हरीश चन्द्र गुप्ता की रिपोर्ट
वाड्रफनगर(छत्तीसगढ़)। आगामी त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव 2025 के मद्देनजर बस्तर संभाग के सक्रिय सामाजिक कार्यकर्ता और प्रदेश कांग्रेस कमेटी के सचिव रामदेव जगते ने सुलसुली (अनुसूचित जनजाति मुक्त) सीट से जिला पंचायत सदस्य का चुनाव लड़ने की तैयारियां तेज कर दी हैं। इसके तहत वे विगत कई महीनों से क्षेत्र के विभिन्न सामाजिक संगठनों, जनप्रतिनिधियों, व्यापारियों, छात्रों, खिलाड़ियों, महिलाओं, किसानों और कांग्रेस पार्टी के कार्यकर्ताओं से डोर-टू-डोर संपर्क कर रायसुमारी कर रहे हैं।
राजनीतिक अनुभव और पिछला चुनाव
रामदेव जगते पूर्व में जनपद पंचायत में विकास खंड समन्वयक (एसबीएम) के पद पर कार्यरत थे, लेकिन जनसेवा के उद्देश्य से उन्होंने अपनी नौकरी छोड़ दी। वर्ष 2020 में उन्होंने कोगवार (अनुसूचित जनजाति मुक्त) सीट से जिला पंचायत सदस्य का चुनाव लड़ा था। इस चुनाव में उनका मुकाबला वर्तमान सरकार में मंत्री रामविचार नेताम की धर्मपत्नी एवं पूर्व जिला पंचायत अध्यक्ष श्रीमती पुष्पा नेताम से हुआ था। यह मुकाबला बेहद कड़ा रहा, जिसमें रामदेव जगते महज 6 वोटों से पराजित हो गए।
हालांकि, रामदेव जगते का कहना है कि पिछला चुनाव उनके लिए एक साजिश का हिस्सा था। उन्होंने आरोप लगाया कि शासन-प्रशासन की मिलीभगत और फर्जी दस्तावेजों के सहारे उन्हें हराया गया। इस संबंध में उनका याचिका आज भी संचालक पंचायत रायपुर में विचाराधीन है। वे कहते हैं कि, “मैंने न झुका, न बिका और न्याय के लिए अपनी लड़ाई जारी रखी। परंतु लोकतांत्रिक व्यवस्था में ऐसे षड्यंत्र लोकतंत्र की हत्या के समान हैं।”
सीट परिसीमन और सुलसुली क्षेत्र से तैयारी
पिछले चुनाव के बाद परिसीमन प्रक्रिया के तहत कोगवार क्षेत्र को अनुसूचित जाति (महिला) सीट घोषित कर दिया गया। इस बदलाव के कारण रामदेव जगते ने सुलसुली क्षेत्र (अनुसूचित जनजाति मुक्त) से चुनाव लड़ने का निर्णय लिया। पिछले कुछ महीनों से वे इस क्षेत्र में सघन दौरे कर रहे हैं और जनता से मिलकर अपनी उम्मीदवारी को लेकर समर्थन जुटा रहे हैं।
सामाजिक जुड़ाव और राजनीतिक सक्रियता
रामदेव जगते का नाम क्षेत्र में एक मिलनसार, शिक्षित और ईमानदार जनसेवक के रूप में जाना जाता है। वे लंबे समय से कांग्रेस पार्टी से जुड़े हैं और छात्र संघ से लेकर बूथ, सेक्टर, ब्लॉक और जिला स्तर तक पार्टी के लिए सक्रिय रूप से काम कर चुके हैं। वर्तमान में वे प्रदेश कांग्रेस कमेटी में सचिव और सर्व आदिवासी समाज तथा गोंड समाज जैसे कई संगठनों से जुड़े हुए हैं।
परिवारिक पृष्ठभूमि और पंचायती राज का अनुभव
रामदेव जगते का परिवार भी पंचायती राज व्यवस्था में सक्रिय भूमिका निभा चुका है। उनकी पत्नी श्रीमती देवीसोनम सिंह ग्राम पंचायत महेवा की सरपंच और सरपंच संघ, जनपद पंचायत वाड्रफनगर की अध्यक्ष रह चुकी हैं। रामदेव जगते का मानना है कि उनके अनुभव और परिवार के योगदान का लाभ क्षेत्र की जनता को मिलेगा।
जनता से अपील और आगामी चुनाव की उम्मीद
रामदेव जगते का मानना है कि जनता का उनके प्रति जो प्यार और समर्थन है, वह आगामी चुनाव में उनकी जीत सुनिश्चित करेगा। वे कहते हैं कि, “यदि मुझे जिला पंचायत सदस्य के रूप में जिम्मेदारी मिलती है, तो मैं क्षेत्र के सर्वांगीण विकास के लिए हरसंभव प्रयास करूंगा।”
अब देखना यह है कि सुलसुली क्षेत्र की जनता रामदेव जगते जैसे नेतृत्व क्षमता, ईमानदारी और जनसेवा के प्रति समर्पित नेता को भारी मतों से विजयी बनाकर क्षेत्र का नेतृत्व सौंपती है या नहीं।
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Author: जगदंबा उपाध्याय, मुख्य व्यवसाय प्रभारी
जिद है दुनिया जीतने की