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11 January 2025 10:17 pm

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एनआरआई ने भाई की हत्या के मामले में गंभीर आरोप लगाए, पत्नी और उसके प्रेमी को बताया दोषी

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संजय सिंह राणा की रिपोर्ट

चित्रकूट। सदर कोतवाली क्षेत्र के रामपुरी/लक्ष्मणपुरी निवासी शरद कुमार बख्शी, जो वर्तमान में रूस के मॉस्को में रहते हैं, ने अपने भाई भवनाथ बख्शी की संदिग्ध परिस्थितियों में हुई मौत को लेकर गंभीर आरोप लगाए हैं। उन्होंने भाई की पत्नी प्रतिमा बख्शी, उसके प्रेमी दीपक दुबे, और बेटे अभय बख्शी पर हत्या का आरोप लगाते हुए कहा कि यह पूरी साजिश पुश्तैनी संपत्ति हड़पने के लिए रची गई थी।

भाई को जहर देकर हत्या का आरोप

शरद कुमार बख्शी ने प्रेस विज्ञप्ति के माध्यम से बताया कि उनके भाई भवनाथ बख्शी को उनकी पत्नी प्रतिमा बख्शी ने अपने प्रेमी दीपक दुबे (जो गार्जियन जिम का मालिक और ट्रेनर है) और बेटे अभय बख्शी के साथ मिलकर बंधक बना लिया था। शरद के अनुसार, भवनाथ को रस्सियों से चारपाई पर बांधकर रखा जाता था और खाने में धीरे-धीरे जहर दिया गया, जिससे उनकी 8 नवंबर 2024 को मृत्यु हो गई।

शव जलाने और सबूत मिटाने का आरोप

एनआरआई ने आरोप लगाया कि हत्या के बाद साक्ष्य मिटाने के लिए भवनाथ बख्शी के शव को सुबह-सुबह चोरी-छुपे श्मशान घाट में जला दिया गया। न तो परिवार के अन्य सदस्यों, जैसे शरद कुमार, भवनाथ के बड़े बेटे अमरनाथ बख्शी, और बहनों भवतारिणी व नीता को इस घटना की सूचना दी गई, और न ही पुलिस को जानकारी दी गई।

पुश्तैनी संपत्ति को लेकर विवाद

शरद कुमार ने यह भी आरोप लगाया कि प्रतिमा बख्शी खुद को भवनाथ की दूसरी पत्नी बताती हैं और संपत्ति हड़पने के लिए फर्जी दस्तावेज तैयार करवाए हैं। उनके अनुसार, प्रतिमा और दीपक लंबे समय से अवैध संबंध में थे, जिसका भवनाथ विरोध करते थे। इसी नाराजगी में हत्या की साजिश रची गई।

बंधक बनाकर उगाही का आरोप

एनआरआई ने खुलासा किया कि आरोपियों ने उनसे 45,000 रुपये की उगाही की कोशिश की। 23 अक्टूबर 2024 को शरद कुमार को एक वीडियो भेजा गया, जिसमें भवनाथ को चारपाई पर बंधक बनाकर रखा गया था। वीडियो के साथ धमकी दी गई कि यदि पैसे नहीं भेजे गए, तो वह अपने भाई को कभी नहीं देख पाएंगे।

भाई ने खुद बताई थी जहर देने की बात

शरद ने बताया कि मॉस्को से उन्होंने किसी तरह भवनाथ से फोन पर संपर्क किया था। भवनाथ ने कहा कि उन्हें भूखा रखा जा रहा है और खाने में जहर मिलाया जा रहा है। उन्होंने शरद से जल्द भारत आकर बचाने की गुहार लगाई थी। शरद ने तीन हफ्ते में भारत लौटने और कार्रवाई का आश्वासन दिया था, लेकिन इसी बीच 8 नवंबर को उनकी हत्या कर दी गई।

पुलिस पर कार्रवाई न करने का आरोप

शरद कुमार ने पुलिस पर गंभीर आरोप लगाते हुए कहा कि उन्होंने घटना की शिकायत कोतवाली कर्वी में की, लेकिन पुलिस ने कोई रिपोर्ट दर्ज नहीं की। उनका कहना है कि आरोपियों के प्रभाव के चलते पुलिस मामले को दबाने की कोशिश कर रही है। शरद ने बताया कि वह पुलिस अधीक्षक, मानवाधिकार आयोग, और अन्य उच्च अधिकारियों से भी न्याय की गुहार लगा चुके हैं, लेकिन कोई सुनवाई नहीं हो रही।

न्यायालय की शरण लेने की चेतावनी

शरद ने कहा कि यदि पुलिस प्रशासन कोई कार्रवाई नहीं करता, तो वह मजबूर होकर न्यायालय की शरण लेंगे। उनका कहना है कि अपने ही देश में न्याय न मिलना उनके लिए बेहद निराशाजनक है।

यह मामला पुलिस और प्रशासनिक व्यवस्था पर गंभीर सवाल खड़े करता है। पीड़ित परिवार न्याय की आस लगाए हुए है, लेकिन प्रशासन की निष्क्रियता से उनकी उम्मीदें टूटती दिख रही हैं।

samachar
Author: samachar

"कलम हमेशा लिखती हैं इतिहास क्रांति के नारों का, कलमकार की कलम ख़रीदे सत्ता की औकात नहीं.."

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