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17 January 2025 4:00 pm

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पशु तस्करी पर सख्ती की मांग, किसानों ने पुलिस और अधिकारियों को लिखा शिकायती पत्र

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सोनू करवरिया की रिपोर्ट

बांदा,नरैनी क्षेत्र में पशु तस्करी और ओवरलोड वाहनों के जरिए हो रही क्रूरता को लेकर किसानों ने अपनी आवाज बुलंद की है। किसानों ने पुलिस थानों से लेकर उच्चाधिकारियों तक शिकायती पत्र भेजकर सख्त कार्यवाही की मांग की है।

किसानों का आरोप है कि मध्य प्रदेश से उत्तर प्रदेश में पशुओं को अवैध रूप से बध के लिए ले जाया जा रहा है। इन वाहनों में डबल पार्टीशन का इस्तेमाल किया जाता है और रस्सियों से पशुओं को निर्दयतापूर्वक बांधा जाता है, जिससे उनकी हालत गंभीर हो जाती है।

शिकायतकर्ताओं, जिनमें सुशील कुमार सहित अन्य किसान शामिल हैं, ने बताया कि इस अवैध गतिविधि में रंजीतपुर निवासी फरीद और लहुरेटा निवासी रिजवान का हाथ है। ये लोग स्थानीय पुलिस के साथ साठगांठ करके इन वाहनों को निकलवा देते हैं, जिससे कार्रवाई में देरी होती है। किसानों का कहना है कि पुलिस अक्सर तब तक कार्रवाई नहीं करती जब तक सीओ या एसपी का हस्तक्षेप न हो।

हाल ही में फतेहगंज थाने में पकड़े गए वाहनों की जांच में पाया गया कि उनमें दूध देने वाली भैंसें और छोटे बच्चे थे। इन वाहनों के पास न तो कोई परमिट था, न ही पशुओं का डॉक्टरी फिटनेस प्रमाण पत्र। पकड़े गए पशुओं को गौशाला में सुपुर्द किया गया है।

वहीं, इस मामले में फरीद ने कहा कि आपसी ईर्ष्या के कारण उनके वाहनों को पकड़ा गया है और उनके पास व्यापार करने का लाइसेंस है। दूसरी ओर, रिजवान ने दावा किया कि वह किसी भी गैरकानूनी गतिविधि में शामिल नहीं है।

फतेहगंज पुलिस ने मामले की जांच शुरू कर दी है। हालांकि, किसानों का कहना है कि ऐसी घटनाओं पर लगाम लगाने के लिए पुलिस को सख्त और तेज कार्रवाई करनी चाहिए, ताकि पशु क्रूरता जैसी अमानवीय गतिविधियां बंद हो सकें।

samachar
Author: samachar

"कलम हमेशा लिखती हैं इतिहास क्रांति के नारों का, कलमकार की कलम ख़रीदे सत्ता की औकात नहीं.."

1 thought on “पशु तस्करी पर सख्ती की मांग, किसानों ने पुलिस और अधिकारियों को लिखा शिकायती पत्र”

  1. लालच बुरी बला होती है यदि सरकार द्वारा हिंदुस्तान में जितने भी चलने वाले बीफ के कत्ल खाने अवैध घोषत कर दिए जाएं। उनकी वैधता के लाइसेंस रद्द किए जाय तो बहुत हद तक इस पर अंकुश से लगाए जा सकता है।ताजुब इस बात का है कि एशिया में सबसे ज्यादा यह करोबार यहीं पर हैं ।

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