उठाने की जरूरत है।