जगदंबा उपाध्याय की रिपोर्ट
गाजीपुर जिले के ग्राम पंचायत पलिवार में 65 लाख रुपये के कथित भ्रष्टाचार का मामला वर्षों से जांच के दायरे में है, लेकिन अब तक कोई ठोस निष्कर्ष सामने नहीं आया है। इस संबंध में प्रार्थी धर्मेंद्र पांडेय ने दिनांक 25 अगस्त 2024 को उत्तर प्रदेश के माननीय मुख्यमंत्री को पत्र लिखकर इस मामले में निष्पक्ष और शीघ्र जांच की मांग की थी। उन्होंने इस पत्र के साथ 82 अखबार और पत्रों की छायाप्रतियां भी संलग्न की थीं।
यह शिकायती पत्र 26 अगस्त 2024 को जिला पंचायत राज अधिकारी (डीपीआरओ), गाजीपुर को प्राप्त हुआ था। बावजूद इसके, जांच प्रक्रिया की अंतिम रिपोर्ट पिछले तीन वर्षों से जिला प्रशासन द्वारा प्रस्तुत नहीं की गई है। जानकारी के अनुसार, इस मामले की जांच खादी और ग्रामोद्योग विभाग के डिप्टी कमिश्नर अजय गुप्ता के नेतृत्व में की जा रही थी। अजय गुप्ता ने ग्राम पंचायत में 65 लाख रुपये के घोटाले की पुष्टि की थी, लेकिन अब तक किसी भी प्रकार की रिकवरी नहीं की गई है।
प्रार्थी धर्मेंद्र पांडेय ने इस संबंध में कई बार जिला अधिकारी (डीएम), जिला पंचायत राज अधिकारी (डीपीआरओ), और खंड विकास अधिकारी (बीडीओ) को पत्र लिखकर अवगत कराया, लेकिन अधिकारियों की ओर से कोई कार्रवाई नहीं की गई। उन्होंने इस मामले में सूचना का अधिकार (आरटीआई) के तहत भी जानकारी मांगी, लेकिन इसका भी कोई उत्तर नहीं दिया गया।
प्रार्थी पर जानलेवा हमला और साजिश का आरोप
धर्मेंद्र पांडेय ने यह भी आरोप लगाया है कि ग्राम प्रधान ने उनके खिलाफ षड्यंत्र रचकर उन पर हमला कराया। साथ ही, उन्हें झूठे मामले में फंसाने की कोशिशें भी की गईं। प्रार्थी ने यह स्पष्ट किया है कि यदि उनके साथ कोई अनहोनी होती है, तो इसकी पूरी जिम्मेदारी संबंधित अधिकारियों और ग्राम प्रधान की होगी।
यह प्रकरण केवल भ्रष्टाचार की जांच में प्रशासनिक सुस्ती का मामला नहीं है, बल्कि इसमें न्याय की मांग करने वाले व्यक्ति की सुरक्षा का गंभीर सवाल भी खड़ा होता है। मामले की संवेदनशीलता को देखते हुए उत्तर प्रदेश सरकार और जिला प्रशासन को तुरंत हस्तक्षेप कर आवश्यक कार्रवाई करनी चाहिए।
Author: samachar
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